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राष्ट्रपति ने भूवैज्ञानिकों को सम्मानित किया

भू-वैज्ञानिक नए खनिजों की खोज पर ध्यान दें-केंद्रीय खान मंत्री

'देश के आर्थिक विकास में खनिज विकास का महत्वपूर्ण योगदान'

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Tuesday 25 July 2023 12:00:19 PM

president honored geologists

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में एक भव्य समारोह में खान मंत्रालय के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 प्रदान किए है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि भूविज्ञान का क्षेत्र बहुत व्यापक है, इसमें भूस्खलन, भूकंप, बाढ़ और सुनामियों जैसी प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन भी शामिल है, इन विषयों को सार्वजनिक हित से जुड़ा पब्लिक गुड जिओसाइंसेज कहा जाता है, क्योंकि ये बड़ी संख्या में लोगों की सुरक्षा में उपयोगी होते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि खनन हमारी अर्थव्यवस्था का प्राथमिक क्षेत्र है, देश के आर्थिक विकास में खनिज विकास का महत्वपूर्ण योगदान है। पिछले कुछ वर्ष के दौरान सरकार ने खनन के क्षेत्र में कई प्रगतिशील परिवर्तन किए हैं, जिनसे खनन क्षेत्र की क्षमता और उत्पादकता बढ़ रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि विज्ञान और विकास का वही मार्ग सही साबित होता है, जो मानवता के कल्याण की ओर जाता है, इसलिए भू-वैज्ञानिक समुदाय को मानवकेंद्रित खनन की दिशा में बढ़ते रहना होगा। उन्होंने खनिजों के कुशल उपयोग में योगदान देकर भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने केलिए भारतीय भू-वैज्ञानिकों की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहाकि इन दिनों दुर्लभ पृथ्वी तत्वों, प्लैटिनम तत्वों के समूह और अर्धचालक तत्वों जैसे खनिजों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहाकि पर्यावरण संरक्षण की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए कुछ पारंपरिक खनिजों के खनन और उनके परिणामों का नए दृष्टिकोण केसाथ विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने पुरस्कारों में सतत खनिज विकास के क्षेत्र में योगदान को मान्यता देने केलिए खान मंत्रालय की सराहना की और खुशी जताई कि सतत खनिज विकास केलिए आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय तीनों आयामों पर समान ध्यान दिया जा रहा है।
केंद्रीय खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और भूवैज्ञानिकों से देश के रणनीतिक विकास केलिए महत्वपूर्ण खनिजों की खोज पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि भू-वैज्ञानिकों को नए खनिजों की खोज करने केलिए आधारभूत डेटा का उचित उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि नए भारत को आकार देने में खनन क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुमानित विकास के मद्देनज़र मौजूदा कानूनों में संशोधन, निजी क्षेत्र की भागीदारी केलिए क्षेत्र को खोलने और अन्य सुधारों के रूपमें खान मंत्रालय के कदमों पर उन्होंने कहाकि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम को भी संशोधित किया जाएगा। राज्यमंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहाकि देश की विकास संबंधी आवश्यकताओं में योगदान देने के अलावा भूवैज्ञानिक प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली पीड़ा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खान मंत्रालय में सचिव विवेक भारद्वाज ने खान मंत्रालय के 1966 में शुरू किए गए पुरस्कारों की पृष्ठभूमि के बारेमें जानकारी दी। उन्होंने कहाकि भूविज्ञान के नए क्षेत्रों को शामिल करने केबाद से पुरस्कार विकसित हुए हैं।
देशभर के कामकाजी पेशेवरों और शिक्षाविदों सहित 22 भूवैज्ञानिकों को तीन श्रेणियों-लाइफटाइम अचीवमेंट केलिए एक राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार, एक राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार और भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में आठ राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्राप्त किए हैं। लाइफटाइम एचीवमेंट केलिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार डॉ ओम नारायण भार्गव को दिया गया है, वह चार दशक में हिमालय में अपने उल्लेखनीय कार्य केलिए जाने जाते हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ अमिय कुमार समल को राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किया गया है। उन्होंने भारतीय सतह के विभिन्न आर्कियन क्रेटन के नीचे उपमहाद्वीपीय लिथोस्फेरिक मेंटल की विविधता को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्ष 1966 में शुरू किए गए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार उन असाधारण लोगों और संगठनों केलिए सम्मान और प्रशंसा का प्रतीक है, जिन्होंने भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता, समर्पण और नवाचार का प्रदर्शन किया है। ये पुरस्कार खनिजों की खोज और अन्वेषण, बुनियादी भूविज्ञान, अनुप्रयुक्त भूविज्ञान एवं खनन, खनिज अमिशोधन और सतत खनिज विकास के क्षेत्र में प्रदान किए जाते हैं। 

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