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'भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है'

राष्ट्रपति भवन में विज़िटर्स कॉंफ्रेंस में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

रिसर्च और इनोवेशन के लिए विज़िटर्स पुरस्कार भी प्रदान किए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 11 July 2023 12:24:12 PM

president droupadi murmu presented visitor's award

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में विज़िटर्स कॉंफ्रेंस-2023 का उद्घाटन किया और कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहाकि शिक्षा व्यक्ति, समाज और देश की प्रगति केलिए ख़ासी महत्वपूर्ण है एवं अधिकांश युवाओं केलिए उच्चशिक्षा प्रतिकूल परिस्थितियों से बाहर निकलने का सबसे प्रभावी मार्ग है। उन्होंने कहाकि सामाजिक और आर्थिक रूपसे वंचित वर्गों से आनेवाले युवाओं को समतामूलक और समावेशी उच्चशिक्षा प्रदान करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्राथमिकताओं में है। राष्ट्रपति ने कहाकि ज्ञान की शक्ति से विश्व के देश वैश्विक महाशक्ति बन सकेंगे। उन्होंने इस अवसर पर देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों को नेतृत्व प्रदान करने वाले प्रतिभागियों केसाथ संवाद के इस सम्मेलन की परिकल्पना और आयोजन केलिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उनकी टीम की सराहना की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विश्वास व्यक्त कियाकि हमारे उच्च शिक्षण संस्थान वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूपमें स्थापित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुईकि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय हितधारकों केसाथ मिलकर इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि एनईपी के अनुसार यह प्रभावी गवर्नेंस और नेतृत्व ही होता है, जो उच्चशिक्षा संस्थानों में उत्कृष्टता और नवाचार की संस्कृति के निर्माण को सक्षम करता है। उन्होंने कहाकि विश्व के सभी विश्वस्तरीय संस्थानों की एक समान विशेषता यह रही हैकि उनमें मजबूत स्व-शासन होता है और संस्थागत शीर्ष नेतृत्व पर उत्कृष्ट योग्यता आधारित नियुक्तियां होती हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि ज्ञान के केंद्रों को ज्ञान अर्थव्यवस्था का केंद्र बनना चाहिए, उन्हें अत्याधुनिक तकनीक से विकसित करने की महत्वाकांक्षा केसाथ बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि हमारे प्रौद्योगिकी संस्थानों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में पहल करनी होगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस शनिवार को आईआईटी दिल्ली में 20 वर्षीय छात्र एक द्वारा आत्महत्या करने की घटना की ओर इशारा करते हुए कहाकि आत्महत्या की ऐसी दुखद घटनाएं कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी हुई हैं, यह शिक्षा के क्षेत्र में सभी केलिए चिंता का विषय है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहाकि अपने परिसरों में तनाव, अपमान या उपेक्षा से अपने छात्रों की रक्षा और समर्थन करना शैक्षणिक संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि एक परिवार के समझदार और उत्तरदायी मुखिया की तरह संस्थानों के सभी प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों को छात्रों की जरूरतों केप्रति संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने संस्थानों के सभी प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों से कहाकि आप छात्रों के मार्गदर्शक और साथही साथ अभिभावक भी हैं और आपका प्रयास होना चाहिएकि छात्रों को उनके घरों जैसा सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण मुहैया कराएं।
राष्ट्रपति ने कहाकि अवसर मिलने पर हमारी बेटियां बेहतर प्रदर्शन करती हैं। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी संस्थानों में लड़कियों की भागीदारी भी बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में छात्राओं की उपस्थिति और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने केलिए प्रयास किए जाने चाहिएं। राष्ट्रपति ने कहाकि यह एक सच्चाई हैकि गुणवत्तापूर्ण अनुसंधानों के माध्यम से नया ज्ञान पैदा करने वाले उच्च शिक्षण संस्थान विश्वस्तर पर प्रसिद्ध बने हुए हैं, ऐसे शिक्षण संस्थानों में कई नोबेल विजेता लोग शोधार्थियों का मार्गदर्शन करते हैं, इस वैश्विक संदर्भ में भारत को ज्ञानशक्ति के रूपमें स्थापित करने का हमारा सामूहिक प्रयास आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि