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Thursday 27 June 2013 11:44:56 AM
नई दिल्ली। उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम 25 करोड़ रुपए का योगदान देंगे। उत्तराखंड को प्रभावित करने वाली भीषण प्राकृतिक आपदा के दौरान बर्बाद हुए बुनियादी ढांचे के सतत पुनर्निर्माण के लिए विद्युत क्षेत्र अपना योगदान देगा। विद्युत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में विद्युत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के मुख्य प्रबंध निदेशकों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उत्तराखंड की आर्थिक विकास प्रक्रिया को वापस पटरी पर लाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में दिए जाने वाले सहयोग का एक हिस्सा विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम वहन करेंगे। विद्युत राज्य मंत्री ने निर्देश दिया कि चयनित परियोजनाओं को सफल तरीके से समय के भीतर पूरा करने के लिए इस पर करीबी निगरानी रखी जाएगी। यह बात जाहिर है कि उत्तराखंड में आई भीषण बाढ़ में अनेक सड़कों, पुलों, विद्यालयों और सामुदायिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है या फिर वे पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं।
इसको मद्देनजर रखते हुए निर्णय लिया गया कि विद्युत क्षेत्र के नौ सार्वजनिक उपक्रम-एनटीपीसी (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम), पीजीसीआईएल (पावर ग्रिड कॉरपोरेशन), एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन), टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन), एसजेवीएन (सतलुज जल विद्युत निगम), पीएफसी (पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन), आरईसी (ग्रामीण विद्युतिकरण निगम), डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) और एनईईपीसीओ (नॉर्थ ईस्ट इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन) साथ मिलकर इस प्रयास के लिए 25 करोड़ रुपए का योगदान भी करेंगे। निधियन सहायता के लिए चयनित परियोजनाओं को राज्य सरकार के परामर्श से उनकी वरीयताओं और ज़रूरतों के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा।
एनटीपीसी 10 करोड़ रुपए का योगदान देगा। अन्य योगदान इस प्रकार हैं-पीजीसीआईएल पांच करोड़ रुपए, पीएफसी-तीन करोड़ रुपए, आरईसी दो करोड़ रुपए और एनएचपीसी, टीएचडीसी, एसजेवीएन, डीवीसी और एनईईपीसीओ एक करोड़ रूपए प्रत्येक। सिंधिया ने इस बात पर भी जोर दिया कि विद्युत क्षेत्र के केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को राज्य सरकार के परामर्श से शीर्ष वरीयता के आधार पर राज्य को निर्बाध और आवश्यक बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।बैठक में विद्युत सचिव पी उमाशंकर तथा मंत्रालय और विद्युत क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।