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Saturday 18 May 2013 07:54:06 AM
देहरादून। उत्तराखंड के छरबा गांव के लोग उनके यहां प्रस्तावित कोका कोला प्लांट के खिलाफ हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मिलकर विरोध जताया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का पर्यावरण विशेषज्ञों की समिति से परीक्षण कराया जाएगा और यह सुनिश्चित कर लिए जाने के बाद कि प्रस्तावित प्लांट से स्थानीय पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा, प्लांट लगाए जाने की अंतिम मंजूरी दी जाएगी।
शनिवार को मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मिलने आए छरबा के लोगों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि राज्य सरकार पूरा प्रबंध करेगी कि स्थानीय लोगों के हितों को कोई नुकसान ना हो। पर्यावरण संबंधी नुकसान की आशंकाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए सजग है, पर्यावरण विशेषज्ञों की समिति की अनुशंसा पर ही प्लांट स्थापना की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए पूंजी निवेश आवश्यक है, राज्य में पूंजी के आने पर ही राज्य की आय व रोज़गार में वृद्धि संभव है, केवल आशंकाओं के आधार पर कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा, विशेषज्ञों से तथ्यों का आंकलन कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास में स्थानीय जनसहभागिता जरूरी है, छरबा में कोका कोला प्लांट को मंजूरी, स्थानीय लोगों की आशंकाओं को दूर करने के बाद ही दी जाएगी, कोका कोला प्लांट ने लिखित समझौते में वायदा किया है कि 1200 स्थानीय लोगों को रोज़गार भी दिया जाएगा, इसके लिए आवश्यकता होने पर युवाओं को कंपनी प्रशिक्षण भी देगी, इसके अतिरिक्त कंपनी ने प्रतिवर्ष 20 करोड़ रूपए स्थानीय क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार को दिए जाने का वायदा भी किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संबंधी भारत सरकार के मानकों को पूरा करने पर ही कोका कोला को छरबा में आने की अनुमति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने आए छरबा के ग्रामीणों ने कहा कि यदि यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रस्तावित प्लांट से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा और स्थानीय जनता के हितों पर भी विपरीत प्रभाव नहीं होगा बल्कि क्षेत्र का विकास होगा तो प्लांट के लगाए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल में विपुल जैन, राजपाल, खमीराम जसवाल, मुन्ना खां, मास्टर नानक चंद, प्रवीन कुमार, बलदेव सिंह, कुलतार सिंह आदि मौजूद थे। गैर सरकारी सूत्रों का कहना है कि छबरा के लोग मुख्यमंत्री की बात से संतुष्ट नहीं हुए हैं और गतिरोध जारी है।