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Friday 07 June 2013 04:34:39 AM
देहरादून। केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि भारत पेट्रोलियम पदार्थों के उपभोग के मामले में केवल अमरीका, चीन और रूस से पीछे है, हम अपनी जरूरत का तीन चौथाई तेल विदेशों से आयात करते हैं, जिस पर हर साल करीब 6 लाख करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, सरकार ने चालू पंचवर्षीय योजना (2012-17) में तेल खोज के काम में तेजी लाने पर जोर दिया है।
वीरप्पा मोइली मंसूरी ने अपने मंत्रालय से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में बताया कि देश के पास 205 अरब बैरल तेल भंडार हैं, जिनमें से केवल 73 अरब बैरल तेल और गैस के भंडारों की अभी तक खोज की गई है, 132 अरब बैरल भंडार की खोज की जानी अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 तक तेल व गैस आयात वर्तमान 75 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है और वर्ष 2025 तक तेल आयात में 75 प्रतिशत की कमी कर आयात को 25 प्रतिशत के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि वर्ष 2030 तक इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का लक्ष्य है, जिसे प्राप्त करने के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें रंगराजन समिति की सिफारिशें लागू करना भी शामिल है, इनमें राजकोषीय शर्तों को सरल बनाकर निवेश को प्रोत्साहित करना शामिल है। मोइली ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर डॉ सी रंगराजन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसकी सिफारिशों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और उन पर कार्रवाई भी शुरु की जा चुकी है।