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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की रेल चलाने के लिए रेल मंत्री ममता बनर्जी ने संसद में मुनाफे के साथ रेल गाड़ियों, लाइनों, यात्रियों, व्यापारियों और रेल कर्मचारियों के कल्याण की सुख सुविधाओं का अंबार लगा दिया। वामपंथी किले की प्राचीर को चुनौती देते हुए ममता बनर्जी ने यह संदेश भी दे डाला कि भारत में रेल की सबसे ज्यादा जरूरत पश्चिम बंगाल की जनता को है। शुद्ध रूप से इस राजनीतिक रेल बजट में यूं तो देश के विभिन्न इलाकों को भी ममता बनर्जी ने कुछ न कुछ देने की कोशिश की है किंतु पश्चिम बंगाल को तो मालामाल करने में उन्होंने कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। बिल्कुल रेल की रफ्तार की मांनिंद माने जा रहे ममता बनर्जी के रेल बजट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्ष इस बजट से संतुष्ट नहीं है और उसका आरोप है कि यह सब रेलवे की कीमत पर पश्चिम बंगाल का चुनाव जीतने की रणनीति है।
रेल बजट में रेल किराए में कोई वृद्धि न करते हुए ममता बनर्जी ने पहले अपनी राजनीति का इंतजाम किया है। उन्होंने देश को दूसरे नंबर पर रख कर उधार के मुनाफे का रेल बजट पेश किया है। वरना क्या बात है कि रेल किराए में कोई वृद्धि ही नहीं गई है और रियायतों का अंबार लगाया गया तो सोचने वाली बात है कि आखिर वह कौन सी जादू की छड़ी है जिससे ममता बनर्जी रातों-रात रेलवे को धनवान बना देंगी? ध्ारातली सच्चाई तो यही है कि इस प्रकार के रेल बजट से बढ़े हुए खर्चे और महंगाई को पाटने के लिए आज नहीं तो कल रेल यात्रियों पर धम्म से किराए का बोझ डाला ही जाएगा। इस रेल बजट में फिलहाल मायावती की तरह से ममता बनर्जी ने बंगाल को जो खैरात बांटी है और जिन रेल योजनाओं और सुख सुविधाओं का विस्तार किया है उसके अंश इस प्रकार हैं-
शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों, कीर्ति और शौर्य चक्र से सम्मानित लोगों को रियायत और सुविधा, राजधानी और शताब्दी रेलगाड़ियों में भी देने का प्रस्ताव है। प्रेस संवाददाताओं को उनके परिवार सहित 50 प्रतिशत की रियायत बढ़ाकर साल में दो बार करने का प्रस्ताव है। मरणोपरांत परमवीर चक्र और अशोक चक्र वीरता पदक से सम्मानित अविवाहित व्यक्ति के माता-पिता को कार्ड पास सुविधा मिलेगी। वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली 30 प्रतिशत रियायत बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है। महिलाओं को 58 वर्ष की आयु में ही वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत मिलेगी। नौ नई दूरांतों रेलगाडियां चलाने, एसी डबल डेकर सेवाएं चलाने और तीन नई शताब्दी रेलगाड़ियां चलाने की योजना है।
स्वामी विवेकानंद की स्मृति में 4 विवेक एक्सप्रेस रेलगाडि़यां और गुरू रवींद्रनाथ ठाकुर की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 4 कवि गुरू एक्सप्रेस रेलगाड़ियां चलाने का ऐलान करके ममता बनर्जी ने सहानुभूति बटोरी है। दस राज्य रानी एक्सप्रेस रेलगाड़ियां चलाने, छप्पन नई एक्सप्रेस रेलगाड़ियां चलाने का प्रस्ताव है। जन्म-भूमि गौरव के नाम से विशेष पर्यटक रेलगाड़ी चलेगी। रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर इंडस्ट्री इनिसिएटिव। विशेष मालगाड़ी परिचालन। कोयला और लौह अयस्क खानों से रेल कनेक्टिविटी। पच्चासी प्रस्ताव प्राप्त हुए, इन प्रस्तावों को आगे बढ़ाने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली। चल स्टॉक की मांग को पूरा करने के लिए रेल आधारित उद्योग स्थापित होगा। विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सहयोग से न्यू जलपाईगुडी, आद्रा, जेल्लिंघम और कुलटी में कार्य शुरू किए जाएंगे। रायबरेली सवारी डिब्बा कारखाने से पहला सवारी डिब्बे का उत्पादन अगले तीन महीनों के अंदर