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Thursday 7 April 2022 04:49:34 PM
एम्स्टर्डम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा हैकि भारतीय समुदाय भारत-नीदरलैंड केबीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है और न केवल भारत एवं नीदरलैंड, बल्कि भारत और यूरोप केबीच एक सेतु का काम करता है। राष्ट्रपति ने नीदरलैंड में भारत की राजदूत रीनत संधू की ओर से एम्स्टर्डम में आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारत के मित्रों को संबोधित करते हुए कहाकि आज यूरोप के मुख्य भू-भाग नीदरलैंड में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा भारतीय मूल का प्रवासी है, जिसमें हिंदुस्तानी-सूरीनामी समुदाय के दो लाख से अधिक सदस्य हैं और 60,000 से अधिक भारतीय पेशेवर एवं छात्र रहते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि नीदरलैंड में भारतीय पेशेवरों ने बहुत अच्छा काम किया है, उद्यमियों, डॉक्टरों, बैंकरों और तकनीकी विशेषज्ञों के रूपमें वे बड़े पैमाने पर डच समाज और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक समुदाय केलिए अत्यधिक मूल्यवान साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि उनकी उपलब्धियों और सफलता पर भारत को गर्व है। राष्ट्रपति ने कहाकि कोई एक भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकता है, लेकिन किसी भारतीय से भारत को नहीं ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहाकि पिछले सैकड़ों वर्षों में कई भारतीयों ने विदेश यात्राएं की हैं, जबकि भारत हमेशा उनके दिलों में धड़कता है, वे दुनिया के जिस भी हिस्से में बसे उन्होंने भारतीय सभ्यता के मूल्यों को गर्व केसाथ जीवित रखा है, भारतीय मूल के लोग जहां भी बसे उन्होंने उस जगह को अपने घर के रूपमें मान लिया और पूरी तरहसे उससे जुड़ गए।
राष्ट्रपति ने कहाकि पिछले साल महामारी के दौरान प्रवासी भारतीयों ने सामग्री और मौद्रिक दान के माध्यम से अपना सहयोग दिया। उन्होंने इस विचारशील भावना की सराहना की और कहाकि देश के विभिन्न हिस्सों में सभी सामग्री और मौद्रिक दान का सदुपयोग किया गया। उन्होंने कहाकि ऐसे समय में हमें याद आता हैकि विदेशों में रहनेवाले भारतीय प्रवासी हमारा विस्तारित परिवार है, जो हमें अतिरिक्त शक्ति प्रदान करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत प्रवासी भारतीयों केसाथ अपने संबंधों को मजबूत करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने केलिए प्रतिबद्ध है, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय प्रवासियों केसाथ हमारा जुड़ाव और उनतक पहुंच कई गुना बढ़ी है, हमने 4सी के तहत कई पहल की हैं, जिनमें देखभाल, जुड़ना, उत्सव मनाना और योगदान शामिल हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत के प्रवासी नागरिक कार्ड कई क्षेत्रों में मान-प्रतिष्ठा और विशेषाधिकार देने केलिए जारी किए गए हैं, लंबी अवधि के वीजा और ई-वीजा के जरिए भारत की यात्रा को सुगम बनाया गया है।
रामनाथ कोविंद ने कहाकि प्रवासी युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें भारतीय युवाओं एवं उनकी भारतीय जड़ों से परिचित कराने केलिए हमने उच्चशिक्षा केलिए भारतीय विश्वविद्यालयों में शामिल होने को लेकर भारतीय मूल के प्रवासी बच्चों केलिए भारत को जानें कार्यक्रम और छात्रवृत्ति कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों से इन अवसरों का लाभ उठाने और उनमें सक्रिय रूपसे भाग लेने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत आज व्यापार, सामाजिक उद्यमों और सांस्कृतिक संबंधों के लिए अवसरों से परिपूर्ण है। उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों को भारत की परिवर्तनकारी यात्रा में शामिल होने केलिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहाकि वे अपने विचारों, व्यापार मॉडल और निवेश रूपरेखा केसाथ योगदान कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि पिछले साढ़े सात दशक में भारत और नीदरलैंड केबीच द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
रामनाथ कोविंद ने कहाकि अब भारत में नीदरलैंड तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है, इसी तरह भारत भी नीदरलैंड में शीर्ष निवेशकों के रूपमें उभर रहा है, नीदरलैंड जल प्रबंधन और वैज्ञानिक जानकारी में अग्रणी है, इस क्षेत्र में दोनों पक्ष कई संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने केलिए मिलकर काम कर रहे हैं। कृषि, स्वास्थ्य, बंदरगाह और जहाजरानी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उच्चशिक्षा और शहरी विकास को सहयोग के अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूपमें चिन्हित किया गया है। राष्ट्रपति ने कहाकि हम अपने राष्ट्रीय प्रमुख कार्यक्रमों जैसे मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, क्लीन इंडिया और डिजिटल इंडिया में प्रमुख भागीदार के रूपमें नीदरलैंड पर भरोसा करते हैं, हम भारत में विकास और विकास केलिए डच तकनीकी, जानकारी और निवेश का लाभ उठाने के इच्छुक हैं और भारतीय समुदाय इस उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। गौरतलब हैकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड देशों की राजकीय यात्रा पर थे।