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Monday 7 November 2022 05:08:27 PM
पणजी। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में प्रतिष्ठित स्वर्ण मयूर हासिल करने की दौड़ 15 फिल्में हैं, इनमें 12 अंतर्राष्ट्रीय एवं तीन भारतीय फिल्में शामिल हैं, जो सौंदर्यबोध से ओतप्रोत हैं और कला के माध्यम से कोई न कोई संदेश देती हैं। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा में 20 से 28 नवंबर 2022 तक होगा। गौरतलब हैकि तीसरे इफ्फी में पहलीबार स्वर्ण मयूर पुरस्कार दिया गया था, उसके बाद से यह पुरस्कार एशिया में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाने लगा। निर्णायक मंडल केलिए प्रतिष्ठित स्वर्ण मयूर पुरस्कार केलिए इजराइली लेखक और फिल्म निर्देशक नदव लैपिड, अमेरिकी निर्माता जिनको गोटोह, फ्रांसीसी फिल्म संपादक पास्कल शावांस, फ्रांसीसी वृतचित्र निर्माता, फिल्म आलोचक और पत्रकार ज़ावियेर आगुलो बार्तूरेन तथा भारत के फिल्म निर्देशक सुदीप्तो सेन जैसे महारथियों में से चुनाव करना बेहद कठिन रहा।
स्वर्ण मयूर पुरस्कार प्राप्त करने की कठिन प्रतिस्पर्धा में शामिल फिल्में हैं-परफेक्ट नंबर यह ड्रामा पोलिश फिल्म निर्माता क्रिज्तोफ जानुसी की फिल्म है, जो नैतिकता और नश्वरता पर मंथन करती है। इसे इटली और इजराइल ने मिलकर बनाया है। फिल्म में एक युवा गणितज्ञ और उसके दूर के रिश्तेदार केबीच के सम्बंध को दिखाया गया हैकि कैसे वे अचानक मिलते हैं और इस रहस्यों से भरी दुनिया के बारेमें, जीवन-मृत्यु के बारे में गहरे ध्यान में संलग्न होते हैं। रेड शूज़ फिल्म को मैक्सिको के कार्लोस आइकिलमैन कायसर ने बनाया है। यह बहुत संवेदनशील और भावुक फिल्म है। यह कहानी एक किसान की है, जो एकांत में रहता है, उसे अपनी बेटी की मृत्यु का समाचार मिलता है। फिल्म धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और दिखाती हैकि किस तरह वह किसान अपनी बेटी के शव को लाने की कोशिश करता है। वह एक अपरिचित और अनजानी दुनिया में कदम रखता है। इस फिल्म को कई पुरस्कारों केलिए नामांकित किया जा चुका है और यह वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ऑडियंस अवार्ड की दावेदार थी।
वर्ष 1970 के दशक में ईरानी फिल्मों में नई लहर के संस्थापक सदस्य दायरूश मेह्रजुई ईरानी फिल्म ए माइनर केसाथ एकबार फिर इफ्फी में आए हैं। वे सिनेमा की जानी-मानी हस्ती हैं। यह फिल्म एक लड़की के बारे में है, जो अपने पिता के विरोध के बावजूद संगीतकार बनना चाहती है। परिवार के सदस्यों केबीच व्याप्त जटिल रिश्तों, माता-पिता और बच्चे केबीच भिन्न-भिन्न आकांक्षाएं तथा संगीत का जादू इस फिल्म की विषयवस्तु है। नो एन्ड (2021) ईरानी ड्रामा में ईरान की खुफिया पुलिस की साजिशों और कारनामों को दर्शाया गया है। एक शांत ईमानदार व्यक्ति अपने घर की हिफाजत करने केलिए पुलिस से झूंठ बोलता है। चीजें जटिल हो जाती हैं, जब असली खुफिया पुलिस सामने आती है। जाफ़र पनाही के सहयोगी नादिर सेईवर की दूसरी फीचर फिल्म को बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में न्यू करंट्स अवार्ड केलिए नामांकित किया गया था। जफर पानाही को सलाहकार और संपादक के रूप में सम्मानित किया गया था। मेडीटिरेनियन फीवर (2022) फलिस्तीनी-इजराइली लेखक-निर्देशक माहा हाज की यह फिल्म एक ब्लैक कॉमेडी है। यह दो प्रौढ़ों की कहानी है, जो कभी दोस्त-कभी दुश्मन बन जाते हैं।
कान के अन-सर्टन रिगार्ड प्रतिस्पर्धा में इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ पटकथा केलिए पुरस्कृत किया गया था। फिल्म एक आकांक्षी लेखक और एक मामूली से उचक्के केबीच अनचाहे रिश्तों के आसपास घूमती है। व्हेन दी वेव्ज आर गॉन (2022) फिल्म फिलीपीन के फिल्म निर्माता लाव डायज ने बनाई है। फिल्म की कहानी फिलीपीन के एक पुलिस जांचकर्ता के बारे में है, जो नैतिकता के ताने-बाने में उलझ जाता है। फिल्म में उसके अंधकरामय अतीत के बारेमें दिखाया गया है, जो हमेशा उसका पीछा करता रहता है। वह जबभी चिंता और अपराधबोध से मुक्त होनेकी कोशिश करता है तो उसका अतीत उसके सामने आ खड़ा होता है। लाव डायज को अपनी खुदकी विधा सिनेमेटिक टाइम केलिए जाना जाता है, उनकी 2004 की फिल्म इवॉल्यूशन ऑफ ए फिलीपिनो फैमिली 11 घंटे की फिल्म है। कोस्टा रिका की फिल्म निर्माता वेलेन्टीना मॉरेल ने 2022 के लोकार्नो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपनी फिल्म आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स केलिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता था। इस फिल्म में 16 वर्ष की एक लड़की इवा की कहानी है, जिसके माता-पिता का तलाक हो चुका है। वह अपने पिता से बहुत जुड़ी हुई है।
