स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 12 April 2022 05:08:27 PM
वाशिंगटन/ नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैकि भारत और अमेरिका केबीच हुई वार्ता बहुत गहन और सार्थक है, हमने अपने पड़ोस (पाकिस्तान) और हिंदमहासागर क्षेत्रकी स्थिति पर अपना आकलन सामने रखा, जिसमें भारत के विरुद्ध आतंकवाद केलिए एक साधन के रूपमें शासन के इस्तेमाल का मामला प्रमुखता से सामने आया। उन्होंने कहाकि हम दोनों को व्यापक जुड़ाव के महत्वपूर्ण परिणाम मिले हैं। गौरतलब हैकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विदेशमंत्री एस जयशंकर और रक्षा सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इन दिनों अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय में विदेशमंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन, उनके प्रतिनिधिमंडल और स्टाफ को उत्कृष्ट बातचीत और उनके गर्मजोशीभरे आतिथ्य केलिए धन्यवाद दिया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि हमने कई द्विपक्षीय, रक्षा और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कीहै और यह जानकर खुशी हुईकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूपमें इन मुद्दों मेसे अधिकांश पर दोनों के विचार एक ही दिशा में हैं। उन्होंने कहाकि भारत और अमेरिका हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्रको लेकर एक मुक्त, खुली, समावेशी और नियम आधारित समान सोच को साझा करते हैं, हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्रमें शांति, स्थिरता एवं समृद्धि केलिए हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है। इनमेसे कुछ में शामिल हैं भारत के अंतरिक्ष विभाग और यूएसए के रक्षा विभाग केबीच एक स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस प्रोग्राम, निकट भविष्य में रक्षा क्षेत्र और रक्षा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बातचीत शुरू करना, चर्चा केतहत अन्य पहलों और समझौतों पर महत्वपूर्ण प्रगति और हमारे सैन्य अभ्यासों के दायरे को बढ़ाने और उन्हें और जटिल बनाने की साझा इच्छा। रक्षामंत्री ने कहाकि महामारी से चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों की सेनाओं में भागीदारी जारी है।
रक्षामंत्री ने कहाकि हमें इसबात कीभी खुशी हैकि बहरीन बहुपक्षीय संयुक्त समुद्री बल में भारत एक सहयोगी भागीदार के रूपमें शामिल हुआ है, इससे पश्चिमी हिंदमहासागर में क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग मजबूत होगा। रक्षामंत्री ने कहाकि हम निश्चित रूपसे कॉमकासा को प्रभावी ढंग से और बीईसीए को पूरी तरह से लागू करने की ओर बढ़ रहे हैं, हम डिफेंस साइबर, विशेष बल के क्षेत्रमें सहयोग को और बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने और एलईएमओए के तहत और संयुक्त अभ्यास के दौरान रसद सहयोग के दायरे का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि दोनों पक्षों ने उन्नत और उभरती हुई महत्वपूर्ण सैन्य प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त परियोजनाओं केसाथ डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनीशिएटिव को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की है, जिसे शीघ्रता से पूरा किया जाना है। रक्षामंत्री ने कहाकि मैंने इस साझेदारी को अमेरिकी कंपनियों केसाथ सहविकास और सहउत्पादन की दिशा में ले जाने की भारत की इच्छा को सामने रखा है।
राजनाथ सिंह ने प्रेस वक्तव्य में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों केप्रति प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा हैकि भारत-अमेरिका संबंधों की गति बनाए रखने में मदद मिलेगी। रक्षामंत्री ने कहाकि इन दो महान राष्ट्रों के हित एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों की आपसी हितों के लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए साझा इच्छाशक्ति है। रक्षामंत्री ने कहाकि हमने 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत भारत में अमेरिकी रक्षा कंपनियों से निवेश बढ़ाने का आह्वान किया है। रक्षामंत्री ने कहाकि औद्योगिक सहयोग में अमेरिकी संस्थाओं की भागीदारी और अनुसंधान और विकास में साझेदारी भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' अभियानों की सफलता केलिए महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहाकि यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच सामरिक रक्षा संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है और हमें पारस्परिक हित के कई क्षेत्रों में साथ काम करने में सक्षम बनाएगी। रक्षामंत्री ने कहाकि हमारे आपसी सहयोग में बढ़त शांति और सुरक्षा बनाए रखने और दुनियाभर के आम लोगों केलिए निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने केलिए महत्वपूर्ण होगा।