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Friday 29 October 2021 12:51:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर वे 31 अक्टूबर तक रोम, इटली और वेटिकन सिटी में रहेंगे, इसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के निमंत्रण पर 1 से 2 नवंबर 2021 तक ग्लासगो ब्रिटेन का दौरा करेंगे। रोम में वे 16वीं जी20 लीडर्स समिट में भाग लेंगे, जिसमें जी20 राजनेताओं के साथ वैश्विक आर्थिक एवं स्वास्थ्य रिकवरी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर होनेवाली चर्चाओं में हिस्सा लेंगे। रोम और ग्लासगो यात्रा पर रवाना होने से पहले एक वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहाकि वर्ष 2020 में महामारी का प्रकोप शुरू होने केबाद जी20 का पहला ऐसा शिखर सम्मेलन है, जिसमें सभी की व्यक्तिगत उपस्थिति होगी, इसमें हमें वर्तमान वैश्विक स्थिति का जायजा लेने एवं विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जी20 देश आर्थिक रिकवरी को और अधिक मजबूत करते हुए एवं महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को बेअसर करते हुए समावेशी और सतत नवनिर्माण के इंजन साबित हो सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इटली यात्रा के दौरान वे परमपावन पोप फ्रांसिस से भेंट करने और विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मिलने केलिए वेटिकन सिटी भी जाएंगे। उन्होंने कहाकि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान वे साझेदार देशों के राजनेताओं से भी मुलाकात करेंगे और इन सभी देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में अबतक हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जलवायु परिवर्तन पर संयुक्तराष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन की 26वीं कॉंफ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-26) में भाग लेने केलिए ग्लासगो में दुनियाभर के 120 राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों के साथ कॉप-26 के उच्चस्तरीय खंड वर्ल्ड लीडर्स समिट में भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि प्रकृति के साथ अद्भुत जुड़ाव रखने और पृथ्वी के प्रति सर्वोच्च सम्मान की संस्कृति के अनुरूप हम स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण और जैवविविधता का विस्तार करने केलिए महत्वाकांक्षी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत जलवायु अनुकूलन, शमन एवं सुदृढ़ता और बहुपक्षीय गठबंधन बनाने के सामूहिक प्रयास में नए कीर्तिमान बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा, पवन और सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करने के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि डब्ल्यूएलएस में वे जलवायु कार्रवाई पर भारत के उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड और अबतक की भारत की उपलब्धियों को साझा करेंगे। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, अफगान, आपसी सहयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श की संभावनाएं जताईं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि वे वायुमंडल में उत्सर्जित की जा सकने वाली कार्बन के समान वितरण, शमन एवं अनुकूलन केलिए आवश्यक सहायता देने एवं सुदृढ़ता निर्माण संबंधी उपाय करने, वित्त जुटाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और हरित एवं समावेशी विकास केलिए टिकाऊ जीवनशैली के महत्व सहित जलवायु परिवर्तन के विभिन्न मुद्दों को व्यापक रूपसे सुलझाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालेंगे। उन्होंने कहाकि कॉप-26 शिखर सम्मेलन के साझेदार देशों के राजनेताओं, अन्वेषकों और अंतर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात विकास मुहिम को और भी अधिक तेज करने की संभावनाओं का पता लगाने का अवसर प्रदान करेगी।