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उत्तराखंड में 500 स्कूल बनेंगे स्मार्ट

आईटी सक्षम आधारित क्लासरूम से दी जाएगी शिक्षा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 01 May 2013 09:12:56 AM

देहरादून। उत्तराखंड के 500 माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी (इंफार्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नालॉजी) लैब खोले जाएंगे। इसके तहत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) आधारित क्लासरूम संचालित किए जाएंगे। इससे लगभग दो लाख विद्यार्थियों को लाभ होगा। इस संबंध में मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में बैठक की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि इस बात पर ध्यान दिया जाए कि विद्यार्थियों का लर्निंग लेवल (शैक्षिक स्तर) बढ़े, परियोजना संचालन के बाद मूल्यांकन की भी व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि अध्यापकों को आईटी के बारे में सही ढ़ंग से प्रशिक्षित किया जाए।
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार के सहयोग से संचालित स्कूलों में आईसीटी प्रोजेक्ट बूट (बिल्ट, ओन, आपरेट एंड ट्रांसफर) आधार पर 5 वर्षो के लिए लागू किया जाएगा, इसमें मल्टी मीडिया शैक्षिक सामग्री छात्रों को उपलब्ध कराई जाएगी, इसके अलावा निजी भागीदार कंप्यूटर हार्डवेयर, साफ्टवेयर सहित वेबकैम, प्रिंटर, यूपीएस आदि जरूरी उपकरण उपलब्ध कराएगा। अध्यापकों को प्रशिक्षण देने के साथ ही स्कूल, जनपद और राज्य स्तर पर परियोजना के संचालन के लिए मानव संसाधन भी निजी भागीदार ही उपलब्ध कराएगा, बताया गया कि परियोजना के सफल संचालन के लिए स्कूल स्तर पर कमेटी बनाई जाएगी।
इस समिति में स्कूल के प्रधानाचार्य, दो अभिभावक, छात्र, निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि होंगे, इसके अलावा राज्य स्तर पर प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट पीएमयू भी बनाया जाएगा। पहले चरण में सड़क मार्ग पर स्थित या 5 किलोमीटर दूर स्कूलों का चयन किया गया है। अगले चरण में अन्य 1000 स्कूलों में परियोजना लागू की जाएगी। परियोजना के संचालन में ढिलाई बरतने या उपकरण के ठीक न होने की स्थिति में पेनाल्टी का प्राविधान भी किया गया है। बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव नियोजन एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव लोनिवि एसएस संधू, सचिव विद्यालयी शिक्षा मनीषा पंवार, महानिदेशक शिक्षा पीएस जंगपांगी, अपर सचिव स्वास्थ्य पीयूष सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
रज्जुमार्गो (रोपवे) में जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और इनके निर्माण को विनियमित करने के लिए राज्य सरकार रोपवे एक्ट बनाएगी। मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एक्ट के ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्य सचिव ने हिदायत दी कि रोपवे निर्माण में जन सुरक्षा का खासतौर पर ध्यान रखा जाए। इसके लिए निर्माता और संचालक संस्थाओं के लिए मानक तय किए जाएं। पर्यटन, वानिकी फसलों के परिवहन के लिहाज से पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे कारगर साबित होगा, इसलिए जरूरी है ज्यादा से ज्यादा रज्जुमार्गो का निर्माण किया जाए, जो रज्जुमार्ग निर्माण के विभिन्न चरणों मे है उनमें तेजी लाई जाए। बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव एसएस संधू, सचिव पर्यटन उमाकांत पंवार, अपर सचिव अमित नेगी, स्टाफ आफिसर मुख्य सचिव एमसी जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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