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आयुर्वेद के छात्रों केलिए 'स्पार्क' पहल

फेलोशिप योजना और एप्लिकेशन पोर्टल का शुभारंभ

आयुर्वेद और संबद्ध विज्ञान क्षेत्रमें अनुसंधान में तेजी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 3 September 2022 02:30:16 PM

'spark' initiative for ayurveda students

नई दिल्ली। अखिल भारतीय अनुसंधान और आयुर्वेदिक ज्ञान के प्रसार के लक्ष्य को बढ़ावा देते हुए केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मान्यता प्राप्त आयुर्वेद कॉलेजों में अध्ययन कररहे आयुर्वेद के छात्रों केलिए स्टूडेंटशिप प्रोग्राम फॉर आयुर्वेद रिसर्च केन 'स्पार्क' विकसित करके देशके युवा प्रतिभाओं के अनुसंधान संबंधी प्रयासों का समर्थन करने केलिए एक अनूठी पहल करते हुए फेलोशिप योजना और इसके एप्लिकेशन पोर्टल का शुभारंभ किया है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव प्रमोद कुमार पाठक, भारतीय चिकित्सा प्रणाली केलिए राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष वैद्य जयंत यशवंत देवपुजारी, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के निदेशक सहप्रभारी कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा, महानिदेशक सीसीआरएएस प्रोफेसर आरएन आचार्य, निदेशक सीएआरआई बेंगलुरु डॉ सुलोचना भट्ट, निदेशक सीएआरआई भुवनेश्वर डॉ एमएमराव और केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वर के अनुसंधान अधिकारी इस दौरान उपस्थित थे।
आयुष मंत्रालय में विशेष सचिव ने इस अवसर पर कहाकि सीसीआरएएस ने हाल के दिनोंमें विशेष रूपसे कोविड महामारी के दौरान कई सराहनीय पहल की हैं, इसने न सिर्फ आयुष-64 जैसे लोकप्रिय फॉर्मूलेशन विकसित किए हैं, बल्कि इसे 18 फॉर्मूलेशन और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने का श्रेय भी जाता है। उन्होंने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि सीसीआरएएस का विकसित स्पार्क कार्यक्रम छात्रों के नवीन विचारों को सहायता प्रदान करेगा और पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्रमें साक्ष्य आधारित वैज्ञानिक अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देगा। सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य ने कहाकि आयुष मंत्रालय के मार्गदर्शन एवं सहयोग से सीसीआरएएस ने नागरिकों की सेवा केलिए कई तरह की योजनाओं और कार्यक्रमों को विकसित एवं कार्यांवित किया है।
प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य ने कहाकि देशके भीतर और बाहर आईआईटी, आईसीएमआर, आईसीएआर, जेएनयू, बीएचयू, एम्स और अन्य विश्वविद्यालयों जैसे प्रमुख शैक्षणिक अनुसंधान संस्थानों केसाथ सार्थक सहयोग करके सीसीआरएएस ने आयुर्वेद और संबद्ध विज्ञान के क्षेत्रमें गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान की गतिविधियों में तेजी लाई है। प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य ने कहाकि स्पार्क कार्यक्रम मुख्य रूपसे छात्रों में अनुसंधान संबंधी कौशल विकसित करने में मदद करने और उनके शोध के विचारों को सहयोग एवं प्रोत्साहन प्रदान करने केलिए विकसित किया गया है। प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारेमें बतायाकि परिषद वर्तमान में रोमानिया, जर्मनी, इज़राइल, अमेरिका, कनाडा और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख शोध संस्थानों के सहयोग से विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं पर काम कर रही है।
प्रोफेसर रबीनारायण आचार्य ने कहाकि दुनियाभर में आयुर्वेद शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार केलिए आयुष मंत्रालय के प्रयासों में पूरक बनने के उद्देश्य से परिषद ने दुनियाभर के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों केसाथ साझेदारी की है और 11 देशों में आयुर्वेद पीठ की स्थापना की है। सीसीआरएएस के सहायक निदेशक (आयुर्वेद) डॉ आदर्श कुमार ने बतायाकि स्पार्क का उद्देश्य देशभर के आयुर्वेद कॉलेजों में नामांकित स्नातक छात्रों के शोध संबंधी विचारों का समर्थन करना है। उन्होंने बतायाकि इच्छुक उम्मीदवारों को स्पार्क पोर्टल पर अपना शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा, प्रख्यात विशेषज्ञ एवं समीक्षक इन प्रस्तावों का मूल्यांकन करेंगे। फेलोशिप केतहत चयनित शोधार्थी को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी, शुरूमें प्रत्येक सत्रमें कुल 100 सीटें होंगी और विस्तृत विवरण पोर्टल पर देखे जा सकते हैं। स्पार्क पोर्टल का लिंक www.spark.ccras.nic.in है।

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