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Friday 27 October 2023 01:00:23 PM
बैंगलोर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय प्रबंधन संस्थान बैंगलोर के स्वर्ण जयंती समारोह केतहत स्थापना सप्ताह कार्यक्रम का हिस्सा बनकर खुशी व्यक्त कीकि आईआईएम बैंगलोर जैसा प्रमुख और प्रतिष्ठित प्रबंध संस्थान अपने स्वर्ण जयंती समारोह के वर्ष में प्रवेश कर रहा है, 1973 में अपनी स्थापना के बादसे प्रतिभाओं, संसाधनों का पोषण और प्रचार कर रहा है। उन्होंने कहाकि 50 वर्ष में इसने न केवल प्रबंधकों, बल्कि लीडर्स, अन्वेषकों, उद्यमियों और चेंज मेकर्स को तैयार किया है। उन्होंने कहाकि यहां की शिक्षा बोर्डरूम, कार्यस्थल और बाज़ार, बल्कि जीवन के हर कल्पनीय और व्यावहारिक क्षेत्र की समस्याओं, चुनौतियों और मुद्दों से निपटने केलिए सर्वोत्तम प्रतिभाओं युवाओं का केंद्र है। राष्ट्रपति ने कहाकि अपनी स्थापना केबाद से ही व्यावसायिकता, दक्षता और योग्यता वे परिभाषित विशेषताएं हैं, जिनपर आईआईएम बैंगलोर साहस से खड़ा रहकर अपने को साबित कर रहा है। उन्होंने कहाकि इसने नवाचार और क्षमता निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाकर शिक्षा और अनुसंधान पर स्थायी प्रभाव छोड़ा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आईआईएम बैंगलोर के लोगो में एक उद्घोषणा है, जिसमें लिखा है तेजस्वि नवधीतमस्तु, जिसका अनुवाद है हमारे अध्ययन को ज्ञानवर्धक बनाएं और यह अतिशयोक्ति न होगी, यह उद्घोषणा आईआईएम बैंगलोर की विरासत केलिए सबसे उपयुक्त और सुसंगत है। उन्होंने कहाकि यह संस्थान न केवल अपने सदस्यों को पेशेवर कौशल, उपकरण और संसाधनों से सुसज्जित करता है, बल्कि उन्हें आत्मविकास और ज्ञानोदय की दिशा में मार्गदर्शन करता है और उन्हें अपने भीतर की प्रतिभा को खोजने में मदद करता है। उन्होंने कहाकि आईआईएम बैंगलोर का दृष्टिकोण व्यवसाय, सरकार और समाज के लिए प्रबंधन, नवाचार और उद्यमिता में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने वाला एक वैश्विक, प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान बनना है, इसका दृष्टिकोण और मिशन महानतम है, जो भविष्य के द्वार खोलता है, जो आपको सकारात्मक परिवर्तन और ईमानदारी की शक्ति बनने की अनुमति देता है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि आईआईएम बैंगलोर बड़े पैमाने पर ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम पेश करके प्रौद्योगिकी सक्षम शिक्षा का उपयोग करके गहरा सामाजिक प्रभाव डाल रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईआईएम बैंगलोर को भारत सरकार के ऑनलाइन शिक्षा मंच स्वयं पर प्रबंधन शिक्षा केलिए समन्वय संस्थान बनने केलिए बधाई दी। उन्होंने कहाकि भारत एक अत्यधिक युवा और गतिशील जनसांख्यिकी वाला देश है, इसलिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय फेलोशिप कार्यक्रम से सार्वजनिक नीति अनुसंधान और युवाओं के कौशल विकास के क्षेत्र में आईआईएम बैंगलोर के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी का कार्य न केवल आवश्यक है, बल्कि सराहनीय भी है। उन्होंने कहाकि हम रोमांचक समय में जी रहे हैं और यह चौथी औद्योगिक क्रांति का युग है, आईआईएम बैंगलोर के डेटा सेंटर और एनालिटिकल लैब में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य का व्यापार और अर्थव्यवस्था के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
राष्ट्रपति ने कहाकि अपनी उत्कृष्टता और क्षमता केलिए मशहूर आईआईएम बैंगलोर को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है, इसपर बहुत उम्मीद और आशा केसाथ भरोसा जताया गया है। उन्होंने कहाकि यह संस्थान एक ऐसी जगह है, जहां प्रतिभा का मिलन आकांक्षाओं और नेक इरादों से होता है। राष्ट्रपति ने भावी वेल्थ क्रिएटर्स को महात्मा गांधी के जीवन की शिक्षाओं को आत्मसात करने की सलाह दी, जो व्यवसाय की नैतिकता से असंगत नहीं हैं। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में उत्कृष्टता का लक्ष्य रखने और आईआईएम बैंगलोर की महान विरासत केसाथ जुड़कर जीने की सलाह दी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहाकि विरासत में मिली दुनिया के बारेमें शिकायत करने की जगह एक ऐसी दुनिया छोड़कर जाएं, जहां आनेवाली पीढ़ियां सद्भाव, आशावाद, समृद्धि और समानता केसाथ रह सकें और उनके पास शिकायत करने केलिए कुछ ना हो।