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आतंकवाद का स्रोत न बने अफगान-मोदी

प्रधानमंत्री का जी20 विशेष शिखर सम्मेलन में संबोधन

'अफगान लोगों की पीड़ा को महसूस कर रहा है भारत'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 13 October 2021 01:50:32 PM

narendra modi virtually participates in the g20 extraordinary summit on afghanistan

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां आजतक जारी आतंकवादी और कट्टरपंथी हिंसक घटनाओं और जनसामान्य पर उनके गहरे संकट का संज्ञान लेते हुए वैश्विक राजनेताओं के साथ पहले जी20 विशेष शिखर सम्मेलन में वर्चुअल हिस्सा लिया। शिखर सम्मेलन इटली की ओर से आयोजित किया गया था, जिसकी अध्यक्षता इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने की। शिखर सम्मेलन में जिन मसलों पर विचार-विमर्श किया गया, उनमें अफगानिस्तान की मौजूदा मानवीय स्थिति, आतंकवाद संबंधी चिंताएं और वहां मानवाधिकारों के हनन से जुड़े मसले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान पर इटली जी20 प्रेज़िडेंसी की पहल का स्वागत किया। उन्होंने भारत और अफगानिस्तान के बीच सदियों पुराने सौहार्दपूर्ण पारस्परिक संबंधों का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन दो दशक में भारत ने अफगानिस्तान में युवाओं और महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक विकास और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि भारत ने अफगानिस्तान में 500 से ज्यादा विकास परियोजनाओं को कार्यांवित किया है, अफगान लोगों के मन में भारत के प्रति मित्रता की भावना है और हर भारतीय भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों का दर्द महसूस करता है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को ये सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया कि अफगानिस्तान को मानवीय सहायता तक तत्काल और निर्बाध पहुंच हासिल हो। प्रधानमंत्री ने ये सुनिश्चित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया कि क्षेत्रीय या वैश्विक स्तरपर अफगान क्षेत्र कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत न बन जाए। उन्होंने इस क्षेत्र में कट्टरपंथ, आतंकवाद और नशीले पदार्थों एवं हथियारों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में एक समावेशी प्रशासन का आह्वान किया, जिसमें महिलाएं और अल्पसंख्यक भी शामिल हों, ताकि बीते 20 साल में हासिल की गई सामाजिक एवं आर्थिक तरक्की को बचाया जा सके और कट्टरपंथी विचारधारा के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने अफगानिस्तान में संयुक्तराष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका केलिए अपना समर्थन जताया और अफगानिस्तान पर संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में निहित संदेश केलिए जी20 के नए सिरे से समर्थन का आह्वान भी किया। प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुट अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया निर्मित करने का आह्वान किया, जिसके बिना अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति में चाहा गया बदलाव लाना बड़ा मुश्किल होगा। 

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