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राज्यमंत्री से मिले मैक्सिको के विदेश मंत्री

दोनों देशों के बीच उन्नत प्रौद्योगिकी साझेदारी की इच्छा जताई

भारत और मैक्सिको विशेषाधिकार प्राप्त भागीदार-डॉ जितेंद्र सिंह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 1 April 2022 12:27:28 PM

foreign minister of mexico met with the minister of state

नई दिल्ली। भारत आए मैक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एब्राड ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मुलाकात की तथा दोनों देशों केबीच उन्नत प्रौद्योगिकी साझेदारी की इच्छा व्‍यक्‍त की। उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल केसाथ भारत आए मार्सेलो एब्रार्ड ने भारत और मैक्सिको केबीच मौजूदा सहयोग को मजबूत करने, टीके, सूचना प्रौद्योगिकी, हरित क्रांति, स्वास्थ्य, जैव प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने केलिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों केबीच कई संयुक्त परियोजनाओं को लागू किया गया है, इससे दोनों देशों के वैज्ञानिक समुदायों केबीच नेटवर्किंग का विस्तार करने में मदद मिली है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहाकि दोनों देशों ने समय-समय पर सहयोग कार्यक्रम को दोहराया है तथा वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त प्रस्तावों केलिए नए निर्णय लेने पर सहमत हुए हैं। राज्यमंत्री ने कहाकि भारत, स्वास्थ्य, मानव सुरक्षा और आने वाले वर्षों में ऊर्जा के क्षेत्रों में काम करने पर विशेष ध्यान देने केसाथ पीओसी को आगे नया रूप देने में रुचि रखता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि कोविड-19 महामारी ने भारत केलिए दुनिया को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की अपनी क्षमता दिखाने का एक अच्छा अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहाकि इसने टीकों पर विशेष ध्यान देने केसाथ स्वास्थ्य जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में एकसाथ काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सहयोग के इस क्षेत्र को एकसाथ आगे ले जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिक नवोन्मेष को उच्च प्राथमिकता देते हैं और वह अपने प्रत्येक भाषण में समुद्री विज्ञान, जलवायु परिवर्तन तथा जैव-ईंधन जैसी वैज्ञानिक परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हैं।
भारत और मैक्सिको को विशेषाधिकार प्राप्त भागीदार बताते हुए राज्यमंत्री ने कहाकि दोनों देश कई क्षेत्रों में एक-दूसरे के पूरक और अनुपूरक हो सकते हैं और हम सही दिशा में हैं। मैक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड ने 1975 से दोनों देशों के बीच मौजूद सहयोग को मजबूत करने और एकसाथ काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि एसएंडटी में सहयोग के नए क्षेत्र एक त्वरित व्यवस्था केसाथ रफ्तार पकड़ सके। भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास ने इस बात पर जोर दियाकि दोनों देशों केपास कई राष्ट्रीय महत्व के संस्थान एकसाथ काम कर रहे हैं और दोनों देशों के लाभ केलिए इस तरह के सहयोग के दायरे को बढ़ाने की जरूरत है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ एस चंद्रशेखर ने फार्मा उत्पादों को हरित बनाने और सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों को मजबूत करने केलिए एकसाथ कार्य की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ एम रविचंद्रन ने डीप महासागर मिशन में सहयोग की संभावना का जिक्र किया।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश एस गोखले ने टीकों के विकास और स्वास्थ्य के अन्य क्षेत्रों में भागीदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ शेखर मांडे ने जैव ईंधन, कार्बन तटस्थता और रासायनिक क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ शेखर मांडे ने मैक्सिको के प्रतिनिधिमंडल केसाथ एक अलग बैठक में कहाकि सीएसआईआर भारत का प्रमुख अनुसंधान एवं विकास संगठन है, जिसके पास देशभर में फैली 37 अनुसंधान प्रयोगशालाएं हैं, जिसकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विविध विषयों में विशेषज्ञता है और यह भारत-मैक्सिको संबंध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा मैक्सिको में अपने साथियों केसाथ अनुसंधान संबंधों को आगे भी मजबूती प्रदान करने का इच्छुक रखता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारतीय गणतंत्र के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और यूनाटेड मैक्सीकन स्टेट्स की राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद केबीच वर्ष 2020-22 केलिए मौजूदा पीओसी को 2 दिसंबर 2019 को अंतिम रूप दिया गया था।
भारत-मैक्सिको सहयोग के तौर-तरीकों में कार्यक्रमों के विकास केलिए छात्रों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों तथा विद्वानों का आदान-प्रदान, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर अल्पकालिक परिणामों केसाथ उच्च प्रभाव वाली संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, वैज्ञानिक कार्यशालाएं, सेमिनार, संगोष्ठी, सम्मेलन, कांग्रेस एवं अन्य बैठकें शामिल हैं। बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिवों और डीजी, सीएसआईआर, विभिन्न विज्ञान विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, विदेश मंत्रालय के अधिकारी तथा भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने हिस्सा लिया।

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