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Friday 14 October 2022 11:55:09 AM
गुवाहाटी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईआईटी गुवाहाटी में उच्चशक्ति वाले माइक्रोवेव घटकों के डिजाइन और विकास केलिए सुपरकंप्यूटर सुविधा परम कामरूप और प्रयोगशाला का उद्घाटन किया और कहाकि आईआईटी गुवाहाटी ने बहुत कम अर्से मेही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रमें अपनी उपलब्धियों की बदौलत असम और राष्ट्रको गौरवांवित किया है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट कीकि कुछही दिन पहले आईआईटी गुवाहाटी ने भारतीय सेना केलिए किफायती और टिकाऊ रक्षा बुनियादी ढांचे के विकास केलिए एक 3डी प्रिंटेड संतरी पोस्ट का निर्माण किया है। उन्होंने धुबरी में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का उद्घाटन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के दो क्षेत्रीय संस्थानों-डिब्रूगढ़ असम और जबलपुर मध्य प्रदेश की आधारशिला भी रखी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आईआईटी गुवाहाटी ज्ञान का केंद्र है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्रमें कनेक्टिविटी के मुद्दों और अन्य चुनौतियों के लिए प्रौद्योगिकीय समाधान प्रदान कर सकता है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हम सभी इस बात से अवगत हैंकि सूर्य पहले भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रमें उगता है और फिर पूरे देशमें अपना प्रकाश फैलाता है। उन्होंने आशा प्रकट कीकि पूर्वोत्तर क्षेत्र हमारे संविधान की भावना के अनुरूप देशके लोगों केबीच ज्ञान फैलाने और वैज्ञानिक अभिरुचि उत्पन्न करने में अग्रणी रहेगा। राष्ट्रपति ने कहाकि पूर्वोत्तर क्षेत्र का इकलौता आईआईटी होने के नाते आईआईटी गुवाहाटी को इस क्षेत्रमें अन्य संस्थानों की सहायता करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, हमारी सीमाओं को मजबूत करने केलिए राज्य सरकार और सुरक्षाबलों केसाथ मिलकर काम करना चाहिए तथा क्षेत्रमें प्राकृतिक आपदाओं की पुनरावृत्ति रोकने केलिए तकनीकी समाधान प्रदान करने चाहिएं। उन्होंने संस्थान से नवाचारों को प्रोत्साहित करने, अत्याधुनिक तकनीकों में स्वदेशीकरण की दिशामें काम करने, कौशल विकास के अवसर प्रदान करने और देशको आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी रहने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने देशके विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थानों से अनुसंधान और विकास को अधिक से अधिक बढ़ावा देने का आग्रह किया, ताकि भारत समाज के कल्याण केलिए लाभकारी तकनीकी नवाचारों के क्षेत्रमें अग्रणी बन सके। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में स्पष्ट रूपसे स्वीकार किया गया हैकि मौजूदा दौरकी सामाजिक एवं आर्थिक चुनौतियों से निपटने केलिए उच्चगुणवत्ता वाले अंतर्विषयक अनुसंधान की आवश्यकता है, जिसे भारत मेही किया जाना चाहिए और उसके लिए केवल आयात परही निर्भर नहीं रहा जा सकता। राष्ट्रपति ने कहाकि शिक्षण संस्थानों विशेष रूपसे उच्चशिक्षा में संलग्न संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि भारत में अनुसंधान और ज्ञान सृजन की लंबी ऐतिहासिक परंपरा रही है और 21वीं सदीमें भारतको अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्रमें अग्रणी बनाने केलिए इसे और मजबूत करने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहाकि आज भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास की दिशामें बहुत प्रगति कर रहा है तथा क्षेत्र और देशकी जनता को उच्चगुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं तथा शिक्षा प्रणालियां उपलब्ध कराने केलिए अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने इस बातपर गौर कियाकि असम सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अस्पताल बनाने केलिए आईआईटी गुवाहाटी को सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहाकि यह देशके अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों केलिए उदाहरण प्रस्तुत करेगा, ताकि वेभी इसी तरह की पहल करें। राष्ट्रपति ने कहाकि केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न परियोजनाएं एवं उनके परिणामस्वरूप क्षेत्रमें होरही प्रगति भारत को तकनीकी रूपसे उन्नत राष्ट्र और समावेशी समाज बनाने की आधारशिला रखेगी। राष्ट्रपति ने इससे पहले सुबह अगरतला रेलवे स्टेशन से अगरतला-खोंगसांग जनशताब्दी एक्सप्रेस और अगरतला-कोलकाता एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।