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Saturday 19 February 2022 12:55:16 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने एक वर्चुअल बैठक में सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों में हो रही निरंतर वृद्धि पर काफी संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस ने 'भारत और यूएई समग्र सामरिक गठजोड़ में प्रगति: नए मोर्चे, नया मील का पत्थर' शीर्षक से एक संयुक्त दृष्टिपत्र भी जारी किया, जो भारत और संयुक्त अरब अमीरात केबीच भविष्योन्मुखी साझेदारी का एक खाका तैयार करता है और प्रमुख क्षेत्रों एवं परिणामों की पहचान करता है। इसका साझा उद्देश्य नए कारोबार, निवेश एवं विविध क्षेत्रों में नवोन्मेष को बढ़ावा देना है, जिसमें अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, जलवायु कार्य, उभरती प्रौद्योगिकी, कौशल एवं शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा तथा रक्षा एवं सुरक्षा आदि शामिल हैं।
वर्चुअल समिट के एक प्रमुख आकर्षण के तहत वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मारी केबीच भारत-यूएई समग्र आर्थिक गठजोड़ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता भारत और यूएई के व्यवसायों को महत्वपूर्ण लाभ पहुंचाएगा, जिसमें बाजार तक ज्यादा पहुंच और कम शुल्क शामिल हैं। ऐसी संभावना हैकि सीईपीए के चलते अगले पांच वर्ष में द्विपक्षीय कारोबार मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर पहुंच जाएगा। दोनों राजनेताओं ने भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ और संयुक्त अरब अमीरात की स्थापना के 50वें वर्ष पर संयुक्त स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और यूएई की संस्थाओं के बीच दो समझौता ज्ञापनों की भी घोषणा की गई। ये हैं-एपीडा और डीपी वर्ल्ड एवं अल दाहरा केबीच खाद्य सुरक्षा गलियारा पहल पर एमओयू, भारत की गिफ्ट सिटी और अबू धाबी ग्लोबल मार्केट के बीच वित्तीय परियोजनाओं एवं सेवाओं में सहयोग पर एमओयू। दो अन्य एमओयू-एक जलवायु कार्रवाई पर सहयोग तथा दूसरा शिक्षा पर भी दोनों पक्षों में सहमति बनी है। प्रधानमंत्री ने कोविड महामारी के दौरान भारतीय समुदाय की देखभाल करने केलिए अबू धाबी के क्राउन प्रिंस को धन्यवाद दिया और उन्हें जल्द ही भारत की यात्रा करने केलिए आमंत्रित भी किया।