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Saturday 3 September 2022 01:49:14 PM
नई दिल्ली। देश-दुनिया में बढ़ते साइबर अपराधों केप्रति जागरुकता का प्रसार करने और उभरती चुनौती का सामना करने केलिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों और अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों की क्षमता विकसित करने, संगठनों को अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षा देने केलिए तैयार करने और भविष्य में साइबर हमलों के निपटने तैयार करने के मिशन केसाथ साइबर सुरक्षित भारत पहल की संकल्पना की गई है। नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन और इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी मंत्रालय ने साइबर सुरक्षित भारत पहल के तहत मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों के 30वें बैच केलिए 22 से 26 अगस्त तक डीप डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था।
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान नई दिल्ली में हुए गहन 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को केंद्र और राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों, पुलिस और सुरक्षाबलों की तकनीकी विंग सहित अधीनस्थ एजेंसियों के सीआईएसओ, तकनीकी टीमों के सीटीओ और सदस्यों केलिए डिजाइन किया गया था, साथही संबंधित संगठनों में आईटी सिस्टम की सुरक्षा का निरीक्षण करने केलिए जिम्मेदार अधिकारी भी इसमें शामिल थे। डीप डाइव प्रशिक्षण का उद्देश्य विशेष रूपसे सीआईएसओ को समग्र और व्यापक रूपसे साइबर हमलों को समझने के उद्देश्य से शिक्षित और सक्षम बनाना, सुरक्षा से जुड़ी आधुनिक प्रौद्योगिकियों तक पहुंच उपलब्ध कराना, व्यक्तिगत संगठनों और नागरिकों को लचीले ई-इंफ्रास्ट्रक्चर केलाभ उपलब्ध कराना था।
सीआईएसओ डीप डाइव प्रशिक्षण में कानूनी प्रावधानों का एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने परभी ध्यान केंद्रित करता है, जिससे सीआईएसओ साइबर सुरक्षा के क्षेत्रमें नीतियां तैयार करने और ठोस साइबर संकट प्रबंधन योजनाएं बनाने में सक्षम हो सकें। एनईजीडी के पीएंडसीईओ अभिषेक सिंह, आईआईपीए के डीजी एसएन त्रिपाठी ने साइबर हमलों में बढ़ोतरी के परिदृश्य में साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए सीआईएसओ अधिकारियों को नए तरीके से और भविष्य केलिए सोचने केसाथ ही अपने संगठनों केलिए साइबर सुरक्षा प्रयासों को समर्थन देने केलिए प्रोत्साहित किया। अभिषेक सिंह ने व्यक्तिगत स्तरपर मजबूत साइबर सुरक्षा आचरण की जरूरत पर जोर दिया और प्रतिभागी सीआईएसओ से लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयरों का उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने उन्हें संबंधित क्षेत्रमें भारत सरकार की विभिन्न पहलों के बारेमें याद दिलाया, साथही महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर केलिए साइबर सुरक्षा केलिए बेहद संवेदनशील नेशनल क्रिटिकल इन्फोर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में गवर्नेंस के जोखिम और अनुपालन, उभरते साइबर सुरक्षा रुझान, भारतमें साइबर सुरक्षा उत्पादों का परिदृश्य, नेटवर्क सुरक्षा, साइबर संकट कार्यस्थल योजना, उपयोग और डाटा सुरक्षा, क्लाउड सुरक्षा, मोबाइल सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी, साइबर सुरक्षा परीक्षण और लेखा परीक्षा, आईटी अधिनियम के साइबर सुरक्षा संबंधी प्रावधान और आईएसओ 27001 सहित आईएसएमएस मानकों जैसे साइबर सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों पर विचार और सुझाव केलिए उद्योग, शिक्षा और सरकार से जुड़े विषय विशेषज्ञों को एकसाथ लाया गया था। प्रतिभागियों को एक दूसरे से सीखने में सक्षम बनाते हुए एक संवादात्मक प्रस्तुति सत्र केसाथ कार्यक्रम का समापन हुआ। वर्ष 2018 में शुरू हुआ सीआईएसओ प्रशिक्षण सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल केतहत सरकार और उद्योग कंसोर्टियम केबीच अपनी तरह की पहली साझेदारी है। जून 2018 से अभीतक इन कार्यक्रमों में 1,224 वरिष्ठ अधिकारियों को अपने संबंधित संगठनों के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रणालियों को सुरक्षित करने केलिए सक्षम बनाया है।