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Monday 31 July 2023 12:44:09 PM
नई दिल्ली। भारत में टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन के पांचवें चक्र की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया हैकि प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण केलिए अंतर्राष्ट्रीय संघ एवं संरक्षित क्षेत्रों पर विश्व आयोग के ढांचे से अपनाया गया प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन टाइगर रिज़र्व और उनसे जुड़ी लैंडस्केप कनेक्टिविटी के प्रबंधन परिप्रेक्ष्य में सहायता एवं सुधार केलिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण के रूपमें उभरा है। रिपोर्ट में कहा गया हैकि भारत में टाइगर रिज़र्व दुनिया के बेहतरीन संरक्षण मॉडलों में से एक है, जो जैव विविधता के संरक्षण और मनुष्यों की भलाई केलिए प्राकृतिक वास प्रदान करते हैं। वे प्रकृति आधारित पर्यटन केलिए भी प्रमुख स्थल हैं। वर्ष 2006 में अपनी स्थापना के बादसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान के संयुक्त रूपसे आयोजित प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्रयासों के सफल मूल्यांकन का मार्ग प्रशस्त किया है।
भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जिसने देश में टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन के पांच चक्रों को संस्थागत और प्रभावी ढंग से पूरा किया है। इसने 18 राज्यों में 75,796.83 वर्ग किलामीटर क्षेत्र में फैले 53 टाइगर रिज़र्व का एक नेटवर्क घोषित किया है, इनमें से 2022 में टाइगर रिज़र्व के एमईई के पांचवें चक्र में प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन प्रक्रिया से कुल 51 टाइगर रिज़र्व का स्वतंत्र रूपसे मूल्यांकन किया गया है। देश के 51 टाइगर रिज़र्व के मूल्यांकन केलिए दस स्वतंत्र क्षेत्रीय विशेषज्ञ समितियों का गठन किया गया और पांच बाघ परिदृश्यों के 10 अलग-अलग समूहों में प्रतिनियुक्त किया गया था। प्रत्येक टीम में एक अध्यक्ष और 2-3 सदस्य वन्यजीव प्रबंधन, विशेष रूपसे टाइगर रिजर्व या संरक्षित क्षेत्र प्रबंधन के क्षेत्रमें अनुभव रखने वाले सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा भारतीय वन्यजीव संस्थान के संकाय सदस्य ने अभ्यास को पूरा करने में तकनीकी सहायता प्रदान की। प्रक्रिया के एक भाग के रूपमें स्वतंत्र विशेषज्ञ टीमों ने निर्धारित मूल्यांकन मानदंडों के अनुसार प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन केलिए सभी 51 टाइगर रिज़र्व का दौरा किया और फील्ड निदेशकों के प्रस्तुत सहायक दस्तावेजों की जांच करने केबाद प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन स्कोर कार्ड पूरा किया।
देश के विविध बाघ अभयारण्यों के विश्लेषण में समानता और मूल्यांकन के संबंध में मूल्यांकनकर्ताओं का मार्गदर्शन करने केलिए तकनीकी मैनुअल में पिछले चक्रों से मानदंडों को थोड़ा बेहतर किया गया है। प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन फ्रेमवर्क के छह तत्वों में से प्रत्येक के मूल्यांकन केलिए भारत में टाइगर रिज़र्व के एमईई केलिए 33 मानदंड विकसित किएगए हैं। विभिन्न मानदंडों को अलग-अलग वेटेज देने केबाद स्कोरिंग को अधिक उद्देश्यपूर्ण बनाने केलिए मूल्यांकन के एक भाग के रूपमें एक विस्तृत मैट्रिक्स विकसित और शामिल की गई। करीब 51 टाइगर रिज़र्व में से प्रत्येक केलिए सभी 33 मानदंडों के स्कोर को एकसाथ एकत्रित किया गया और प्रत्येक टाइगर रिज़र्व केलिए एक प्रतिशत रेटिंग की गणना की गई। इस व्याख्या ने परिणामों को अधिकतम संभावित स्कोर के प्रतिशत के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया, इनमें 50-59 प्रतिशत को उचित के रूपमें मूल्यांकित किया गया, 60-74 प्रतिशत को अच्छा माना गया, 75-89 प्रतिशत को बहुत अच्छा और >=90 प्रतिशत को उत्कृष्ट के रूपमें दर्जा दिया गया है।
प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन के दौरान टाइगर रिज़र्व के पर्याप्त सुधार उच्च स्कोर अर्थात >= 90 प्रतिशत को समायोजित करने केलिए इन श्रेणियों में थोड़ा संशोधन और उत्कृष्ट श्रेणी की शुरुआत की गई थी। वर्ष 2022 में टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन के पांचवें चक्र के परिणाम 51 टाइगर रिज़र्व केलिए 78.01 प्रतिशत के समग्र औसत स्कोर का संकेत देते हैं। कुल 12 टाइगर रिज़र्व ने उत्कृष्ट श्रेणी हासिल की है, इसके बाद 21 टाइगर रिज़र्व बहुत अच्छी श्रेणी में, 13 टाइगर रिज़र्व अच्छी श्रेणी और 5 टाइगर रिज़र्व उचित श्रेणी में हैं। टाइगर रिज़र्व के एमईई के 5वें चक्र ने देश में टाइगर रिज़र्व नेटवर्क के संचालन में उत्कृष्ट गुणात्मक और मात्रात्मक अंतर्दृष्टि प्रदान की है। वैश्विक बाघ दिवस पर कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने देश में टाइगर रिज़र्व की प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन विस्तृत रिपोर्ट जारी की। कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी उपस्थित थे।