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Saturday 14 August 2021 01:01:17 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने केलिए सशस्त्र बलों और रक्षा मंत्रालय के विभिन्न संगठनों के आयोजित प्रमुख कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आभासी ढंग से शुभारंभ किया, जिसे 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूपमें मनाया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन, जो लोगों में राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करेंगे केलिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन 'अनेकता में एकता' के भारतीय लोकाचार का प्रतिनिधित्व करते हैं। राजनाथ सिंह ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने केलिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कारगिल युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा को याद करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि वीर नायकों की बहादुरी और गहरा जज़्बा आने वाली पीढ़ियों केलिए हमेशा प्रेरणा बना रहेगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पित पांच स्तंभ- स्वतंत्रता संघर्ष, 75 साल पर आइडियाज़, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 साल पर एक्शन और 75 साल पर संकल्प पर भी प्रकाश डाला। रक्षामंत्री ने कहा कि यह पांच स्तंभ देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ने केलिए एक मार्गदर्शक शक्ति के रूपमें कार्य कर रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य एक शक्तिशाली और आत्मनिर्भर भारत बनाना है, जो शांतिप्रिय हो, लेकिन जब भी चुनौती दी जाए तो इसका मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हो। उन्होंने राष्ट्र को आश्वासन दिया कि सशस्त्रबल राष्ट्र की सुरक्षा, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाली किसी भी चुनौती से निपटने केलिए पूरी तरह सुसज्जित हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिए गए फैसले देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। रक्षामंत्री ने कहा कि देश को रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, आत्मनिर्भरता और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने केलिए दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों को अधिसूचित करने समेत सरकार के किए गए उपायों के कारण आयात पर देश की निर्भरता में काफी कमी आई है। उन्होंने स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत का भी विशेष उल्लेख किया, जो भारत में बनाया जाने वाला पहला विमानवाहक पोत है और कहा कि यह बहुत गर्व का क्षण था, जब विमानवाहक पोत ने हाल ही में अपनी पहली समुद्री यात्रा की।
राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में नागरिक प्रशासन को निरंतर सहयोग प्रदान करने केलिए सशस्त्र बलों और रक्षा मंत्रालय के विभिन्न संगठनों की सराहना की। उन्होंने देशभर में कोविड देखभाल अस्पतालों की स्थापना और कोविड-विरोधी दवा '2-डीजी' विकसित करने में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने केलिए नागरिक अधिकारियों को रसद सहायता प्रदान करने केलिए सशस्त्र बलों की भी सराहना की। रक्षामंत्री ने टोक्यो ओलंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन केलिए भारतीय दल को विशेष रूपसे सूबेदार नीरज चोपड़ा, बधाई दी, जिन्होंने भाला फेंक में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक जीता है। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नेतृत्व की भूमिका केलिए महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया। उन्होंने कहा कि सशस्त्रबलों के बीच संयुक्तता बढ़ाने केलिए किए गए प्रयासों से उनकी क्षमताओं में वृद्धि होगी।
रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने विभिन्न कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण देते हुए कहा कि इनका उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करना है। थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) बी आनंद, सचिव रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग तथा अध्यक्ष (डीआरडीओ) डॉ जी सतीश रेड्डी, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) संजीव मित्तल, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक के नटराजन, महानिदेशक राष्ट्रीय कैडेट कोर लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच, महानिदेशक सीमा सड़क संगठन लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।