स्वतंत्र आवाज़
word map

भारत वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है-शिक्षा मंत्री

अभिनव और परिवर्तनकारी स्कूल '42 अबू धाबी' बेहद प्रशंसनीय

भारत-यूएई के शिक्षा मंत्रियों ने किए शैक्षणि‍क सहयोग पर करार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 November 2023 12:13:38 PM

india-uae education ministers signed agreement on educational cooperation

अबू धाबी। भारत के शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अबू धाबी में यूएई के शिक्षामंत्री डॉ अहमद अल फलासी से भेंट की। दोनों शिक्षा मंत्रियों ने भारत-यूएई केबीच मौजूदा शैक्षणि‍क सहयोग को और ज्यादा मजबूत करने केलिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिससे छात्रों और संकाय के आवागमन केसाथ विभिन्न पहलों में भी काफी सुविधा होगी। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान संयुक्त अरब अमीरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं और आशा हैकि उनके इस दौरे से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में आपसी हित वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग, भागीदारी और सामंजस्‍य को बढ़ावा मिलेगा। यूएई के शिक्षा मंत्री केसाथ बैठक में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है, इस लिहाज से दोनों देशों को अपने सभ्यतागत जुड़ावों को मजबूत करने केलिए एक ज्ञान सेतु निर्मित करने हेतु साथ मिलकर काम करना चाहिए। धर्मेंद्र प्रधान का यूएई में भारतीय प्रवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया, जहां वे उड़िया समुदाय के सदस्यों से भी मिले।
भारत और यूएई के शिक्षा मंत्रियों ने शिक्षा और कौशल विकास में द्विपक्षीय गतिविधियों की समीक्षा की, विशेष रूपसे जी20 इंडिया के हिस्से के रूपमें चौथी ईडीडब्ल्यूजी के दौरान अलग से हुई आपसी बैठक में जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई थी, उनकी प्रगति की समीक्षा की। दोनों शिक्षा मंत्रियों ने शैक्षणिक और कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता, यूएई में भारतीय संस्थानों की मान्यता के लिहाज से हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इस क्षेत्र में निरंतर काम करने की ज़रूरत बताई। शिक्षा मंत्रियों ने संस्थागत तंत्रों को सुदृढ़ करने और छात्रों तथा कार्यबल की सुगम गतिशीलता केलिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। धर्मेंद्र प्रधान ने यूएई में भारतीय पाठ्यक्रम का पालन करने वाले स्कूलों को समर्थन देने केलिए डॉ अहमद बेलहौल को धन्यवाद दिया, साथही भारत-यूएई केबीच छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम करने के तरीकों पर भी चर्चा की। दोनों शिक्षा मंत्रियों ने एक महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया, जिसका उद्देश्य छात्र और संकाय के आवागमन, संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम, पाठ्यक्रम डिजाइन करना, सम्मेलनों, व्याख्यानों, संगोष्ठियों, पाठ्यक्रमों, दोनों देशों के आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रदर्शनियों का आयोजन और भागीदारी, आदि की सुविधा प्रदान करके दोनों देशों में शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को मजबूत करना है।
भारत-यूएई केबीच शैक्षिक सहयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान की भी सुविधा प्रदान करेगा जैसे-दोनों देशों के सामान्य और उच्चशिक्षा में विनियम, कानूनी संरचनाएं और सर्वोत्तम तौर-तरीके। दोनों देशों केबीच योग्यता की पारस्परिक मान्यता को सुविधाजनक बनाने केलिए राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क सहित सामान्य और उच्च शिक्षा केलिए फ्रेमवर्क और नीतियां। प्रतिभाशाली कौशल विकास, परामर्श और कल्याण के क्षेत्रों में फ्रेमवर्क व नीतियां। दोहरी व्यवस्था, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश केलिए दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों केबीच अकादमिक सहयोग की सुविधा। इस सहमति पत्र के तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण शिक्षण कर्मियों के क्षमता विकास के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई है। सहमति पत्र एक संयुक्त कार्यसमूह के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा, जिसकी अध्यक्षता भारत और संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि करेंगे। इस सहमति पत्र के कार्यांवयन की समीक्षा केलिए संयुक्त कार्यसमूह वर्ष में कम से कम एकबार बारी-बारी से बैठक आयोजित करेगा। धर्मेंद्र प्रधान ने अभिनव और परिवर्तनकारी स्कूल '42 अबू धाबी' का भी दौरा किया, जोकि एक कोडिंग स्कूल है। यह स्कूल प्रोजेक्ट आधारित और गेमिफाइड पाठ्यक्रम से नवाचार, रचनात्मकता एवं एक सहकर्मी से दूसरे सहकर्मी के सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने पर गहराई से ध्यान केंद्रित करता है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि स्कूल 42 अबू धाबी जीसीसी में अपनी तरह का पहला स्कूल है और इससे तकनीकी रूपसे समर्थ भविष्य के दृष्टिकोण को साकार करने के क्रम में शिक्षा की राह में आनेवाली बाधाओं को दूर करने पर दिया जाने वाला जोर बेहद प्रशंसनीय है। पूरे वर्ष चौबीस घंटे खुला रहने वाला यह स्कूल शिक्षार्थियों को अपनी दिनचर्या के अनुसार सीखने और कमाने केप्रति पर्याप्त लचीलापन दर्शाता है। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डालाकि एनईपी 2020 में भी लचीलापन और कमाई केसाथ सीखने को लेकर प्रमुख रूपसे सिफारिश की गई है। उन्होंने कहाकि ऐसे प्रगतिशील तरीकों का समावेश करके भारत के प्रतिभाशाली युवाओं और श्रमशक्ति को सशक्त बनाना ही आगे की राह है। धर्मेंद्र प्रधान ने अबू धाबी इंडियन स्कूल में छात्रों और शिक्षकों केसाथ सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहाकि अबू धाबी में भारतीय समुदाय के सबसे बड़े स्कूलों में से एक एडीआईएस भारतीय छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन कर रहा है और उन्हें भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात दोनों देशों की संस्कृति, मूल्यों एवं लोकाचार से ओतप्रोत कर रहा है। उन्होंने कहाकि ये छात्र भविष्य के वैश्विक नागरिक और भारत एवं उसके सभ्यतागत लोकाचार के दूत हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]