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Tuesday 13 September 2022 12:31:21 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देशसे विशेष रूपसे युवाओं से मादक पदार्थों की लत के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की है, साथही उन्होंने इस खतरे को भारत की प्रगति की राहमें एक बड़ी बाधा बताया है। वह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के समारोह 'एन इंटरेक्शन विद एनसीसी कैडेट्स एंड प्लेज अगेंस्ट ड्रग अब्यूज़' में राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट्स और युवाओं से बातचीत कर रहे थे। सभी 17 राज्य निदेशालयों से कैडेट और देशके विभिन्न हिस्सों से युवा वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। रक्षामंत्री ने कहाकि नशीले पदार्थों की लत से इसी पैमाने लड़ा जाना चाहिए, जिस तरहसे देशके क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता संग्राम में लड़ाई लड़ी थी और हमारी स्वतंत्रता सुनिश्चित की। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत दुनियाकी महाशक्तियों मेसे एक बनने की दिशामें बढ़ रहा है, लेकिन कुछ सीमाएं हैं, जो हमें अपनी वास्तविक क्षमता को प्राप्त करने से रोक रही हैं, नशीली दवाओं की लत एक ऐसी ही बात है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि तमाम खूबियों के बावजूद हमारा देश अभीतक विकसित देशोंकी कतारमें खड़ा नहीं हो पाया है, क्योंकि यहां बहुत से लोग हैं, खासकर युवा जो नशे की गिरफ्त में हैं। उन्होंने कहाकि युवा देश का भविष्य हैं, वे राष्ट्र की आधारशिला हैं, अगर उनका वर्तमान नशे में है तो उनके भविष्य का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है और हमें नशेकी गिरफ्त से आजादी केलिए ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। रक्षामंत्री ने कहाकि नशीले पदार्थ न केवल समाज में कानून और व्यवस्था के रखरखाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर आतंकवादी गतिविधियों कोभी जन्म देते हैं। उन्होंने कहाकि कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन स्वीकार करते हैंकि अवैध ड्रग व्यापार से अर्जित धन का उपयोग आतंकवादी संगठनों की सहायता केलिए किया जाता है, जिससे कई देशोंकी रक्षा और सुरक्षा को खतरा पैदा होता है। उन्होंने कहाकि एकसाथ काम करने और समाजके सभी वर्गों को नशे के खतरे से छुटकारा दिलाने की तत्काल आवश्यकता है। राजनाथ सिंह ने एनसीसी कैडेट्स से कहाकि वे 3-4 कैडेटों का समूह बनाकर नशेके आदी युवाओं तक पहुंचकर उन्हें नशीली दवाओं के उपयोग के दुष्प्रभावों के बारेमें बताएं। रक्षामंत्री ने उन्हें नशीले पदार्थों के उपयोग के हानिकारक प्रभावों केसाथ विभिन्न स्थानों पर सरकार के स्थापित नशामुक्ति केंद्रों से आसानी से कैसे संपर्क किया जाए, इसके बारेमें प्रोत्साहित करें, इसके माध्यम से कैडेट उन लोगों की मदद कर सकेंगे, जो खुदको नशे के चंगुल से मुक्त करना चाहते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहाकि हमारे एनसीसी कैडेट एक तरहसे हमारे सशस्त्र बलों का एक और अवतार हैं, अगर हमारी सेना बाहरी दुश्मनों से देशकी रक्षा कर रही है तो हमारे एनसीसी कैडेट्स देशको ड्रग्स जैसे आंतरिक दुश्मनों से बचा सकते हैं। रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि समाज के सभी वर्गों के सम्मिलित प्रयासों से देश इस 'अमृतकाल' में मादक द्रव्यों की विभीषिका से मुक्त होगा। इस संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने संयुक्त रूपसे की। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग भारत सरकार में नशीली दवाओं के प्रसार में कमी केलिए नोडल विभाग है। गौरतलब हैकि युवाओं, बच्चों और समुदाय को जागरुक करने केलिए सरकार ने 15 अगस्त 2020 को 272 चिन्हित जिलों में नशामुक्त भारत अभियान शुरू किया था, अबतक तीन करोड़ युवाओं, दो करोड़ महिलाओं और 1.59 लाख शिक्षण संस्थानों सहित आठ करोड़ से अधिक लोग एनएमबीए का हिस्सा बन चुके हैं। एनसीसी कैडेट्स की सक्रिय भागीदारी से उम्मीद हैकि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग नशामुक्त भारत अभियान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा तथा नशामुक्त भारत के अपने उद्देश्य को प्राप्त करेगा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले और सचिव अंजलि भंवरा भी इस मौके पर मौजूद थीं।