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Saturday 3 June 2023 03:50:35 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आगामी मानसून के संदर्भ में देश में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा केलिए नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें उन्होंने देश की स्थानीय बाढ़ समस्याओं को कम करने केलिए एक व्यापक नीति तैयार करने केलिए दीर्घकालिक उपायों की समीक्षा की। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई प्रयास हो रहे हैं, जिनसे आपदा के दौरान जान-माल के नुकसान को कम से कम करने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने मौसम संबंधी भविष्यवाणी अगले मॉनसून तक मौजूदा 5 से बढ़ाकर 7 दिन करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे बाढ़ प्रबंधन और बेहतर हो सके।
गृहमंत्री अमित शाह ने बाढ़ और आपदा संबंधी जानकारी का विश्लेषण करने केलिए गृह मंत्रालय और एनडीएमए को मार्च 2024 तक एक कॉमन सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए, जिससे मौसम भविष्यवाणी करने वाली एजेंसीज़ को तत्काल वैज्ञानिक डेटा मिलेगा, जिसका उपयोग आपदा प्रबंधन एजेंसियां कर सकेंगी। उन्होंने कहाकि इस सॉफ्टवेयर को डेवलप करने में विदेशों की विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद भी ली जाए। अमित शाह ने कहाकि सरकार की आपदा मित्र योजना में गांवों में उपलब्ध परंपरागत गोताखोरों को बचाव का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। गृहमंत्री ने अधिकारियों को देश के प्रमुख जलग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ और जलस्तर में वृद्धि की भविष्यवाणी केलिए एक स्थायी प्रणाली बनाने केलिए केंद्रीय और राज्य एजेंसियों केबीच समन्वय मजबूत करने के प्रयास जारी रखने का निर्देश दिया।
अमित शाह ने निर्देश दिए कि बाढ़ के मौसम के दौरान वर्तमान और अनुमानित नदी के स्तर की प्रतिघंटे निगरानी की जाए और तटबंधों की निगरानी, बचाव, अस्थायी आश्रयों सहित उचित उपाय किए जाएं। गृहमंत्री ने कहाकि भारत मौसम विज्ञान विभाग और केंद्रीय जल आयोग जैसे विशिष्ट संस्थानों को मौसम और बाढ़ के अधिक सटीक पूर्वानुमान केलिए अपनी तकनीकों का उन्नयन जारी रखना चाहिए। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि एसएमएस, टीवी, एफएम रेडियो और अन्य माध्यमों से जनता तक बिजली गिरने केबारे में आईएमडी की चेतावनी समय पर पहुंचनी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि आईएमडी के विकसित उमंग, रेन अलार्म और दामिनी जैसे मौसम पूर्वानुमान से संबंधित विभिन्न मोबाइल ऐप का लाभ लक्षित आबादी तक पहुंचाने केलिए इनका अधिक से अधिक प्रचार किया जाना चाहिए।
दामिनी ऐप बिजली गिरने से तीन घंटे पहले इसकी चेतावनी देती है, जिससे जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है। बाढ़ समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री के निर्देशानुसार सूचना के आसान प्रसार केलिए इस ऐप को अब 15 भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है। गृहमंत्री ने निर्देश दियाकि विभिन्न एजेंसियों के चलाए जा रहे जनजागरुकता कार्यक्रमों में एकरूपता होनी चाहिए और अधिकतम प्रभाव केलिए इसका एकीकरण किया जाना चाहिए, क्योंकि समुदाय ही पहला प्रतिसादकर्ता होता है। बैठक में भारतीय मौसम विभाग अध्यक्ष, केंद्रीय जल आयोग, एमओआरटीएच, डीओडब्ल्यूआर और जीआर, रेलवे बोर्ड, डीजी एनडीआरएफ और निदेशक एनआरएससी (इसरो) ने प्रस्तुतियां दीं और पिछले वर्ष बाढ़ समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री के निर्देशों और इस मानसून के मौसम केसाथ-साथ उनकी भविष्य की कार्ययोजना केलिए लक्षित किए जा रहे उपायों पर की गई कार्रवाई के बारेमें जानकारी दी।