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Saturday 13 April 2024 11:56:31 AM
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने कश्मीरी विस्थापितों की मतदान सुविधा केलिए जम्मू और उधमपुर के घाटी के विस्थापितों केलिए फॉर्म-एम भरने की बोझिल प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है। इसके अतिरिक्त जम्मू और उधमपुर से बाहर रहने वाले विस्थापितों केलिए जो फॉर्म-एम जमा करना जारी रखेंगे, फॉर्म-एम केसाथ संलग्न प्रमाणपत्र के स्वसत्यापन को भी मान्य कर दिया है। इस प्रकार इस प्रमाणपत्र को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित करने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और डॉ सुखबीर सिंह संधू केसाथ एक बैठक के बाद यह निर्णय लिया।
निर्वाचन आयोग को कश्मीरी विस्थापित समूहों से विभिन्न ज्ञापन प्राप्त हुए थे, जिनमें प्रत्येक चुनाव में फार्म-एम भरने में आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख किया गया था। इससे उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने में काफी परेशानी होती थी, फॉर्म-एम प्रक्रिया के कारण इन मतदाताओं को अन्य मतदाताओं की तुलना में अधिक बाधाओं का सामना करना पड़ता था। उल्लेखनीय हैकि फॉर्म-एम भरने की प्रक्रिया जटिल और बोझिल थी, जिसमें विशिष्ट दस्तावेज़, विस्थापन स्थिति के प्रमाण और राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापन जरूरी था। जम्मू और कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी इस विषय पर राजनीतिक दलों केसाथ पूर्ण सहमति और परामर्श केबाद 9 अप्रैल 2024 को भारत निर्वाचन आयोग को अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत की थीं।
निर्वाचन आयोग ने कश्मीरी विस्थापित समूहों से प्राप्त ज्ञापनों, राजनीतिक दलों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए कश्मीरी विस्थापितों केलिए अस्थायी शिविरों में व्यक्तिगत रूपसे मतदान करने और लोकसभा चुनाव से संबंधित डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की योजना को अधिसूचित कर दिया है। इस संबंध में आदेश संख्या 3/जे एंड के-एचपी/2024(NS-I) दिनांक 11 अप्रैल 2024 अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। जम्मू और उधमपुर के विस्थापित मतदाताओं केलिए सभी 22 विशेष मतदान केंद्रों (जम्मू में 21 और उधमपुर में 1) को अलग-अलग शिविरों/ क्षेत्रों में निर्धारित किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगाकि प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम एक विशेष मतदान केंद्र हो।
निर्वाचन आयोग ने कहा हैकि यदि एक जोन में कई मतदान केंद्र हैं तो जोनल अधिकारी मतदाताओं के प्रत्येक सेट केलिए दूरी/ पहुंच की आसानी को ध्यान में रखते हुए ऐसे प्रत्येक मतदान केंद्र केलिए अंतर क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार निर्धारित करेंगे। यदि कोई ऐसा क्षेत्र है, जिसमें मौजूदा विशेष मतदान केंद्रों में से कोई भी नहीं है तो राजनीतिक दलों के साथ परामर्श कर मतदान केंद्र स्थापित करने के संबंध में आयोग के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए एक उपयुक्त सरकारी भवन में संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) विस्थापित द्वारा एक नया विशेष मतदान केंद्र प्रस्तावित किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों/ शिविरों में रहने वाले मतदाताओं को जम्मू और उधमपुर में संबंधित एईआरओ-विस्थापित द्वारा संबंधित मतदान केंद्रों तक निर्धारित किया जाएगा। इन विशेष मतदान केंद्रों मेंसे प्रत्येक के अनुरूप मतदाता नामावली को उनके संबंधित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मूल मतदाता नामावलियों से लिया जाएगा। प्रत्येक जोन केलिए संबंधित विशेष मतदान केंद्रों केलिए मतदाता सूची के रूपमें उपयोग किए जाने वाली ड्राफ्ट मतदाता नामावली के उद्धरण जम्मू और उधमपुर में संबंधित एईआरओ-विस्थापित द्वारा अधिसूचित किए जाएंगे।
