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भारत का उत्थान अजेय है-उपराष्ट्रपति

आईआईटी धारवाड़ में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण

'योग्यता ही युवा प्रतिभाओं के प्रयासों का परिणाम तय करेगी'

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Saturday 2 March 2024 12:57:05 PM

vice president jagdeep dhankhar

धारवाड़ (कर्नाटक)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा हैकि भारत उत्साह की मनोदशा में है और हम हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत का उत्थान अजेय है और युवाओं का देश की अभूतपूर्व प्रगति पर गर्व करने का आह्वान किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान धारवाड़ में विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने ये उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहाकि धारवाड़ से उनका नाता बहुत पुराना है, वे यहां कर्नाटक उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ में एक पेशेवर के रूपमें आए थे, इसलिए वे जानते हैंकि इस क्षेत्र में तबसे अबतक कितना बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे वैश्विक संस्थानों के भारत पर हाल के बयानों का उल्लेख किया और भारत को निवेश एवं अवसरों का पसंदीदा स्थान बताया।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि हम सदियों पहले दुनिया में नंबर एक देश थे और पुन: वर्ष 2047 में नंबर एक देश होंगे एवं युवाओं से विकसित भारत के निर्माण केलिए पूरी तरह से समर्पित होने को कहा। उपराष्ट्रपति ने कर्नाटक राज्य के शहर हुबली व धारवाड़ के एक दिवसीय दौरे के दौरान आईआईटी धारवाड़ में मुख्य द्वार परिसर, ज्ञान संसाधन एवं डेटा केंद्र और सेंट्रल लर्निंग थिएटर का उद्घाटन किया। उन्होंने छत पर सौर पैनल परियोजना की आधारशिला भी रखी, यह परियोजना हरित ऊर्जा इकोसिस्टम को आगे बढ़ाएगी। उपराष्ट्रपति ने युवाओं को शासन और लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण हितधारक बताते हुए आशा व्यक्त कीकि वे वह बदलाव लाएंगे, जिसकी देश को आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि आनेवाले समय में आईआईटी धारवाड़ शीर्षस्तर तक आगे बढ़ेगा। उपराष्ट्रपति ने कहाकि कोईभी लोकतंत्र तबतक पूर्ण नहीं है, जब तककि कानून के समक्ष समानता न हो।
जगदीप धनखड़ ने कहाकि आजके युवा पहली चीज कानून के समक्ष समानता चाहते हैं, कानून के समक्ष समानता के बिना आपकी गरिमा से समझौता किया जाता है एवं जो लोग स्वयं को कानून से ऊपर मानते थे, उन्हें जवाबदेह ठहराया जा रहा है और वे यह सीख रहे हैंकि कानून के समक्ष समानता आज जमीनी हकीकत है। जगदीप धनखड़ ने व्यवस्था में पारदर्शिता लाने केलिए हाल के सुधारों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहाकि सरकारी अनुबंध, सरकारी नौकरी हासिल करने या अवसर का लाभ उठाने केलिए भ्रष्टाचार ही एकमात्र रास्ता था और संपर्क अभिकर्ताओं ने सत्ता गलियारों को प्रभावित किया हुआ था, लेकिन अब एक बड़ा बदलाव आया है, क्योंकि सत्ता के गलियारों को भ्रष्ट तत्वों से मुक्त कर दिया गया है, अब ना ही पक्षपात और न ही भाई-भतीजावाद है, बल्कि केवल योग्यता और योग्यता ही युवा प्रतिभाओं के प्रयासों के परिणाम तय कर रही है और करेगी। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमें अपने देश की तेज़ और अभूतपूर्व आर्थिक वृद्धि पर गर्व करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने इस मौके पर जिक्र कियाकि कुछ तत्व भारत की प्रगति को स्वीकार नहीं कर पारहे हैं और तुच्छ राजनीतिक लाभ केलिए कुछ ताकतों द्वारा फैलाई जारही राष्ट्रविरोधी कहानियों पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने युवाओं का ऐसे भयावह प्रयासों को बेअसर करने का आह्वान किया। विक्रांत, फ्रिगेट्स और तेजस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहाकि हम आज न केवल रक्षा उपकरण बना रहे हैं, बल्कि उनका निर्यात भी कर रहे हैं, यह एक बड़ा बदलाव है। कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने देश के इतिहास में सबसे कम उम्र के अधिवक्ता होने केलिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की प्रशंसा की, जिन्हें केवल ग्यारह वर्ष की वकालत केबाद सर्वोच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता के रूपमें नामित कर दिया था। उन्होंने कहाकि अबतक यह एक रिकॉर्ड है और कोईभी इतने कम समय और कम उम्र में वरिष्ठ अधिवक्ता नहीं बना है। कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत और गणमान्य नागरिक भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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