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Tuesday 11 April 2023 06:20:16 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज नई दिल्ली में फ्यूचर स्किल्स फोरम में भारत के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नामांकित छात्रों केलिए रोज़गार कौशल पाठ्यक्रम के डिजिटल संस्करण का विमोचन किया है। यह द फ्यूचर स्किल्स फोरम-फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क की एक पहल है, जो क्वेस्ट एलायंस, एक्सेंचर, सिस्को और जेपी मॉर्गन का एक सहयोगी प्रयास है। यह युवाओं को भविष्य केलिए महत्वपूर्ण कौशल हासिल करने में मदद करने केलिए सरकारी कौशल प्रशिक्षण संस्थानों, नागरिक समाज संगठनों, उद्योग और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी से जुड़े साझेदारों को एकसाथ लाता है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर रोज़गार क्षमता बढ़ाने, भारत के भविष्य को आकार देने और 21वीं सदी के कार्यबल को तैयार करने में कौशल की परिवर्तनकारी शक्ति के बारेमें बताया। शिक्षा मंत्री ने कहाकि सदी की अगली एक तिहाई अवधि में जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे कर रहा होगा, तब भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने कहाकि डिजिटल भुगतान से लेकर टीकाकरण तक हम जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को अपनाने और सर्वश्रेष्ठ उत्पाद एवं सेवाएं तैयार करने में पहले से ही आगे हैं। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी के इस युग में जहां कार्यस्थल की प्रकृति तेजी से बदल रही है और जहां नई प्रौद्योगिकियां अब एक बहुतही छोटे अभिजात वर्ग तक सीमित नहीं हैं, कौशल विकास हमारी जनसांख्यिकी की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करने की कुंजी होगी।
धर्मेंद्र प्रधान ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहाकि उद्योगजगत के दिग्गज कुशल इकोसिस्टम को मजबूत करने केसाथ भविष्य केलिए तैयार कार्यबल बनाने और समाज के बड़े लाभ केलिए एआई, आईओटी जैसी नई तकनीकों का लाभ उठाने के तरीकों पर विचार करने केलिए एकसाथ आए हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया हैकि भारत की क्षमता से विश्व कोभी लाभ हो। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने सीखने केसाथ-साथ कमाई के अवसर पैदा किए हैं। उन्होंने बतायाकि डिजिटल पाठ में वित्तीय और डिजिटल साक्षरता, विविधता और समावेश, करियर विकास, लक्ष्य निर्धारण और उद्यमिता पर मॉड्यूल शामिल हैं, ये उन्नत ईएस पाठ्यक्रम से तैयार किएगए हैं, जिसे सितंबर 2022 में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने लॉंच किया था। शिक्षा मंत्री ने कहाकि किसीभी समय, कहींभी सीखने की आवश्यकता को पूरा करने के उद्देश्य से ये मॉड्यूल भारत सरकार के भारत कौशल पोर्टल केसाथ अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से 2.5 मिलियन से अधिक शिक्षार्थियों केलिए सुलभ होंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहाकि सक्रिय उद्योग योगदान केसाथ विकसित, पाठ्यक्रम में बाइट साइज, गेमिफाइड प्रारूप में 12 मॉड्यूल शामिल हैं और प्रत्येक पाठ केबाद मूल्यांकन किया जाता है, जो शिक्षार्थियों को उनके सीखने की गहराई का आकलन करने में मदद करने केलिए डिजाइन किया गया है। उन्होंने बतायाकि मॉड्यूल में कहानी सुनाने का तरीका शिक्षार्थियों को संबंधित परिदृश्य प्रदान करता है, जिसे वे वास्तविक दुनिया की स्थितियों में इस्तेमाल कर सकते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहाकि रचनात्मक फीडबैक प्रणाली यह सुनिश्चित करती हैकि शिक्षार्थियों को फीडबैक प्राप्त हो, जो विशिष्ट, तत्काल, कार्रवाई योग्य हो और इस प्रकार सीखने के बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके। उन्होंने बतायाकि आईटीआई में मिश्रित शिक्षण जैसे नवीन शैक्षणिक मॉडल पेश करने में डिजिटल पाठ सहायक होंगे, जो शिक्षकों को 21वीं सदी की कक्षाओं को तैयार करने और उनका नेतृत्व करने केलिए सशक्त बनाएंगे।