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भारत में नया प्रेस पंजीकरण अधिनियम लागू

प्रेस पंजीकरण केलिए ऑनलाइन प्रेस सेवा पोर्टल शुरू किया गया

पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण अधिनियम में ऐतिहासिक बदलाव हुए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 2 March 2024 06:44:05 PM

new press registration act implemented in india

नई दिल्ली। भारत सरकार ने पुराने प्रेस और पत्रिकाओं के पंजीकरण अधिनियम के स्थान पर नया ऐतिहासिक प्रेस पत्र और पत्रिकाओं का पंजीकरण (पीआरपी) अधिनियम-2023 और इसके नियमों को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया है और यह अधिनियम 1 मार्च 2024 से लागू भी हो गया है। पत्र पत्रिकाओं का पंजीकरण अब प्रेस और पत्रिकाओं के पंजीकरण अधिनियम (पीआरपी अधिनियम)-2023 और प्रेस एवं पत्रिकाओं के पंजीकरण नियमों के प्रावधानों के अनुसार होगा। अधिसूचना के अनुसार भारत के प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का कार्यालय पीआरजीआई के नाम से हो गया है, जिसे पहले रजिस्ट्रार ऑफ न्यूज़पेपर्स फॉर इंडिया के नाम से जाना जाया करता था। डिजिटल इंडिया के मूल्यों के अनुरूप नया अधिनियम देश में समाचार पत्रों और अन्य पत्रिकाओं के पंजीकरण की सुविधा केलिए एक ऑनलाइन प्रणाली प्रदान करेगा। नई प्रणाली ने मौजूदा मैनुअल बोझिल प्रक्रियाओं को बदल दिया है। पुरानी प्रक्रिया में पहले कई चरणों में अनुमोदन शामिल होते हैं, जो प्रकाशकों केलिए अनावश्यक कठिनाइयों का कारण बन रहे थे।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने नए अधिनियम के अनुसार विभिन्न आवेदन प्राप्त करने केलिए इससे पहले प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का ऑनलाइन पोर्टल-प्रेस सेवा पोर्टल (presssewa.prgi.gov.in) लॉंच किया था। किसी पत्रिका के प्रिंटर द्वारा दी गई सूचना सहित सभी आवेदन, किसी विदेशी पत्रिका के स्थानीय संस्करण के पंजीकरण केलिए आवेदन, किसी पत्रिका के पंजीकरण का प्रमाणपत्र प्राप्त करने केलिए प्रकाशक के आवेदन, पंजीकरण के प्रमाणपत्र में संशोधन केलिए आवेदन, ट्रांसफर केलिए आवेदन, पत्र पत्रिकाओं का स्वामित्व, पत्र पत्रिका के प्रकाशक द्वारा वार्षिक विवरण प्रस्तुत करना और पत्र पत्रिका के प्रसार के सत्यापन केलिए डेस्क ऑडिट की प्रक्रिया आदि सभी कार्य प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन होंगे। प्रेस सेवा पोर्टल पेपरलेस प्रोसेसिंग सुनिश्चित करता है और ई-साइन सुविधा, डिजिटल भुगतान गेटवे, तत्काल डाउनलोड केलिए क्यूआर कोड आधारित डिजिटल प्रमाणपत्र, प्रिंटिंग प्रेस द्वारा सूचना प्रदान करने केलिए ऑनलाइन प्रणाली, टाइटल उपलब्धता केलिए संभावना का प्रतिशत, पंजीकरण तक ऑनलाइन पहुंच, सभी प्रकाशकों केलिए डेटा, वार्षिक विवरण दाखिल करना आदि सेवाएं प्रदान करता है। इसका उद्देश्य एक चैटबॉट आधारित इंटरैक्टिव शिकायत समाधान सिस्टम स्थापित करना भी है।
