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Tuesday 14 September 2021 12:21:56 PM
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने जलवायु एवं वित्तीय संग्रहण संवाद यानी क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (सीएएफएमडी) का शुभारम्भ किया है, जो अप्रैल 2021 में जलवायु पर लीडर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन द्वारा लॉंच भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 भागीदारी के दो ट्रैक में से एक है। नई दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री भूपेंद्र यादव और अमेरिका के राष्ट्रपति के जलवायु पर विशेष दूत (एसपीईसी) जॉन केरी ने संवाद की औपचारिक शुरुआत की।
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि संवाद से न सिर्फ भारत-अमेरिका की जलवायु और पर्यावरण पर द्विपक्षीय भागीदारी को मजबूती मिलेगी, बल्कि इससे यह प्रदर्शित करने में भी सहायता मिलेगी कि कैसे दुनिया राष्ट्रीय परिस्थितियों और सतत विकास की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए समावेशी और लचीले आर्थिक विकास के साथ जलवायु पर तत्परता से एकजुट हो सकती है। पर्यावरण मंत्री ने दो परिपक्व और जीवंत लोकतंत्रों के साझा किए गए गहरे संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि भारत-अमेरिका साझा मूल्यों के साथ स्वाभाविक भागीदार हैं और हमारे एजेंडे में रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित रणनीतिक प्राथमिकताओं के सभी प्रमुख स्तंभ शामिल हैं। जॉन केरी ने 2030 तक 450 गीगावॉट नवीनीकृत ऊर्जा हासिल करने का बड़ा लक्ष्य तय करने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की और भारत को 100 गीगावॉट हासिल करने केलिए भारत को बधाई दी।
अमेरिका के जलवायु दूत जॉन केरी ने यह दिखाने केलिए भारत के नेतृत्व की भूमिका की सराहना की कि कैसे आर्थिक विकास और स्वच्छ ऊर्जा पर एक साथ काम किया जा सकता है और उन्होंने कहा कि ग्लोबल क्लाइमेट एक्शन वक्त की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका स्वच्छ ऊर्जा को तेजी से लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं। बैठक भी हुई जहां दोनों पक्षों ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस, एग्रीकल्चर इनोवेटिव मिशन फॉर क्लाइमेट, सीओपी26, जलवायु महत्वाकांक्षा, जलवायु वित्त और वैश्विक जलवायु पहलों से संबंधित जलवायु मुद्दों पर व्यापक विमर्श किया।