फिल्म आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स में लड़की जब पिता केसाथ फिरसे जुड़ने की कोशिश करती है तो उसे पिता और अपने बारेमें कुछ हैरान करने वाले सूत्र मिलते हैं। लोकार्नो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में फिल्म के रेनाल्डो एमियन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और दानियाला मारिन नवारो को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिल चुका है। कोल्ड एज़ मार्बल (2022) अजरबैजान के फिल्म निर्देशक आसिफ रुस्तामोव की यह फिल्म क्राइम ड्रामा/ साइको थ्रिलर है। फिल्म की कहानी हैकि अपनी पत्नी की हत्या करने के कारण जेलमें बंद एक व्यक्ति (पिता) अचानक घर आ जाता है। फिल्म के केंद्रमें एक युवा है, जिसे निर्देशक ने बदलते समाज से नाराज व्यक्ति के रूपमें दिखाया है। एक संवेदनशील पेंटर और कब्र पर लगे पत्थर पर इबारत लिखने का काम करनेवाला पात्र उस समय चौंक जाता है, जब उसे पता चलता हैकि उसके पिता ने उसकी मां को क्यों मारा था। द लाइन (2022) फिल्म फ्रांसीसी स्विस फिल्म निर्माता उर्सुला मायर की है और बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बेयर के लिये नामांकित हुई थी। इसमें एक परिवार के आपसी बंधन की कहानी है।
द लाइन फिल्म में एक मां और उसकी बेटी के बीच उतार-चढ़ाव भरे रिश्तों को पेश किया गया है। फिल्म की शूटिंग स्विट्जरलैंड में की गई है और इसके माध्यम से मातृत्व तथा हिंसा केबीच के अजीबो-गरीब सम्बंध को दिखाया गया है। सेवेन डॉग्स (2021) फिल्म का प्रीमियर चौथे कायरो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। यह फिल्म एक अकेले इंसान के संघर्ष की कहानी है, जो अपने सात कुत्तों को पालने के लिये तमाम समस्याओं से गुजरता है। फिल्म अर्जेंटीना के रोड्रिगो ग्वेवरा की चौथी फिल्म है। फिल्म 80 मिनट की है तथा इंसान और उसके पालतू जानवरों केबीच के जुड़ाव को दर्शाती है। मारियाः द ओशन एंजेल (2022) फिल्म श्रीलंका के फिल्म निर्माता अरुणा जयवर्धने ने बनाई है। यह स्वर्ण मयूर की दावेदार दूसरी श्रीलंकाई फिल्म है। इसके पूर्व 50वें इफ्फी में लेस्टर जेम्स पेरीज की गामपेरालिया को इफ्फी में पुरस्कृत किया गया था। मारियाः दी ओशन एंजेल मछुआरों के एक समूह की कहानी है, जिन्हें समुद्र में तैरती हुई एक सेक्स-डॉल मिलती है। उसे पाकर वे परेशान हो जाते हैं। फिल्म निर्देशक को उनकी 2011 की फिल्म ऑग्सट ड्रिजिल केलिए जाना जाता है।
द कश्मीर फाइल्स हिंदी फिल्म 1990 को हुए कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है। इसे विवेक अग्निहोत्री ने निर्देशित किया है। कहानी फिल्म के मुख्य पात्र कृष्णा के सहारे आगे बढ़ती है। वह युवा है और एक कॉलेज में पढ़ता है। आगे चलकर उसे अपने माता-पिता की असमय मृत्यु के रहस्य का पता चलता है। नेज़ह फिल्म को वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल-2022 में ऑडियंस अवार्ड मिल चुका है। फिल्म युद्धग्रस्त सीरिया के एक परिवार की कहानी कहती है। फिल्म अरबी भाषा में है। इसमें एक परिवार को दिखाया गया है, जो सीरिया के एक चारों तरफ से घिरे इलाके को न छोड़ने का फैसला करता है। फिल्म निर्देशक सौदादे कादन कहती हैं कि उन्होंने खुद उस समय पहलीबार ऐसा अनुभव किया था, जब उनके पड़ोस में बमबारी हुई थी। द स्टोरी टेलर अनंत महादेवन की यह फिल्म महान फिल्म निर्माता सत्यजित रे के पात्र तारिणी खुरो के बारेमें है।
द स्टोरी टेलर फिल्म में दिखाया गया हैकि कैसे तारिणी खुरो नौकरी से सेवानिवृत्त होने केबाद खुदको अजीब हालत में पाता है और किस्सागो बन जाता है। फिल्म को बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया था और वहीं उसे किम जी-सेयोक पुरस्कार केलिए नामित किया गया था। कुरांगू पेडल फिल्म रासी अलगप्पन की लघुकथा साइकिल पर आधारित है। निर्देशक कमलकानन की यह फिल्म एक स्कूली बच्चे की कहानी है, जो साइकिल चलाना सीखना चाहता है, जबकि उसके पिता सिखाने में सक्षम नहीं हैं। फिल्म में पांच बच्चों को दिखाया गया है, जिनके सहारे कहानी आगे बढ़ती है। फिल्म के निर्देशक को उनकी 2012 की फिल्म मधुबानाकडाई केलिए जाना जाता है।