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Monday 8 April 2024 11:19:48 AM
बोधगया (बिहार)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय प्रबंधन संस्थान बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह में छात्रों और संकाय सदस्यों को प्रेरणाप्रद संबोधन में भारत के भविष्य के पथप्रदर्शक के रूपमें उनकी भूमिका पर प्रकाश और कहाकि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन की सबसे प्रभावशाली, परिवर्तनकारी व्यवस्था है, जो समानता का एहसास कराती है और असमानताओं को दूर करती है एवं आप सभी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के भाग्यशाली लाभार्थी हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि बोधगया आध्यात्मिक महत्व का स्थल और वह भूमि है, जहां तथागत भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, मानवता की सामूहिक चेतना में बोधगया का विशेष स्थान है। उन्होंने कहाकि जब हम यहां एकत्रित हुए हैं तो आइए हम भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरणा लें और प्रेम व करुणा के उनके संदेश को अपने जीवन में अपनाएं, यह संदेश अब पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। वैश्विक विपरीत परिस्थितियों केबीच भारत की बढ़ती आर्थिक रफ्तार की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमारी मजबूत वैश्विक छवि से देश में उत्साह का वातावरण है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्नातकों को शुभकामनाएं दीं और कहाकि यह दिन उनकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है एवं वे बहुत आनंदित और प्रसन्न हैंकि प्लेसमेंट के मामले में आईआईएम का ट्रैक रिकॉर्ड उत्कृष्ट है। उन्होंने स्नातकों से कहाकि वे उनसे एक ऐसे समाज के प्रतिनिधि और दूत बनने का आग्रह करते हैं, जहां कानून के शासन का ईमानदारी और कुशलतापूर्वक पालन होता हो। उपराष्ट्रपति ने नेतृत्व मूल्यों के महत्व को रेखांकित किया एवं युवाओं को प्रलोभन और अनैतिक तौर-तरीकों को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहाकि नैतिक नेतृत्व पर समझौता नहीं किया जा सकता, नैतिकता से समझौता करने से आप उस तरह का विजेता नहीं बन सकते, जिसे दुनिया सलाम करेगी। उन्होंने देश की समृद्धि और संप्रभुता केलिए आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए नागरिकों से स्वदेशी और वोकल फॉर लोकल को राष्ट्रीय स्तरपर प्रभावी बनाने की अपील की। उपराष्ट्रपति ने कहाकि ऐसा करने से हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण सकारात्मक योगदान होगा, रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्रों को भारत की विकास गाथा में नए अध्याय लिखने केलिए प्रतिभा एवं कौशल का उपयोग करने केलिए प्रोत्साहित किया। क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, 6जी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी के रूपमें भारत की स्थिति पर उपराष्ट्रपति ने युवा प्रतिभाओं केलिए मौजूद सुनहरे अवसरों को रेखांकित किया। उन्होंने उनसे अपरंपरागत होने और लीक से हटकर सोचने का आग्रह करते हुए कहाकि आश्वस्त रहेंकि आप कभीभी विचारों के भूखे नहीं रहेंगे, क्योंकि स्टार्टअप इकोसिस्टम असीम अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि मुझे आईआईएम बोधगया के विद्यार्थियों की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है, ज्ञान के केंद्र में स्थित ज्ञानवर्धक आईआईएम आपको जो कुछभी प्रदान कर सकता है, वह आपको ही करना है। दीक्षांत समारोह में बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, आईआईएम बोधगया के चेयरपर्सन उदय कोटक, भारत के जी20 शेरपा और पूर्व सीईओ एवं नीति आयोग अमिताभ कांत, आईआईएम बोधगया की निदेशक डॉ विनीता एस सहाय और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।