स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 18 August 2023 03:18:10 PM
भुवनेश्वर। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में कुवी और देसिया आदिवासी भाषा में पुस्तकें लॉंच की। कार्यक्रम में डाक विभाग की ओरसे विशेष कवर भी जारी किया गया, जो कोरोपुट के ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय, डाक विभाग और एनसीईआरटी केसाथ एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है। धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाकि ओडिशा की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हिस्सा 62 से अधिक जनजातियों को कवर करता है, इसलिए छात्रों को उनके बोलने के कौशल, सीखने के परिणाम और संज्ञानात्मक विकास में सुधार केलिए उनकी स्थानीय प्रकृति और संस्कृति के आधार पर चित्रों, कहानियों और गीतों की मदद से पढ़ाना आवश्यक हो जाता है।
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि इस संबंध में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने पहलीबार ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से उन बच्चों केलिए दो अमूल्य पुस्तकें कुवी प्राइमर और डेसिया प्राइमर तैयार की हैं, जो ओडिशा के अविभाजित कोरापुट जिले में कुवी और देसिया आदिवासी भाषाएं बोल रहे हैं। उन्होंने कहाकि ये दो प्राइमर न केवल उन बच्चों की मजबूत शैक्षिक नींव को आकार देंगे, बल्कि ओडिशा के आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक, भाषाई विरासत और पहचान को संरक्षण और बढ़ावा भी देंगे। इस अवसर पर निर्मला सीतारमण ने कहाकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बहुत ही प्रगतिशील नीति है, यह विभिन्न लोगों के एकसाथ विचार करने और व्यापक विचार-विमर्श का परिणाम है। उन्होंने बतायाकि यह एक व्यापक रूपरेखा है और राज्यों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इसे अपनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
निर्मला सीतारमण ने कहाकि जब कोई अपनी मातृभाषा में सीखता, बोलता और सोचता है तो विचार की स्पष्टता होती है, जिसका उपयोग बादमें किया जा सकता है, इसलिए मातृभाषा में सीखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि शिक्षा मंत्रालय और शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान आदिवासी बच्चों की शिक्षा केलिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि स्थानीय भाषाओं और बोलियों में प्राइमर पेश करने का कदम एक पीढ़ीगत कदम है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण को भी समृद्ध करेगा। देश केलिए बलिदान देने वाले नायकों को श्रद्धांजलि देने केलिए प्रधानमंत्री के आह्वान पर देशव्यापी मेरी माटी मेरा देश अभियान केतहत दोनों मंत्रियों ने इस दौरान और भी कई कार्यक्रमों में भाग लिया। दोनों मंत्री पुरी समुद्र तट पर पद्मश्री पुरस्कार विजेता सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक की 'मेरी माटी मेरा देश' पर सैंड आर्ट देखने गए। धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि यह कलाकृति देश केलिए अपना जीवन बलिदान करने वाले नायकों को श्रद्धांजलि देने का अनूठा और सराहनीय तरीका है, उन्होंने इस कार्य में लगे सभी मूर्तिकारों को धन्यवाद दिया।
मेरी माटी मेरा देश के शिलाफलकम समर्पण और वसुधा वंदन पहल के तहत दोनों मंत्रियों ने छात्रों केसाथ मिलकर शहीदों की याद में एक स्मारक पट्टिका स्थापित की और पुरी में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सदाशिव परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी भाग लिया। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मंत्रियों ने उपस्थित जनसमूह को पंच प्रण प्रतिज्ञा दिलाई। दोनों मंत्रियों ने शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मानित किया। उन्होंने दिल्ली में अमृत वाटिका बनाने केलिए शहीद जयी राजगुरु के जन्मस्थान पुरी जिले के बिरहरेकृष्णपुर गांव से घर-घर से अमृत कलश में मिट्टी और चावल एकत्र किए। उन्होंने शहीद जयी राजगुरु की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि जयी राजगुरु का जन्मस्थान बिरहरेकृष्णपुर ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रमाण है, इस गांव की मिट्टी जयी राजगुरु की वीरता और बलिदान की गवाह है, जो मेरी माटी मेरा देश अभियान को और अधिक प्रासंगिक बनाती है। उन्होंने कहाकि आइए हम अपने बहादुर योद्धाओं के बलिदान को याद करने और उनके बलिदान का सम्मान करने केलिए ऐसे ऐतिहासिक रूपसे महत्वपूर्ण स्थानों पर जाएं। दोनों मंत्रियों ने ओडिशा के पुरी में एक शिल्प विरासत वाले गांव रघुराजपुर के कारीगरों केसाथ बातचीत की। बातचीत के दौरान वित्तमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभों पर प्रकाश डाला, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से वर्ष 2023 के स्वतंत्रता दिवस भाषण में की थी।