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Tuesday 27 February 2024 12:36:20 PM
आइजोल। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मिजोरम विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान कीं और उनका आह्वान कियाकि उनको प्रतियोगी परीक्षाओं और सरकारी नौकरी को हासिल करने की अंधाधुंध दौड़ से बाहर आने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने युवाओं को शासन में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक बताया और उन्हें अलग ढंग से सोचने, विचारों को अपने दिमाग में कार्यांवित करने और असफलता से न डरने केलिए प्रेरित किया, क्योंकि असफलता सफलता की ओर जाने वाला एक कदम होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहाकि दीक्षांत समारोह आपके जीवन का एक अद्वितीय पड़ाव है, यह एक यादगार क्षण है। जगदीप धनखड़ ने युवाओं से कहाकि बड़ा सोचो, मिजोरम को पर्यटन केंद्र बनाओ, आप इसमें योगदान कर सकते हैं, क्योंकि राज्य केपास देने केलिए बहुत कुछ है, देश का यह भाग बहुत ही अनमोल भाग है, यहां के पर्यटन, संस्कृति, पारिस्थितिकी तंत्र को और समृद्ध करें।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि पिछले दशक में केंद्र सरकार ने नॉर्थ ईस्ट में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने केलिए जिस तरह का निवेश किया है, उसपर नज़र डालें तो आप हैरान रह जाएंगे, हमारे बीच रेल, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी का एक जुड़ाव है, इसलिए बाहर के इकोसिस्टम के अलावा आपके पास स्टार्टअप में शामिल होने केलिए राज्य के भीतर स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध है, यह एक ऐसा राज्य है, जो चुनौतियां और अवसर प्रदान करता है। उपराष्ट्रपति ने देश में सक्षम इकोसिस्टम का जिक्र करते हुए कहाकि युवा आकांक्षा कर सकते हैं, अपने सपनों को साकार कर सकते हैं और अपनी क्षमता का पूरा दोहन कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि अब सत्ता के गलियारे, सत्ता के दलालों से मुक्त हो गए हैं और अब रोजगारोन्मुख भर्तियां पारदर्शी तरीके से की जाती हैं। जगदीप धनखड़ ने कहाकि अब कानून के समक्ष समानता जमीनी वास्तविकता है और जो लोग स्वयं को कानून से ऊपर मानते थे, वे अब इसके दायरे में हैं।
उपराष्ट्रपति ने देश में निवेश के माहौल पर ध्यान खींचते हुए कहाकि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों और चुनौतियों के बावजूद भारत निवेश केलिए एक बहुतही अनुकूल जगह है और यह अवसर की भूमि है। भारत की विकास यात्रा का वर्णन करते हुए उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पांच कमजोर अर्थव्यवस्था से पांच बड़ी अर्थव्यवस्था और क्रय शक्ति समानता के मामले में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदलने को रेखांकित किया। नरेंद्र मोदी सरकार की एक्ट ईस्ट नीति और रेल, सड़क और डिजिटल संपर्क में अभूतपूर्व निवेश की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसको उत्तर-पूर्व केलिए सामाजिक और आर्थिक विकासात्मक लाभ प्रदान करने वाली परिवर्तनकारी नीति बताया। उपराष्ट्रपति ने युवाओं का कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में पेश स्टार्ट अप और उद्यमिता अवसरों का पूरा दोहन करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने युवाओं को शासन में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक की संज्ञा दी और युवाओं को विकसित भारत@2047 की दौड़ में भाग लेने केलिए प्रेरित किया। उन्होंने उनसे हमेशा अपने माता-पिता, अपने बड़ों का सम्मान करने, अपनी दोस्ती भी को और मजबूत करने का आग्रह किया। इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल डॉ हरि बाबू कंभमपति, मिजोरम के मुख्यमंत्री पीयू लालडुहोमा, बीबीएयू लखनऊ के पूर्व कुलाधिपति प्रोफेसर प्रकाश बरतुनिया, मिजोरम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिबाकर चंद्र डेका, मिजोरम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर लालनुंदंगा, संकाय सदस्य, छात्र और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।