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'भारत और ब्रिटेन रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे'

भारत-यूके संबंधों में बोरिस जॉनसन की महत्वपूर्ण भूमिका-प्रधानमंत्री

नरेंद्र मोदी ने किया प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का गर्मजोशी से स्वागत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 22 April 2022 04:51:51 PM

pm narendra modi warmly welcomes pm boris johnson

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भारत आगमन पर आज राष्ट्रपति भवन में गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोरिस जॉनसन केसाथ आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उनका परिचय प्राप्त किया। इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने हैदराबाद हाउस में संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया और भारत-ब्रिटेन में हुए कई महत्वपूर्ण समझौतों की जानकारी दी। नरेंद्र मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहाकि प्रधानमंत्री के रूपमें बोरिस जॉनसन की भलेही यह पहली भारत यात्रा है, लेकिन एक पुराने मित्र के रूपमें वे भारत को बहुत अच्छेसे जानते और समझते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि कई वर्ष से भारत-यूके संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब भारत अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का भारत आना अपने आपमें एक ऐतिहासिक पल है और कलतो पूरे भारत ने देखा हैकि उन्होंने अपनी भारत यात्रा का शुभारंभ ही साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करके किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछले साल दोनों देशों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना हुई थी और अपने संबंधों को दिशा देने केलिए हमने एक महत्वाकांक्षी रोडमैप 2030 भी लॉंच किया था। उन्होंने कहाकि आजकी हमारी बातचीतमें हमने इस रोडमैप में हुई प्रगति की समीक्षा की और आगामी समय केलिए कुछ लक्ष्य भी तय किए हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि निःशुल्क व्यापार समझौता विषय पर दोनों देशों की टीम्स काम कर रही हैं, हमने इस साल के अंततक एफटीए के समापन की दिशामें पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहाकि कुछ महीने में भारत ने यूएई और ऑस्ट्रेलिया केसाथ मुक्त व्यापार समझौतों का समापन किया है, उसी गति एवं प्रतिबद्धता केसाथ हम यूके केसाथ भी एफटीए पर आगे बढ़ना चाहेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्रमें सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की है, रक्षा क्षेत्रमें विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, डिजाइन और विकास, आत्मनिर्भर भारत के समर्थन का हम दोनों ने स्वागत किया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने भारत में आधुनिकीकरण योजना और राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन पर भी चर्चा की है, हम यूके की कंपनियों के भारत में बढ़ते निवेश का स्वागत करते हैं, जिसका एक उत्तम उदाहरण हमें गुजरात में हालोल में देखने को मिला है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यूके में रहनेवाले भारतीय मूल के लोग समाज और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्रमें सकारात्मक योगदान कर रहे हैं, हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है और इस जीवंत सेतु को हम और मजबूत करना चाहते हैं, इस दिशा में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने निजी रूपसे बहुत योगदान किया है, इसके लिए मै उनका अभिनंदन करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने ग्लासगो में कोप-26 में लिए गए संकल्पों को पूर्ण करने केलिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है, हमने अपनी जलवायु और ऊर्जा पार्टनरशिप को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम यूके को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने केलिए आमंत्रित करते हैं और हमारे बीच सामरिक तकनीकी वार्ता की स्थापना का स्वागत करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ग्लोबल इनोवेशन पार्टनरशिप के कार्यांवयन की व्यवस्था का समापन एक बहुत महत्वपूर्ण पहल साबित होगी, यह अन्य देशों के साथ हमारी विकास साझेदारी को और मजबूती प्रदान करेगी, इसके तहत तीसरे देशोंमें मेड इन इंडिया नवाचारों का स्थानांतरण और स्केलिंग-अप केलिए भारत और यूके 100 मिलियन डॉलर तक सहवित्त करेंगे, इनसे सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों मेभी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह हमारे नए बाजारों केलिए स्टार्ट-अप और एमएसएमई क्षेत्र तलाशने एवं अपने नवाचार को वैश्विक करने में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हो रहे अनेक घटनाक्रम पर चर्चा की, एक मुक्त खुला समावेशी और नियम पर आधारित भारत-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने पर हमने जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव से जुड़ने के यूके के निर्णय का भारत स्वागत करता है। नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर यूक्रेन में तुरंत युद्धविराम और समस्या के समाधान केलिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर भी बल दिया और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान का महत्व भी दोहराया। उन्होंने एक शांतिपूर्ण, स्थिर, सुरक्षित अफगानिस्तान एवं एक समावेशी और प्रतिनिधि सरकार केलिए अपना समर्थन दोहराया। उन्होंने कहाकि यह आवश्यक हैकि अफगान भूमि का प्रयोग अन्य देशोंमें आतंकवाद फैलाने केलिए नहीं होना चाहिए।

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