प्रेस सेवा पोर्टल केसाथ एक नई वेबसाइट (prgi.gov.in) भी बनाई गई है, जिसमें सभी संबंधित जानकारी और उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस है। नया पीआरपी एक्ट पुराने पीआरबी अधिनियम द्वारा आवश्यक पंजीकरण के दायरे से पुस्तकों और पत्रिकाओं को हटा देता है, नया अधिनियम एक पत्रिका को एक समाचार पत्र सहित किसीभी प्रकाशन के रूपमें परिभाषित करता है, जो नियमित अंतराल पर प्रकाशित और प्रिंट होता है, जिसमें सार्वजनिक समाचार या सार्वजनिक समाचार पर टिप्पणियां शामिल होती हैं, लेकिन इसमें वैज्ञानिक, तकनीकी और शैक्षणिक प्रकृति की कोई पुस्तक या पत्रिका शामिल नहीं होती है, इसलिए पुस्तक या वैज्ञानिक तकनीकी और शैक्षणिक प्रकृति की पुस्तक या जर्नल सहित को पीआरजीआई केसाथ पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। नए अधिनियम के अनुसार पत्रिकाओं के पंजीकरण केलिए सभी आवेदन केवल प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन मोड में किए जा सकेंगे। पत्रिकाएं निकालने के इच्छुक प्रकाशकों को इसे प्रकाशित करने से पहले इसका टाइटल पंजीकृत कराना होगा। चूंकि पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और सॉफ्टवेयर के माध्यम से निर्देशित होगी, आवेदन में त्रुटियों की संभावना काफी कम हो जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप आवेदनों की तेजी से प्रोसेसिंग होगी।
आवेदन की स्थिति सभी चरणों में अपडेट की जाएगी और आवेदक को एसएमएस और ईमेल से सूचित किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके और गलत संचार के कारण होने वाली देरी को समाप्त किया जा सके। नए प्रेस सेवा पोर्टल पर पत्रिकाओं के पंजीकरण में शामिल चरण इस प्रकार हैं-पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने केलिए प्रस्तावित पत्रिका के मालिक को 5 प्राथमिकता के क्रम में प्रस्तावित शीर्षकों केसाथ आवश्यक प्रासंगिक दस्तावेज़/ विवरण प्रस्तुत करके प्रेस सेवा पोर्टल पर साइनअप करना और एक प्रोफ़ाइल बनाना आवश्यक है। ये शीर्षक विकल्प भारत में कहीं भी एकही भाषा में या एकही राज्य में किसी अन्य भाषा में किसी पत्रिका के किसी अन्य मालिक के पास पहले से मौजूद शीर्षक से मिलते हुए नहीं होने चाहिएं और ये शीर्षक भी विकल्प इस प्रयोजन केलिए प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के बनाए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप होने चाहिएं। प्रेस रजिस्ट्रार जनरल और जिले में निर्दिष्ट प्राधिकारी को एकसाथ आवेदन किया जा सकता है। प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत आवेदन प्रेस रजिस्ट्रार जनरल और जिले में निर्दिष्ट प्राधिकारी केलिए एकसाथ पहुंच/ उपलब्ध होंगे, इसलिए किसी अन्य कार्यालय/ पोर्टल पर अलग से आवेदन जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। प्रोफ़ाइल के निर्माण केबाद ऑनर पोर्टल के माध्यम से अपने पत्रिकाओं से जुड़े नामित प्रकाशकों को निमंत्रण देगा।