समर्पण, आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के बल पर हम उच्चशिक्षा के राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि भारत को नॉलेज सुपरपावर में बदलने में शैक्षणिक संस्थानों के शीर्ष नेतृत्व की बड़ी जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति ने कहाकि युवा पीढ़ी अपने शिक्षकों और सफल व्यक्तियों में अपना आदर्श देखती है, ऐसे में उनके आचरण से जो आदर्श और उदाहरण स्थापित होते हैं, वे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहाकि उच्च शिक्षण संस्थानों में युवाओं के चरित्र निर्माण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षा प्राप्त, नैतिक रूपसे मजबूत युवा एक बेहतर समाज और राष्ट्र का निर्माण करेंगे। राष्ट्रपति ने इससे पहले दिन में विज़िटर्स पुरस्कार-2021 प्रदान किए। इनोवेशन केलिए विज़िटर पुरस्कार दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिजिकल एंड केमिकल साइंसेज के प्रोफेसर वेंकटेश सिंह को दिया गया, जिन्होंने सिलिकॉन फाइबर शीट का उपयोग करके प्रतिरोधी प्लेट चैंबर डिटेक्टर केलिए स्वदेशी चार्ज पिकअप पैनल विकसित किया। भौतिक विज्ञान में अनुसंधान केलिए विज़िटर पुरस्कार हैदराबाद विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिजिक्स के प्रोफेसर सुराजीत धारा को सॉफ्ट मैटर और लिक्विड क्रिस्टल में उनके काम केलिए प्रदान किया गया।
डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के प्रोफेसर मोहम्मद लतीफ खान को वन जैव विविधता को समझने, आरईटी यानी दुर्लभ, लुप्तप्राय और संकटग्रस्त पौधों की प्रजातियों के पुनर्जनन करने और पूर्वी हिमालय तथा मध्य भारत में वनों की खतरे की स्थिति के मूल्यांकन में योगदान देने केलिए जैविक विज्ञान में अनुसंधान केलिए विज़िटर पुरस्कार मिला। प्रौद्योगिकी विकास केलिए विज़िटर पुरस्कार हैदराबाद विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फिजिक्स के प्रोफेसर केसी जेम्स राजू को फेरोइलेक्ट्रिक पतली फिल्मों का उपयोग करके फ्रीक्वेंसी ट्यून करने योग्य माइक्रोवेव उपकरणों में उनके योगदान के लिए दिया गया। मॉलीक्यूलर सिस्टम और मटीरियल के फोटो-एक्साइटेशन पर पैदा होने वाली अल्पकालिक रासायनिक प्रजातियों की स्पेक्ट्रोस्कोपी और गतिशीलता में शोध योगदान हेतु राष्ट्रपति ने स्कूल ऑफ केमिस्ट्री हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनुनय सामंत को भौतिक विज्ञान में अनुसंधान केलिए विज़िटर पुरस्कार 2020 भी प्रदान किया।
विज़िटर्स कॉंफ्रेंस में आए प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों एवं दानदाताओं के एक समूह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने शिक्षा और समाज के हित में उनके योगदान केलिए दानदाताओं की सराहना की। उन्होंने कहाकि शैक्षणिक स्थितियों में सुधार और समाज में असमानता को दूर करने केलिए काम करना हम सभीका कर्तव्य है। उन्होंने कहाकि धन का उपयोग समाज और देश की भलाई केलिए किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे समाज और देश ने किसी न किसी तरह से हमारी सफलता में योगदान दिया है, इसलिए हमें समाज को वापस लौटाने केलिए प्रयास करने चाहिएं। उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि दानदाता बिना किसी दबाव के समाज के कल्याण केलिए उदारतापूर्वक दान कर रहे हैं। उन्होंने कामना की उन्हें अपने नेक प्रयास आगे भी जारी रखने चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि वह उन लोगों से मिलकर विशेष रूप से प्रसन्न हैं, जो लोगों की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के नि:स्वार्थ उद्देश्य केलिए दान कर रहे हैं, ये लोग महान काम कर रहे हैं।
आगंतुक सम्मेलन में इंडिगो एयरलाइंस के सह संस्थापक राकेश गंगवाल, यम चाइना के पूर्व सीईओ मुक्तेश पंत, माइंडट्री के सह संस्थापक सुब्रतो बागची, एक्सेल इंडिया सह संस्थापक और पार्टनर प्रशांत प्रकाश, केप्वाइंट टेक्नोलॉजिस के सह संस्थापक और चेयरमैन डॉ श्रीधर शुक्ला, सिटियस टेक के सह संस्थापक और सीईओ रिजवान कोइता, आईवीकैप वेंचर्स एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर विक्रम गुप्ता, टीटीके प्रेस्टीज के चेयरमैन टीटी जगन्नाथन, इनाम के सह संस्थापक और फ्लेम यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर नेमिष शाह, एचसीएल टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन और शिव नादर यूनिवर्सिटी की ट्रस्टी रोशनी नादर और पीरामल ग्रुप के चेयरमैन अजय पीरामल भी अपने जीवनसाथी केसाथ शामिल हुए।

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