हो जाएगा। कई स्थानों पर रेल इंजनों, सवारी डिब्बों और महत्वपूर्ण कलपुर्जों की आपूर्ति के लिए परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। पीपीपी/जेवी परियोजना मॉडल पर अधिकारियों का एक समूह कार्य करेगा। बज़बज, दानकुनी, नौपाडा, अनारा, तीनघरिया, न्यू कूच बिहार, खड़गपुर, हल्दिया, गुवाहाटी और काजीपेट में आरंभ कार्य शुरू कर दिया गया है। भूमि चिन्हित करने के बाद ओड़िशा में माल डिब्बा कारखाना शुरू किया जाएगा। रेल डिब्बा कारखाना, पेरांबूर की दूसरी इकाई शीघ्र ही शुरू होगी। पालाक्कड कोच फैक्टरी स्थापित की जाएगी। बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड और ब्रैथवेट कंपनी लिमिटेड को रेल मंत्रालय के नियंत्रण में लाया गया है।
जम्मू और कश्मीर में पुल कारखाना और जम्मू में सुरंग एवं पुल इंजीनियरिंग के लिए संस्थान स्थापित किया जाएगा। सिंगूर में मेट्रो कोच फैक्टरी स्थापित की जाएगी। मणिपुर में डीजल रेल इंजन केंद्र स्थापित होगा। दार्जिलिंग में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन सॉफ्टवेयर स्थापित किया जाएगा। जेवी/पीपीपी के अंतर्गत कोलार और अलापुझा में दो वैगन कारखाना और बुनियादपुर में एक वैगन इकाई स्थापित की जाएगी। उलूबेरिया में ऑन ट्रैक मशीनों के विनिर्माण के लिए फैक्ट्री की स्थापना की जाएगी और वहीं न्यू ट्रैक मशीन आवधिक ओवरहॉलिग सुविधा की व्यवस्था भी की जाएगी। जेल्लिंघम और न्यू बॉंगाईगांव में रेल इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित किया जाएगा। महाराष्ट्र के ठाकुरली में 700 मेगावाट का गैस-आधारित पॉवर संयंत्र स्थापित किया जाएगा। नागपुर, चंडीगढ़ और भोपाल में अतिरिक्त मैकेनाइज्ड लाउंड्री क्लिनिंग यूनिट स्थापित किए जाएंगे। रेल पटरियों के किनारे रहने वाले लोगों के लिए सुखी गृह योजना के माध्यम से छोटे-छोटे आश्रय मुहैया कराने की एक योजना शुरू की जा रही है। (इस योजना से ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल के चुनाव में भारी राजनीतिक लाभ मिल सकेगा) पायलट आधार पर मुंबई, सियालदह, सिलीगुडी, तिरूचिरापल्ली आदि स्थानों पर 10,000 आवासीय इकाइयां मुहैया कराई जाएंगी। रेलवे में अब तक का 57,630 करोड़ रुपए का सर्वाधिक परिव्यय। सकल बजटीय सहायता 20,000 करोड़ रुपए। डीजल उपकर 1,041 करोड़ रुपए। आंतरिक संसाधन 14,219 करोड़ रुपए। सार्वजनिक निजी भागीदारी/डब्ल्यूआईएस 1,776 करोड़ रुपए। सन् 2011-12 में 1,000 किलोमीटर नई लाइनों 867 किलोमीटर दोहरीकरण, 1017 किलोमीटर आमान परिवर्तन का लक्ष्य रखा गया है।
रेल बजट में नई लाइनों के लिए 9,563 करोड़ रुपए, दोहरीकरण के लिए 5,406 करोड़ रुपए, आमान परिवर्तन के लिए 2,470 करोड़ रुपए और चल स्टॉक प्राप्त करने के लिए 13,820 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। तीन हज़ार टीवीयू तक के बिना चौकीदार वाले सभी समपारों को समाप्त किया जाएगा। दो सौ ऊपरी सड़क पुलों और 325 निचले सड़क पुलों/सबवे का निर्माण किया जाएगा। जीपीएस आधारित फॉग सेफ उपकरण लगाए जाएंगे। वे राज्य, जो समस्या रहित गाड़ियों का संचालन सुनिश्चित करेंगे, उन्हें विशेष पैकेज के रूप में दो नई गाड़ियां और दो परियोजनाएं दी जाएंगी। एकल नंबर प्रणाली पर आधारित अखिल भारतीय सुरक्षा हेल्प लाइन स्थापित की जाएगी। वर्ष 2011-12 को हरित ऊर्जा वर्ष के रूप में माना जाएगा। मुंबई ईएमयू गाड़ियों में री-जेनरेटिव ब्रेकिंग की व्यवस्था की जाएगी। होटल लोड कनर्वटर्स वाले इंजनों का उत्पादन किया जाएगा। समपार फाटकों और स्टेशनों पर सौर-ऊर्जा और आईसीएफ चेन्नै विंड मिल का इस्तेमाल किया जाएगा। इंजनों और कारखानों में बायो-डीजल, सीएनजी और एलएनजी का भी उपयोग किया जाएगा।
