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Wednesday 19 January 2022 06:07:00 PM
नई दिल्ली। भारत-डेनमार्क की संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति की बैठक में भारत और डेनमार्क ने हरित हाइड्रोजन सहित हरित ईंधनों पर संयुक्त अनुसंधान व विकास का कार्य शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है। संयुक्त समिति ने वर्चुअल बैठक में भविष्य के हरित समाधानों-हरित अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में निवेश की रणनीति पर विशेष ध्यान देने केसाथ दोनों देशों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रमें राष्ट्रीय रणनीतिक प्राथमिकताओं और विकास पर चर्चा की।
भारत और डेनमार्क देशों के प्रधानमंत्रियों ने हरित सामरिक भागीदारी-कार्य योजना 2020-2025 को अंगीकार करते हुए जिस तरह की सहमति व्यक्त की थी, उसके अनुरूप ही समिति ने जलवायु एवं हरित परिवर्तन, ऊर्जा, जल, अपशिष्ट, भोजन सहित मिशन संचालित अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास पर द्विपक्षीय सहभागिता के विकास पर जोर दिया है। भारत-डेनमार्क साझेदारी के विकास केलिए 3-4 वेबीनार पर भी सहमत हुए हैं और हरित हाइड्रोजन सहित हरित ईंधनों से संबंधित प्रस्तावों की बोली को बढ़ावा देने पर बल दिया है। संयुक्त समिति ने ऊर्जा अनुसंधान, जल, साइबर-फिजिकल प्रणाली और जैव संसाधन एवं माध्यमिक कृषि के क्षेत्रों में कार्यांवित की जा रही पिछली दो संयुक्त बोली की चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की।
भारत-डेनमार्क की संयुक्त विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति बैठक की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मामलों के सलाहकार एवं प्रमुख एसके वार्ष्णेय और डेनमार्क सरकार की डेनिश एजेंसी फॉर हायर एजुकेशन एंड साइंस की उप निदेशक डॉ स्टीन जोर्जेंसन ने की। डेनमार्क में भारत की राजदूत पूजा कपूर और नई दिल्ली में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वान ने भी संयुक्त समिति बैठक को संबोधित किया। भारत की ओर से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।