स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 12 April 2022 04:32:01 PM
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच भयंकर युद्ध चलने और इस युद्ध में भारत की तटस्थता एवं दोनों ओर से युद्ध रोकने एवं वार्ता करने के हर संभव प्रयासों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन में वर्चुअल बैठक हुई है। बैठक में रूस और यूक्रेन युद्ध पर बातचीत के साथ दोनों ओर से कहा गया हैकि भारत-यूएस वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और ज्यादा मजबूत एवं विश्वसनीय बनाने केलिए काम करेंगे। भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता केलिए भारत के विदेशमंत्री डॉ एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी इस वार्तालाप में वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस में अपने अमेरिकी समकक्षों विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन केसाथ पहलेसे मौजूद थे। दोनों राजनेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों जैसे-कोविड-19 महामारी, वैश्विक आर्थिक सुधार, जलवायु कार्रवाई, दक्षिण एशिया और भारत-प्रशांत क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम पर भी विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया। बैठक में हालके वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की गई।
राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी से दोनों देशों को अत्याधिक लाभ होगा एवं वैश्विक शांति, समृद्धि एवं स्थिरता स्थापित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को उनके गर्मजोशीभरे शब्दों केलिए आभार प्रकट किया और कहाकि यह वर्चुअल मुलाकात उनकी बातचीत को दिशा देने केलिए महत्वपूर्ण है, जिसकी पहल राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका अभिनंदन भी किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत-अमेरिका साझेदारी बहुतसी वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है। उन्होंने कहाकि विश्व के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूपमें हम प्राकृतिक भागीदार हैं और पिछले कुछ वर्ष में हमारे संबंधों में जो प्रगति हुई है, उसकी आजसे एकदशक पहलेभी शायद ऐसी कल्पना करना मुश्किल था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से कहाकि यह बातचीत ऐसे समय पर हो रही है, जब यूक्रेन में बहुत चिंताजनक स्थिति बनी हुई है, कुछ सप्ताह पहले तक 20,000 से अधिक भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए थे और इनमेंसे अधिकांश युवा छात्र थे, काफ़ी मेहनत केबाद हम उन्हें वहांसे सकुशल निकालने में सफ़ल हुए, हालांकि एक छात्र ने अपना जीवन खो दिया। उन्होंने कहाकि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से कईबार फ़ोनपर बातचीत भी की है, मैंने न सिर्फ़ शांति की अपील की है, बल्कि राष्ट्रपति व्लीदिमीर पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की केसाथ सीधी बातचीत का सुझाव रखा है, हमारी संसद में भी यूक्रेन के विषय पर बहुत विस्तार से चर्चा हुई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हाल में बुचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की ख़बर बहुत ही चिंताजनक है, हमने इसकी तुरंत निंदा की और एक निष्पक्ष जांच की मांग भी की है, हम आशा करते हैंकि रूस और यूक्रेन केबीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग निकलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने यूक्रेन में असैनिक जनता की सुरक्षा और उनको मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति पर भी महत्व दिया है, जिसका बातचीत में आपने (जो बाइडन) प्रारम्भ में जिक्र भी किया, हमने अपनी तरफ से दवाइयां और राहत सामग्री यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को भेजी है और यूक्रेन की मांग पर हम शीघ्र ही दवाइयों का एक और कन्साइनमेंट भेज रहे हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से कहाकि आपने अपने कार्यकाल की शुरुआत मेंही एक बहुत महत्वपूर्ण स्लोगन दिया था-लोकतंत्र उद्धार कर सकते हैं, भारत-अमेरिका साझेदारी की सफलता इस स्लोगन को सार्थक करने का सबसे उत्तम जरिया है। उन्होंने कहाकि इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और भारत-अमेरिका भी अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं सालगिरह मना रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत की अगले 25 साल की विकास यात्रा में अमेरिका केसाथ मित्रता अभिन्न रहेगी।