रेल कर्मचारियों के परिवारों को 14 लाख सीएफएल की मुफ्त की आपूर्ति की जाएगी। पैंतालीस स्थानों पर एमएफसी और बजट होटल स्थापित किए जाएंगे। पैन इंडिया मल्टी पर्पज गो इंडिया स्मार्ट कार्ड शुरू किया जाएगा। केरल में दो और उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक-एक नए यात्री टर्मिनल लगाए जाएंगे। ई-टिकटिंग के लिए नया पोर्टल लाया जा रहा है। हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस में पॉयलट आधार पर इंटरनेट एक्सेस की व्यवस्था की जाएगी। विश्राम कक्षों की अग्रिम बुकिंग शुरू की जाएगी। यात्रा के नए एसी दर्जे की भी शुरूआत होगी। यात्री गाड़ियों की रफ्तार 160-200 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए जापान की सहायता से व्यवहारिकता अध्ययन किया जाएगा। संरक्षा कोटि के लिए कर्मचारियों के लिए गारंटीशुदा रोजगार के लिए उदारीकृत सक्रिय सेवा निवृत्ति योजना का दायरा बढ़ेगा। माता एवं पिता दोनों आश्रितों के लिए चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। ग्रुप डी कर्मचारियों की पुत्रियों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाकर 1200 रुपए प्रतिमाह कर दी गई है। रेलवे विद्यालय प्रबंधन बोर्ड स्थापित किया जाएगा। बीस रोड मेडिकल वाहनों की व्यवस्था की जाएगी। रेल कर्मचारियों के बच्चों के लिए 20 अतिरिक्त छात्रावास भी स्थापित किए जाएंगे।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कोटे के बैकलॉग सहित ग्रुप-सी एवं डी की 1.75 लाख रिक्तियों के लिए भर्ती होगी। मेगा भर्ती अभियान चालू। मार्च 2011 के अंत तक 16,000 भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती। तीन बहु-विभागीय प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होंगे जिसमें आगरा में एक एक्सक्लूसिव अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र शामिल है। कुर्सीयान में नया बेसिक प्रशिक्षण केंद्र बनेगा। खेलों के और ज्यादा प्रोत्साहन के लिए एक अलग खेलकूद संवर्ग का गठन किया जाएगा। लदान लक्ष्य को 20 एमटी कम करके 924 एमटी किया गया। सकल यातायात प्राप्तियां 94,000 करोड़ रूपये निश्चित की गई हैं जो बजट अनुमान से 75 करोड़ रूपये अधिक हैं। साधारण संचलन व्यय 67,000 करोड़ निश्चित किया गया है, जो बजट अनुमान से 2,000 करोड़ रूपये ज्यादा है। चालू लाभांश दायिता को पूर्ण रूप से वहन किया जाएगा। रेलवे को 4,105 करोड़ रूपये का आधिक्य प्राप्त हुआ। फ्रेट लदान में 993 एमटी की और यात्री यातायात में 6.4 प्रतिशत व़ृद्धि का प्रस्ताव है। सकल यातायात प्राप्तियां 1,06,239 करोड़ रूपये होने का अनुमान है। पहली बार इन प्राप्तियों के एक लाख करोड़ रूपये के स्तर को पार करने का अनुमान है। लाभांश के लिए 6,735 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
कोलकाता मेट्रो में 34 नई रेल सेवाएं चलेंगी। मेट्रो रेलवे कोलकाता के 4 खंडों पर चालू कार्यों की प्रगति पर नज़र रखने के लिए कोर कमेटी गठित करने का प्रस्ताव है। कोलकाता मेट्रो रेलवे की नई संपर्कता के लिए सर्वेक्षण शुरू करना, उत्तर रेलवे पर 20 कार मेमू गाडि़यां चलाने और बडे़ शहरों में इन्टीग्रेटिड सब-अर्बन रेलवे नेटवर्क के भी विकास का प्रस्ताव। कोलकाता की पूरी सब-अर्बन प्रणाली को अपग्रेड करने के लिए कोलकाता रेल विकास निगम स्थापित किया जाएगा। सन् 2010-11 में नई लाइनों के 27 खंडों में लगभग 700 किलोमीटर रेल मार्ग को पूरा किया जाएगा। पंद्रह खंडों पर कार्य पूरा करने के लिए आमान परिवर्तन के 800 किलोमीटर के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। बीस खंडों को कवर करते हुए आमान परिवर्तन के तहत 1,017 किलोमीटर का लक्ष्य निर्धारित। सन् 2011-12 में 1,075 को कवर करते हुए 40 खंडों के नई लाइनों का प्रस्ताव है। पर्यटन मंत्रालय के साथ साझेदारी में 24 स्टेशनों पर 50:50 की लागत में भागीदारी के आधार पर स्टेशन सुधार करना इस रेल बजट की सुविधाओं और विशेषताओं में शामिल है।