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Saturday 9 October 2021 03:48:49 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ हैदराबाद हाउस में संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन की पहली भारत यात्रा और उनके साथ आए डेनिश प्रतिनिधियों एवं व्यापारिक नेताओं का बड़े ही गर्मजोशी से स्वागत किया। नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि हमारी मुलाकात भले ही पहली रू-ब-रू मुलाकात है, लेकिन कोरोना कालखंड में भी भारत-डेनमार्क के बीच संपर्क और सहयोग की गति बरकरार रही है। उन्होंने कहा कि आज से एक साल पहले हमने आभासी शिखर सम्मेलन में भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था, यह दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी एक उदाहरण है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयास और तकनीक के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए हरित विकास केलिए काम किया जा सकता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने इस साझेदारी के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा की और आनेवाले समय में जलवायु परिवर्तन के विषय पर सहयोग बढ़ाने पर अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि डेनमार्क अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का सदस्य बन गया है और हमारे सहयोग में यह एक नया आयाम जुड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डेनिश कंपनियों के लिए भारत नया नहीं है, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण, रसद, बुनियादी ढांचा, मशीनरी, सॉफ्टवेयर आदि अनेक क्षेत्रों में डेनिश कंपनियां लंबे समय से भारत में काम कर रही हैं, उन्होंने न सिर्फ 'मेक इन इंडिया', बल्कि 'मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड' को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति केलिए जो हमारा विजन है, जिस पैमाने और गति से हम आगे बढ़ना चाहते हैं, उसमे डेनिश विशेषज्ञता और डेनिश तकनीक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में आए सुधार विशेष रूपसे निर्माण क्षेत्र में उठाए गए कदम ऐसी कंपनियों केलिए अपार अवसर प्रस्तुत कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने वक्तव्य में भारत और डेनमार्क के बीच द्विपक्षीय सहयोग का नया अध्याय लिखने वाले निर्णयों और विचारों को साझा किया।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने आज एक निर्णय यह भी लिया है कि हम अपने सहयोग के दायरे का सतत रूपसे विस्तार करते रहेंगे, उसमें नए आयाम जोड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नई पार्टनरशिप की शुरुआत की है, भारत में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने केलिए कृषि संबंधित तकनीक में भी सहयोग करने का निर्णय लिया है, इसके अंतर्गत खाद्य सुरक्षा, कोल्ड चेन, खाद्य प्रसंस्करण, उर्वरक, मत्स्य पालन, जलीय कृषि आदि अनेक क्षेत्रों की तकनीकों पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम स्मार्ट जल संसाधन प्रबंधन, 'वेस्ट टू बेस्ट' और कुशल आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग करेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अनेक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बहुत उपयोगी चर्चा की। उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर डेनमार्क की ओर से भारत को मिले मजबूत समर्थन केलिए डेनमार्क के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में भी हम दो लोकतांत्रिक मूल्यों वाले देश एक-दूसरे के साथ इसी प्रकार से मजबूत सहयोग और समन्वय के साथ काम करते रहेंगे। उन्होंने अगली भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने और डेनमार्क यात्रा के निमंत्रण केलिए आभार भी जताया।