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Wednesday 5 July 2023 11:38:49 AM
गुवाहाटी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि समान नागरिक संहिता भारत और उसके राष्ट्रवाद को अधिक प्रभावी ढंग से बांध देगी और आगाह करते हुए कहाकि यूसीसी लागू करने में किसी तरह की और देरी हमारे मूल्यों केलिए हानिकारक होगी। उपराष्ट्रपति ने आईआईटी गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत देश के शासन में मौलिक हैं और उन्हें नियमों में बदलना राज्य का कर्तव्य है। यह उल्लेख करते हुएकि पंचायत, सहकारी समितियां और शिक्षा का अधिकार जैसे नीति निर्देशक सिद्धांत पहले ही कानून में बदल चुके हैं, उन्होंने रेखांकित कियाकि यह संविधान के अनुच्छेद 44 को लागू करने का समय है। भारत की छवि को धूमिल करने के प्रयासों और लगातार राष्ट्रविरोधी भारतविरोधी कथा रचने वालों केप्रति चेताया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह सही समय हैकि भारतविरोधी कथा के कोरियोग्राफरों को प्रभावी ढंग से अस्वीकार किया जाए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि किसीभी विदेशी संस्था को हमारी संप्रभुता और प्रतिष्ठा केसाथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। भारत को सबसे पुराना, सबसे बड़ा, सबसे क्रियाशील और जीवंत लोकतंत्र बताते हुए जो वैश्विक शांति और सद्भाव को स्थिरता दे रहा है उपराष्ट्रपति ने कहाकि हम अपने समृद्ध और फलते-फूलते लोकतंत्र एवं संवैधानिक संस्थानों पर चोट नहीं झेल सकते। उन्होंने भ्रष्टाचार को कतई सहन नहीं करने की नीति का जिक्र करते हुए भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि भ्रष्टाचार लोकतंत्र विरोधी है, भ्रष्टाचार खराब शासन है, भ्रष्टाचार हमारे विकास को कम करता है, भ्रष्टाचार मुक्त समाज विकास की सबसे सुरक्षित गारंटी है। जगदीप धनखड़ ने इस बातपर अपनी अस्वीकृति व्यक्त कीकि कुछ लोग भ्रष्टाचार केलिए पकड़े जाने पर कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेने के बजाय सड़कों पर उतर आते हैं। उपराष्ट्रपति ने छात्रों से भारतीय होने और इसकी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करने केलिए कहा।
उपराष्ट्रपति ने इच्छा व्यक्त कीकि विद्यार्थी आर्थिक राष्ट्रवाद केप्रति प्रतिबद्ध हों और राष्ट्र एवं राष्ट्रवाद की कीमत पर आर्थिक लाभ लेने से बचें। उन्होंने छात्रों को दूरदर्शी व्यक्तित्व बाबासाहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर के बहुमूल्य शब्दों को भी याद दिलायाकि 'आपको पहले भारतीय होना चाहिए, अंतमें भारतीय होना चाहिए और भारतीयों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं।' जगदीप धनखड़ ने दीक्षांत भाषण में विद्यार्थियों का ध्यान सहिष्णु होने की आवश्यकता की ओर आकर्षित किया। उन्होंने कहाकि हमें अन्य दृष्टिकोणों पर भी विचार करना चाहिए, क्योंकि अक्सर अन्य दृष्टिकोण सही दृष्टिकोण होता है। उपराष्ट्रपति इससे पहले डॉ सुदेश धनखड़ केसाथ गुवाहाटी में प्रसिद्ध मां कामाख्या मंदिर गए और पूजा अर्चना की। बाद में उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी के विद्यार्थियों केसाथ बातचीत की। इस अवसर पर असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा, आईआईटी गुवाहाटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ राजीव मोदी, आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर परमेश्वर के अय्यर, वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य, विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।