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Tuesday 7 December 2021 02:17:28 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने केलिए भारत आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने उनके साथ आए रूसी प्रतिनिधिमंडल का भी स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले 2 वर्ष में कोरोना कालखंड में यह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दूसरी विदेश यात्रा है और जिस प्रकारसे भारत केप्रति उनका लगाव है, उनकी जो निजी प्रतिबद्धता है, उसका यह यात्रा एक प्रतीक है और भारत-रूस संबंधों का कितना महत्व है, वो इससे साफ होता है और इसके लिए वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बहुत आभारी हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि कोविड चुनौतियों के बावजूद भारत-रूस संबंधों की रफ्तार में कोई बदलाव नहीं आया है, हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी निरंतर मजबूत हुई है, कोविड से जंग में भी दोनों देशों के बीच बेहतरीन सहयोग रहा है-चाहे टीका परीक्षण और उत्पादन में हो, मानवीय सहायता केलिए हो या एक-दूसरे के नागरिकों की देश वापसी के लिए हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वर्ष 2021 हमारे द्विपक्षीय संबंधों केलिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है, इस वर्ष 1971 की शांति, मित्रता और सहयोग की संधि के पांच दशक और हमारी सामरिक भागीदारी के दो दशक पूरे हो रहे हैं, इस विशेष वर्ष में आपके साथ फिर मिल पाना मेरे लिए हर्ष की बात है, क्योंकि हमारी सामरिक भागीदारी में पिछले 20 वर्ष में जो उल्लेखनीय प्रगति हुई है, उसके मुख्य सूत्रधार आप ही रहे हैं। उन्होंने कहाकि पिछले कई दशक में वैश्विक स्तरपर कई मौलिक बदलाव आए हैं, कई तरह के भू-राजनैतिक समीकरण उभरे हैं, किंतु इन सभीके बीच भारत-रूस मित्रता एक लगातार रही है। दोनों देशों ने न सिर्फ एक-दूसरे केसाथ निसंकोच सहयोग किया है, एक-दूसरे की संवेदनशीलता का भी विशेष ध्यान रखा है, यह सचमुच अंतर-राज्यीय दोस्ती का एक अनोखा और विश्वस्त मॉडल है। प्रधानमंत्री ने कहाकि 2021 हमारी सामरिक भागीदारी केलिए भी विशेष है, आज हमारे विदेश एवं रक्षामंत्रियों के बीच 2+2 डायलोग की पहली बैठक हुई, इससे हमारे व्यावहारिक सहयोग को बढ़ाने का एक नया मैकेनिज्म शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अफ़ग़ानिस्तान और दूसरे क्षेत्रीय विषयों पर भी हम निरंतर संपर्क में रहे हैं, पूर्वी आर्थिक मंच और व्लादिवोस्तोक शिखर सम्मेलन से शुरू हुई क्षेत्रीय साझेदारी आज रूसी सुदूर-पूर्व और भारत के राज्यों के बीच वास्तविक सहयोग में बदल रही है। उन्होंने कहाकि आर्थिक क्षेत्र में भी अपने रिश्तों को और घनिष्ट बनाने केलिए हम एक दीर्घकालिक दृष्टि अपना रहे हैं, हमने 2025 तक 30 अरब डॉलर का व्यापार और 50 अरब डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है, इन लक्ष्यों तक पहुंचने केलिए हमें अपनी व्यापार समुदायों को मार्गदर्शन करने केलिए करना चाहिए। उन्होंने कहाकि विभिन्न सेक्टरों में इन समझौतों से मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत सहविकास एवं सहउत्पादन से हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है, स्पेस और असैन्य परमाणु क्षेत्रों में भी हमारा सहयोग आगे बढ़ रहा है। उन्होंने एनएएम में आब्जर्वर और आईओआरए में संवाद साथी बनने केलिए रूस को बधाई दी और इन दोनों मंचों में रूस की उपस्थिति का समर्थन करना खुशी की बात बताई। उन्होंने कहाकि हर एक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत और रूस का एक जैसा मत है।