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डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0 का शुभारंभ

डीआईएससी आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र के संकल्प का प्रतिबिंब-रक्षामंत्री

निजी क्षेत्र से आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग निर्माण में योगदान का आग्रह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 20 August 2021 12:59:56 PM

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नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से रक्षा उत्कृष्टता केलिए नवाचार-रक्षा नवाचार संगठन (आई-डेक्स-डीआईओ) के अंतर्गत डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0 का शुभारंभ किया। पैंतीस समस्या विवरण-13 सेवाओं और 22 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) से- का डीआईएससी 5.0 के तहत अनावरण किया गया। ये सिचुएशनल अवेयरनेस, ऑगमेंटेड रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एयरक्राफ्ट-ट्रेनर, नॉन-लेथ डिवाइस, 5G नेटवर्क, अंडर-वाटर डोमेन अवेयरनेस, ड्रोन स्वार्म और डेटा कैप्चरिंग जैसे क्षेत्रों में हैं। निकट भविष्य में सैन्य लाभ सुनिश्चित करने केलिए डिज़ाइन किए गए समस्या विवरण अबतक के किसी भी संस्करण में सबसे अधिक हैं। आई-डेक्स-डीआईओ के प्रयासों की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने डीआईएससी 5.0 को रक्षा क्षेत्र में स्वतंत्रता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बताया, क्योंकि इसका शुभारंभ ऐसे समय में हुआ है, जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डीआईएससी 5.0 एक आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र बनाने के सरकार के संकल्प का प्रतिबिंब है, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह चुनौती अपने पहले के संस्करणों से आगे बढ़ेगी और नवाचार, डिजाइन एवं विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने डीआईएससी के पिछले चार संस्करणों पर प्रकाश डाला और कहा कि 80 से अधिक स्टार्टअप, एमएसएमई और व्यक्तिगत नवप्रवर्तक 40 से अधिक तकनीकी क्षेत्रों में विजेताओं के रूपमें शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि डीआईएससी 5.0 में लॉंच किए गए आधुनिक और भविष्य के समस्या विवरण डीआईएससी में युवा उद्यमियों और नवप्रवर्तकों के विश्वास को व्यक्त करते हैं। रक्षामंत्री ने दुनिया में तेजी से बदलते भू-राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए एक मजबूत, आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित सेना और समान रूपसे सक्षम एवं आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग बनाने के महत्व को रेखांकित किया।
रक्षामंत्री ने कहा कि आई-डेक्स एक ऐसा मंच प्रदान करके एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसमें सरकार, सेवाएं, थिंक टैंक, उद्योग, स्टार्टअप और इनोवेटर्स मिलकर काम कर सकते हैं, ताकि रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद मिल सके। राजनाथ सिंह ने कहा कि डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज और ओपन चैलेंज हमारे युवाओं और उद्यमियों को कई अवसर प्रदान करते हैं, वे भारत के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान की क्षमता को उजागर करके रक्षा नवाचार और क्षमताओं को एक नई दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि आई-डेक्स4 फौजी एक ऐसी ही पहल है, जो सेवाकर्मियों को इन क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करती है। आई-डेक्स की व्यापक रूपरेखा पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि यह पहल देश में प्रतिभा और मांग के बीच की खाई को पाटने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि आई-डेक्स उद्योग को नवाचार, R&D का एक मजबूत आधार प्रदान करता है, ऐसी पहल हमारे युवाओं, शिक्षाविदों, अनुसंधान एवं विकास, स्टार्ट-अप और सशस्त्र बलों के बीच एक कड़ी बनाती है।
राजनाथ सिंह ने नवाचार को बढ़ावा देने केलिए रक्षा मंत्रालय के उपायों को सूचीबद्ध किया जैसेकि रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी-2020) के तहत आई-डेक्स को खरीद के रूपमें शामिल करना, वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए आई-डेक्स के माध्यम से घरेलू खरीद के लिए 1,000 करोड़ रुपये और रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में 300 से अधिक स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा देने केलिए अगले पांच वर्ष केलिए 498.8 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी देना। रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आई-डेक्स अगले पांच वर्ष में पांच गुना अधिक स्टार्ट-अप को सहारा देगा, क्योंकि इसका उद्देश्य प्रगति में तेजी लाना, लागत कम करना और समयबद्ध तरीके से खरीद को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 5 आई (आइडेंटिफाई, इनक्यूबेट, इनोवेट, इंटीग्रेट और इंडीजेनाइज़) की अवधारणा को अपनाने की जरूरत है। राजनाथ सिंह ने सरकार की कई पहलों का भी उल्लेख किया, जिसमें निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी बढ़ाने के कदम, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और 200 से अधिक वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के साथ-साथ रोज़गार के अवसर पैदा करना शामिल है।
स्वदेशी रूपसे विकसित विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकियों केलिए विभिन्न हितधारकों की सराहना करते हुए रक्षामंत्री ने 'मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने केलिए नई प्रौद्योगिकियों की पहचान और विकास करने का आह्वान किया। उन्होंने निजी क्षेत्र से आगे आकर आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र के निर्माण में योगदान देने को कहा और सरकार के हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया। सचिव (रक्षा उत्पादन) राज कुमार ने नवाचार और आत्मनिर्भरता को आई-डेक्स के दो पहलू करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारितंत्र है और ये स्टार्टअप न केवल धन निर्माता हैं, बल्कि रोज़गार पैदा करने वाले भी हैं। उन्होंने कहा कि आज युद्ध की प्रकृति प्रौद्योगिकी संचालित है और ये स्टार्टअप स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को विकसित करने, आयात को कम करने और निर्यात में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ से लेकर चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी वाइस एडमिरल एके जैन, युवा नवप्रवर्तनकर्ताओं और उद्योग के प्रतिनिधियों ने आभासी तरीक़े से कार्यक्रम में भाग लिया।
डीआईएससी 5.0 को डीआईएससी 1.0 के लॉंच के तीन साल बाद आईडेक्स-डीआईओ द्वारा लॉन्च किया गया है। डीआईएससी 5.0 का लॉंच भारत की रक्षा प्रौद्योगिकियों, उपकरण डिजाइन और विनिर्माण क्षमताओं को विकसित करने केलिए स्टार्टअप पारितंत्र का लाभ उठाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह स्टार्टअप्स को नवीन अवधारणाओं के प्रति अधिक अभ्यस्त होने और भारत के नवोदित उद्यमियों में रचनात्मक सोच के दृष्टिकोण को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। आई-डेक्स पहल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2018 में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्रों में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने केलिए शुरु किया था।

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