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Tuesday 04 June 2013 10:03:56 AM
देहरादून। इक्फाई विश्वविद्यालय देहरादून के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ अज़ीज़ कुरैशी ने कहा कि विश्वविद्यालय से अध्ययन के बाद दीक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को समाज के प्रति एक जिम्मेदाराना दृष्टिकोण रखते हुए सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर 'समाज का ऋण' चुकाना होगा। राज्यपाल ने यह भी कहा कि इक्फाई जैसे विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले भाग्यशाली विद्यार्थियों को उन विद्यार्थियों के विषय में भी सोचना होगा, जिन्हें स्कूलों तथा कॉलेजों में दाखिला तक नहीं मिल पाता।
राज्यपाल ने दीक्षा प्राप्त छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान, शिक्षा, दक्षता-कौशल का उपयोग उस गरीबी के उन्मूलन के लिए करना होगा, जो देश की आजादी के छ: दशकों के बाद भी हमारे देश में मौजूद है। उन्होंने कहा कि छात्रों को समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना होगा, जहां शोषण और असमानता का कोई स्थान न हो। राज्यपाल ने दीक्षा प्राप्त छात्रों का आह्वान किया कि उन्हें महात्मा गांधी और पंडित नेहरू के स्वतंत्र भारत के निर्माण का सपना साकार करना होगा। उन्होंने दीक्षांत छात्रों को पूर्ण दृढ़ता, धैर्य, विवेक एवं संतुलन के साथ नए जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा दी।
राज्यपाल ने विभिन्न पाठयक्रमों 19 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के इस प्रथम दीक्षांत समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों के 180 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। पीएचडी के लिए राज्यपाल ने विकास गौतम, एमबीए के लिए डॉ हजारिका, बीटेक में प्रियंका, कौशल किशोर, रजनी कांत, विजय सिंह तथा अमरेंद्र कुमार चंदन, बीए एलएलबी के लिए नेहा शर्मा, बीएड में आशा शर्मा तथा बीबीए की मेधावी छात्रा सोनम कसनिया को स्वर्ण पदक दिया।