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Tuesday 19 April 2022 04:01:55 PM
वाशिंगटन। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्यमंत्री निर्मला सीतारमन ने वाशिंगटन डीसी में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष-विश्व बैंक स्प्रिंग मीटिंग के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा केसाथ द्विपक्षीय बैठक की। वित्तमंत्री और प्रबंध निदेशक दोनों केसाथ वरिष्ठ अधिकारी अनंत वी नागेश्वरन मुख्य आर्थिक सलाहकार वित्त मंत्रालय भारत सरकार और गीता गोपीनाथ एफडीएमडी आईएमएफ भी मौजूद थे। बैठक में वित्तमंत्री और प्रबंध निदेशक ने भारत के महत्वपूर्ण मुद्दों के अलावा वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत की कठिनाइयों से उबरने की क्षमता को रेखांकित किया, जो कोविड-19 महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद दुनियामें सबसे तेजीसे विकसित होने वाला देश बना हुआ है।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने भारत की एक मिश्रित नीति का भी उल्लेख किया, जो प्रभावी थी और जिसे अच्छी तरहसे लक्षित किया गया था। उन्होंने आईएमएफ की क्षमता-विकास गतिविधियों में योगदान केलिए भारत की सराहना की। क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत के टीकाकरण कार्यक्रम, अपने पड़ोसी और अन्य कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को दी गई सहायता की भी प्रशंसा की। आईएमएफ की एमडी ने विशेष रूपसे श्रीलंका के कठिन आर्थिक संकट के दौरान भारत की दी जा रही मदद का उल्लेख किया। निर्मला सीतारमन ने कहाकि आईएमएफ द्वारा श्रीलंका को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए, जिसपर आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने वित्तमंत्री को आश्वासन दियाकि आईएमएफ श्रीलंका केसाथ सक्रिय रूपसे संपर्क जारी रखेगा। हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं पर निर्मला सीतारमन और क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इनके प्रभाव और इनके कारण ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से जुड़ी चुनौतियों को लेकर चिंता व्यक्त की।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने भारत के नीतिगत दृष्टिकोण की व्याख्या करते हुए उल्लेख कियाकि एक समावेशी राजकोषीयस्वरूप केलिए संरचनात्मक सुधार किए गए हैं, जिनमें दिवालियापन संहिता और एमएसएमई व अन्य कमजोर वर्गों केलिए लक्षित सहायता शामिल हैं। निर्मला सीतारमन ने कहाकि मौद्रिक प्राधिकरण ने उदार रुख केसाथ इन प्रयासों को पूर्ण समर्थन दिया और पूरक के रूपमें कार्य किया है। वित्तमंत्री ने कहाकि भारत को अच्छे कृषि उत्पादन से मदद मिली है, कोविड महामारी के दौरान अच्छे मानसून से कृषि को समर्थन मिला है और अन्य निर्यातों के साथ-साथ कृषि निर्यात मेभी तेजीसे वृद्धि हुई है। वित्तमंत्री ने निष्कर्ष के तौरपर कहाकि भारत नई आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत कर रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े कुछ मुद्दों को हल करने में मदद करेंगी।