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Sunday 20 March 2022 01:55:23 PM
नई दिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमिओ किशिदा के प्रथम बार भारत आगमन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी यात्रा पर संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा हैकि प्रधानमंत्री फ़ुमिओ किशिदा भारत के पुराने मित्र हैं, विदेशमंत्री के रूपमें वे कई बार भारत आ चुके हैं और मुझे उनके साथ दोनों देशों की नीतियों और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर मिल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछले कुछ वर्ष में भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी में जो अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली है, उसमें प्रधानमंत्री फ़ुमिओ किशिदा की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले जापान में आए भूकंप के कारण जान-माल की क्षति केलिए भारत की ओर से संवेदनाएं व्यक्त कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि शिखर सम्मेलन का आयोजन बहुत महत्वपूर्ण समय पर हुआ है, विश्व अभीभी कोविड-19 और उसके दुष्प्रभावों से जूझ रहा है, उससे खोई गई वैश्विक आर्थिक पुनः प्राप्ति की प्रक्रिया में अभी भी अड़चनें आ रही हैं। उन्होंने कहाकि भू-राजनैतिक घटनाएं भी नई चुनौतियां प्रस्तुत कर रही हैं, इस संदर्भ में भारत-जापान साझेदारी को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों केलिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, इससे भारत-प्रशांत क्षेत्र और विश्वस्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारा आपसी विश्वास, हमारे सभ्यतागत संबंध, लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून का शासन जैसे साझा मूल्य, हमारे संबंधों के मूल में हैं और उन्हें शक्ति प्रदान करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी चर्चा ने आपसी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक लेजाने का मार्ग प्रशस्त किया है, हमने द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, हमने संयुक्तराष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी अपना समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत-जापान आर्थिक पार्टनरशिप में पिछले कई वर्ष में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, दोनों देशों के व्यवसायों में जबरदस्त विश्वास है, उत्साह है, जापान भारत में सबसे बड़े इंवेस्टर्स में से एक विश्वस्तर साथी है। उन्होंने कहाकि प्रगति, समृद्धि और साझेदारी भारत-जापान संबंधों के मूल में हैं, दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने में भारत जापान बिजनेस लीडर्स फोरम की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहाकि समर्पित फ्रेट कॉरिडोर और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल जैसी प्रमुख परियोजनाओं में जापान का सहयोग उल्लेखनीय है, हम इस योगदान केलिए बहुत बहुत आभारी हैं। उन्होंने कहाकि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट में अच्छी प्रगति हो रही है, दोनों देश इसपर ‘एक टीम एक परियोजना' की एप्रोच केसाथ काम कर रहे हैं, यह प्रोजेक्ट भारत-जापान पार्टनरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मुझे प्रसन्नता हैकि हमने 2014 में निर्धारित तीन दशमलव पांच ट्रिलियन जापानी येन का निवेश लक्ष्य पार कर लिया गया है, अब हमने अपनी महत्वाकांक्षाओं को और बढ़ाने का निर्णय लिया है और आनेवाले पांच वर्ष में पांच ट्रिलियन येन, मतलब करीब तीन लाख बीस हजार करोड़ रुपए का नया लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहाकि आप सभी जानते हैंकि पिछले कुछ साल में भारत ने व्यापक आर्थिक सुधारों अपनाए हैं और व्यापार करने में आसानी में बड़ी छलांग लगाई है। उन्होंने कहाकि आज भारत मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड केलिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है, इस संदर्भ में जापानी कंपनियां बहुत समय से एक प्रकार से हमारी ब्रांड एंबेसडर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे बीच प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्र में पार्टनरशिप में नए आयाम जुड़ रहे हैं, हम जापानी कंपनियों को भारत में अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने केलिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी रोडमैप इसके लिए एक कारगर मैकेनिज्म सिद्ध होगा, जापान केसाथ हमारी कौशल साझेदारी भी इस दिशा में कारगर भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहाकि भारत और जापान दोनों ही सुरक्षित, भरोसेमंद, अनुमानित और स्थिर ऊर्जा आपूर्ति के महत्व को समझते हैं, यह सतत आर्थिक विकास के लक्ष्य को पाने और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने केलिए बहुत ही अनिवार्य है। उन्होंने कहाकि हमारी स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी इस दिशा में लिया गया एक निर्णायक कदम साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी हमारे बीच सहमती बनी है, घोषणाएं हुई हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री फ़ुमिओ किशिदा की यह यात्रा भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी में नए आयाम जोड़ने में सफल रही है। भारत-जापान आर्थिक मंच के दौरान हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों का भी आदान-प्रदान हुआ।