प्रिंटर (प्रिंटिंग प्रेस के मालिक/ कीपर) को पोर्टल में आवश्यक प्रासंगिक विवरण प्रस्तुत करके प्रेस सेवा पोर्टल पर एक ऑनलाइन खाता बनाना आवश्यक है। आमंत्रित/ नियुक्त प्रकाशकों को प्रासंगिक दस्तावेज़/ विवरण प्रस्तुत करके पोर्टल पर अपनी प्रोफ़ाइल बनाना आवश्यक है। प्रकाशक द्वारा प्रिंटर का चयन/ नामांकित करना, पंजीकरण प्रक्रिया के भाग के रूप में प्रकाशकों को उन मामलों में प्रेस सेवा डेटाबेस से अपने संबंधित प्रिंटिंग प्रेस को नामांकित/ चयन करना आवश्यक है, जहां प्रिंटिंग प्रेस खाता पहले से ही डेटाबेस में उपलब्ध है अन्यथा वे प्रिंटर से पोर्टल में एक ऑनलाइन प्रोफ़ाइल बनाने का अनुरोध कर सकते हैं और उसके बाद उन्हें प्रस्तावित पत्रिका केलिए प्रिंटर के रूपमें चुन सकते हैं। अपनी प्रोफाइल बनाने केबाद प्रकाशक सभी प्रासंगिक विवरण/ दस्तावेज भरकर आवेदन पर ई-हस्ताक्षर करके भारतकोश के माध्यम से निर्धारित शुल्क का भुगतान करके पंजीकरण केलिए आवेदन जमाकर सकते हैं। आवेदन जमा करने केबाद प्रकाशकों केपास आवेदन में मामूली संशोधन करने केलिए 5 दिन (120 घंटे की समय-विंडो) होती है। इस अवधि केबाद आवेदन में कोई संशोधन संभव नहीं है। आवेदन के सफल अपलोड होने पर प्रेस सेवा पोर्टल एक यूनीक 10 अंकों के अल्फ़ान्यूमेरिक एप्लिकेशन रेफरेंस नंबर (एआरएन) केसाथ एक रसीद उत्पन्न करेगा और प्रकाशक और प्रेस रजिस्ट्रार जनरल भविष्य के सभी पत्राचारों और संदर्भों केलिए इस रेफरेंस नबंर का उपयोग करेंगे।
आवेदन की प्रारंभिक जांच केबाद भारतीय प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का कार्यालय आवश्यकता पड़ने पर त्रुटियों पर संदेश जारी करेगा। प्रकाशकों को 30 दिन की समयसीमा के भीतर अपने जवाब प्रस्तुत करने होंगे। इस अवधि का पालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा। भारतकोश के माध्यम से पंजीकरण शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। सभी प्रकाशकों केलिए प्रेस सेवा पोर्टल में एकीकृत भारतकोश डिजिटल भुगतान प्रणाली के माध्यम से केवल एक हजार रुपये का पंजीकरण शुल्क भेजना अनिवार्य है। प्रेस सेवा पोर्टल पंजीकरण विवरण में संशोधन केलिए ऑनलाइन सुविधा भी प्रदान करता है। पंजीकरण को संशोधित करने और पत्रिकाओं के विवरण में बदलाव केलिए सभी आवेदन पोर्टल के माध्यम से किए जाने हैं। ये विकल्प ऑनर/ प्रकाशक प्रोफ़ाइल में उपलब्ध होंगे। प्रेस और आवधिक पंजीकरण अधिनियम-2023 पारंपरिक दृष्टिकोण से पंजीकरण प्रक्रियाओं में एक आदर्श बदलाव लाने की एक पहल है और व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करने वाले प्रकाशकों केलिए अधिक अनुकूल वातावरण तैयार करेगा। नया अधिनियम मौजूदा क़ानूनों से अप्रचलित और पुराने प्रावधानों को हटाने के सरकार के प्रयासों की भी गवाही देता है।
नए प्रेस पत्र और पत्रिकाओं के पंजीकरण (पीआरपी) अधिनियम की विस्तृत जानकारी केलिए प्रकाशकों और अन्य हितधारकों को सलाह दी जाती हैकि वे प्रेस और पत्रिका अधिनियम और पीआरपी नियमों के प्रावधानों को ध्यान से पढ़ें, इनके लिंक https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1989267 https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2008020 https://mib.gov.in/sites/default/files/Press हैं।

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