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असम में कार्बी आंगलोंग मुख्यधारा में आए

गृह मंत्री की उपस्थिति में ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौता

असम की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने का मार्गप्रशस्त हुआ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 4 September 2021 07:01:35 PM

historic karbi anglong agreement in the presence of home minister

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम की क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने वाले दशकों पुराने संकट को समाप्त करने केलिए ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौते पर आज नई दिल्ली में हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन जलमार्ग एवं आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, मुख्य कार्यकारी सदस्य केएएसी तुलीराम रोंगहांग, कार्बी लोंगरी नॉर्थ कछार हिल्स लिबरेशन फ्रंट/ केएलएनएलएफ, पीपुल्स डेमोक्रेटिक काउंसिल ऑफ कार्बी लोंगरी/ पीडीसीके, यूनाइटेड पीपुल्स लिबरेशन आर्मी/ यूपीएलए, कार्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स/ केपीएलटी गुटों के प्रतिनिधियों सहित केंद्रीय गृह मंत्रालय और असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कार्बी आंगलोंग ऐतिहासिक समझौते के फलस्‍वरूप 1000 से अधिक सशस्त्र कैडर हिंसा का त्‍याग कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। कार्बी क्षेत्रों में विशेष विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार और असम सरकार द्वारा पांच वर्ष में 1000 करोड़ रुपये का एक विशेष विकास पैकेज दिया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कार्बी समझौता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उग्रवाद मुक्त समृद्ध पूर्वोत्तर के दृष्टिकोण में एक और मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि ये समझौता असम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। अमित शाह ने कहा कि जबसे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं तबसे पूर्वोत्तर उनका ना सिर्फ़ फ़ोकस का क्षेत्र रहा है, बल्कि नॉर्थ ईस्ट का सर्वांगीण विकास और वहां शांति और समृद्धि मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की नीति है कि जो हथियार छोड़कर आते हैं, उनके साथ और अधिक विनम्रता से बात करके और जो वो मांगते हैं, उससे अधिक देकर उन्हें विकास की मुख्यधारा में समाहित करते हैं। अमित शाह ने कहा कि इसी नीति के परिणामस्वरूप जो पुरानी समस्याएं मोदी सरकार को विरासत में मिली थीं, उन्हें हम एक एक करके समाप्त करते जा रहे हैं। गृहमंत्री ने कहा कि हम समझौतों की सभी शर्तों को अपने ही कार्यकाल में पूरा करते हैं और इन्हें पूरा करने का मोदी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड है। समझौते की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-यह समझौता असम की क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता को प्रभावित किए बिना, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद को और अधिक स्वायत्तता का हस्तांतरण, कार्बी लोगों की पहचान, भाषा, संस्कृति आदि की सुरक्षा और परिषद क्षेत्र में सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करेगा।
समझौते में सभी पक्ष कार्बी सशस्त्र समूह हिंसा को त्यागने और देश के कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सहमत हुए हैं। समझौते में सशस्त्र समूहों के कैडरों के पुनर्वास का भी प्रावधान है। असम सरकार कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद क्षेत्र से बाहर रहने वाले कार्बी लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक कार्बी कल्याण परिषद की स्थापना करेगी। कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के संसाधनों की पूर्ति के लिए राज्य की संचित निधि को बढ़ाया जाएगा। वर्तमान समझौते में कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद को समग्र रूप से और अधिक विधायी, कार्यकारी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां देने का प्रस्ताव है।

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