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'चंद्रयान-3 से भारत का वैश्विक सहयोग बढ़ेगा'

'कृत्रिम बुद्धिमत्ता में विश्व की सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान'

नासा भारत के अंतरिक्ष यात्रियों का आह्वान कर रहा-राज्यमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 13 July 2023 02:23:03 PM

dr jitendra singh

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी, पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि चंद्रयान-3 भारत के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के स्तर को विशेष रूपसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में बढ़ाएगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि अमेरिका का नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग केलिए एक रणनीतिक ढांचा विकसित कर रहे हैं और नासा भारत के अंतरिक्ष यात्रियों का आह्वान कर रहा है। उन्होंने कहाकि भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान आर्टेमिस समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जो समस्त मानवजाति के लाभ के उद्देश्य से अंतरिक्ष अन्वेषण केलिए एक सार्वभौम दृष्टिकोण की परिकल्पना करता है। डॉ जितेंद्र सिंह ये बातें अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के प्रतिनिधित्व में भारत-अमेरिका के संयुक्त रूपसे जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने केलिए महत्वपूर्ण और उभरती हुई क्वांटम प्रौद्योगिकी एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर सहयोगात्मक प्रस्तावों का आह्वान करते हुए कहीं।
भारत-अमेरिका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम और यूएसआईएसटीईएफ के सचिवालय ने इस कार्यक्रम को विकसित किया है। राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के परिप्रेक्ष्य में आया है, जहां उन्होंने द्विपक्षीय व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी केलिए एक नए अध्याय पर जोर दिया था। उन्होंने कहाकि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि भारतीय और अमेरिकी दोनों पक्षों ने नेताओं के निर्णय को कार्यांवयन स्तर तक आगे बढ़ाने केलिए स्वयं को तेजी से आगे बढ़ा लिया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि इस भारत-अमेरिकी जुड़ाव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में अमेरिका-भारत एआई सम्बंधों में नई दिशा और नई ऊर्जा केसाथ भविष्य केलिए प्रौद्योगिकी साझेदारी की रूपरेखा तैयार की है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि उच्च प्रासंगिकता के अन्य प्रौद्योगिकी उन्मुख मामलों के अलावा यह जानकर अच्छा लग रहा हैकि राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष के अंतर्गत 20 लाख अमेरिकी डॉलर के अनुदान कार्यक्रम के शुभारंभ का स्वागत किया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम प्रौद्योगिकियों के संयुक्त विकास और व्यावसायीकरण केसाथ ही भारत में उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग सुविधाओं को विकसित करने केलिए सार्वजनिक-निजी सहयोग को प्रोत्साहित किया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि भारत ने हालही में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास का सूत्रपात करने, उसे पोषित करने और बढ़ाने केसाथ ही क्वांटम प्रौद्योगिकी में एक जीवंत और अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को स्वीकृति दी है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि यह कहने की आवश्यकता नहीं हैकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में विश्व की सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता है और यह आर्थिक विकास केलिए जबरदस्त अवसर भी प्रस्तुत करती है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि एआई और क्वांटम प्रौद्योगिकी में निवेश से हमारे दैनंदिन जीवन में परिवर्तनकारी प्रगति होगी और स्वास्थ्य देखभाल, कृषि, जलवायु परिवर्तन और अन्य पर इसके प्रभाव से हमारे सामाजिक कल्याण को बहुत लाभ होगा। उन्होंने अक्षय निधि की परिवर्तनकारी क्षमता का स्वागत किया। यह आह्वान 31 अगस्त 2023 तक खुला रहेगा और व्यावसायिक रूपसे व्यवहार्य एवं सामाजिक रूपसे प्रासंगिक प्रौद्योगिकी नवाचार और उद्यमशीलता प्रस्तावों केलिए आशाजनक संयुक्त भारत-अमेरिका वार्ता को आमंत्रित करेगा। सतत विकास लक्ष्यों के विभिन्न पहलुओं को देखते हुए यह स्वदेशी के साथही अमेरिकी प्राथमिकताओं कोभी महत्वपूर्ण रूपसे बढ़ावा देगा।

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