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Friday 03 May 2013 06:30:49 AM
देहरादून। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति सुभाष कुमार ने लीज पर दी गई 5556 एकड़ भूमि की आमदनी मात्र 10 करोड़ रुपए मिलने के मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से प्रतिवर्ष आडिटर जनरल (एजी) आडिट रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है। विश्वविद्यालय के मुख्य महाप्रबंधक फार्म ने बताया कि विश्वविद्यालय के पास 2400 हेक्टेयर भूमि है, इसमें से 2000 हेक्टेयर भूमि (5556 एकड़) तीन वर्षो के लिए लीज पर दी गई है। फार्म के 357 हेक्टेयर भूमि पर विश्वविद्यालय बीज उत्पादन का कार्य कर रहा है।
कुलपति सुभाष कुमार ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि 5556 एकड़ भूमि में कभी 10 करोड़, कभी 9 करोड़ और कभी 9.5 करोड़ रुपए की ही आमदनी हुई है, यह भूमि किसी निजी संस्था की होती तो अरबों की आमदनी होती। उन्होंने इस बात पर भी एतराज जताया कि फार्म का आडिट एजी से मात्र एक बार ही कराया गया है। उन्होंने वर्षवार आडिट कराने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन को दिए। कम आय होने की जांच के लिए गठित समिति में अधिष्ठाता कृषि अध्यक्ष, मृदा विज्ञान विभाग से एक प्राध्यापक, सस्य विज्ञान से एक प्राध्यापक, ऊधमसिंह नगर के अधिशासी अभियंता कृषि, मुख्य कृषि अधिकारी, उप वित्त नियंत्रक सदस्य होंगे। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर एक माह में संस्तुति कुलपति को देगी।
कुलपति ने यह भी निर्देश दिए कि भविष्य में विश्वविद्यालय की 5556 एकड़ भूमि को लीज पर न दिया जाए। आय का कोई और स्रोत तलाश किया जाए। सुभाष कुमार ने फार्म के स्थलीय भ्रमण के दौरान विश्वविद्यालय की जमीन पर अनधिकृत कब्जा पाया। उन्होंने निदेशक प्रशासन को मई के पहले सप्ताह में फार्म का सीमांकन कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने आवासों के निर्माण और मरम्मत का कार्य जल्द शुरू करने के लिए कहा और कहा कि छात्रावासों, प्रयोगशालाओं, कार्यालयों, चहार दीवारी आदि के निर्माण के लिए स्पेशल प्लान असिस्टेंस से मांग की जाए।