मतदाता नामावली को समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा और साथही इसे जोन कार्यालय सहित जोन में सभी विशिष्ट स्थानों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के राहत और पुनर्वास आयुक्त के कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण स्थानों वेबसाइटों आदि पर उपलब्ध कराके उसका व्यापक प्रचार किया जाएगा। प्रारूप मतदाता नामावली की अधिसूचना जारी होने के 7 दिन के भीतर सभी मतदाताओं को जम्मू और उधमपुर के संबंधित सहायक रिटर्निंग अधिकारियों (विस्थापित) से संपर्क करना होगा। इस मामले में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया जाएगा-प्रारूप सूचियों में किसीभी पात्र नाम का न होना, वह डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान का विकल्प चुनना चाहता है, वह कश्मीर घाटी में मूल मतदान केंद्र पर मतदान करना चाहता है, जिन्होंने पहले ही अपना फॉर्म-एम जमाकर दिया है और उन्होंने ऐसे विशेष मतदान केंद्र का चयन किया है, जो प्रारूप में आवंटित स्थान से अलग है और वे फॉर्म-एम में पहले से दिए गए विकल्प के अनुसार उसे बनाए रखना चाहते हैं।
सात दिन की अवधि बीतने केबाद सहायक रिटर्निंग अधिकारी (विस्थापित) प्रत्येक विशेष मतदान केंद्र केलिए अंतिम मतदाता सूची निष्कर्षों को अधिसूचित करेंगे और मतदान के दिन इन मतदान केंद्रों पर इसका उपयोग किया जाएगा। सहायक रिटर्निंग अधिकारियों (विस्थापित) द्वारा कश्मीर में मूल मतदान केंद्रों पर उपयोग की जानेवाली मतदाता सूची के अंकन केलिए कश्मीर में संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारियों/ सहायक रिटर्निंग अधिकारियों केसाथ इन अंतिम मतदाता सूची निष्कर्षों की एक प्रति तुरंत साझा की जाएगी। यह सुनिश्चित करने केलिए कि फॉर्म 12 सी भरकर डाक मतपत्र का विकल्प चुनने वाले किसीभी मतदाता को इन विशेष मतदान केंद्रों पर मतदान करने का अवसर न दिए जाने के संबंध में एआरओ (विस्थापित जम्मू), जो योजना के तहत डाक मतपत्रों के लिए नोडल अधिकारी है, यह सुनिश्चित करेगा कि यदि इनमें से किसीभी मतदाता से फॉर्म 12सी प्राप्त होता है और डाक मतपत्र भेज दिया गया है, संबंधित मतदाता नामावली के उद्धरण में उक्त मतदाता के नाम के सामने डाक मतपत्र (पीबी) का अंकन किया जाए।
फॉर्म-एम केसाथ संलग्न प्रमाणपत्र को राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित कराने की परेशानी को दूर करने केलिए इन फॉर्मों का 'स्वयं सत्यापन' पर्याप्त होगा, हालांकि विशेष मतदान केंद्रों पर प्रतिरूपण से बचने केलिए उन्हें मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की पहचान के लिए ईपीआईसी (मतदाता पहचानपत्र) या आयोग द्वारा निर्धारित कोई वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। निर्वाचन आयोग ने पत्र संख्या 464/जेएंडके-एचपी/2024 दिनांक 22 मार्च 2024 के माध्यम से कश्मीरी विस्थापितों केलिए अस्थायी शिविरों में व्यक्तिगत रूपसे मतदान करने या तीन संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से किसी एकसे संबंधित डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान करने की योजना जारी की थी। इस योजना में 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 1-बारामूला, 2-श्रीनगर और 3-अनंतनाग-राजौरी से संबंधित मसौदा शामिल है। योजना के अनुसार कश्मीरी विस्थापित मतदाता, जो दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में विभिन्न राहत शिविरों में रह रहे हैं और जिन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव-2024 में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से व्यक्तिगत रूपसे अपना वोट डालने का विकल्प चुना है, वे दिल्ली (4), जम्मू (21) और उधमपुर (1) में स्थित निर्दिष्ट मतदान केंद्रों में से किसी एक पर फॉर्म-एम भरकर जमा कर सकते हैं।
विस्थापित मतदाता, जिन्होंने डाक मतपत्रों का उपयोग करके मतदान करने का विकल्प चुना है, वे निर्धारित फॉर्म 12-सी के जरिए डाक मतपत्र केलिए आवेदन कर सकते हैं। जम्मू, उधमपुर और दिल्ली के अलावा विभिन्न स्थानों पर रहने वाले विस्थापित मतदाता व्यक्तिगत रूपसे या डाक मतपत्र का उपयोग करके भी मतदान कर सकते हैं और आयोग की वेबसाइट से फॉर्म-एम और फॉर्म 12-सी डाउनलोड कर सकते हैं। ऐसे फॉर्मों को मतदाता के रहनेवाले स्थानों के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी से सत्यापित कराया जाएगा। मतदाता पंजीकरण अधिकारी ईआरओ-नेट के जरिए कश्मीर में विभिन्न संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में नामांकित विस्थापित मतदाता विवरण प्राप्तकर सकते हैं। संबंधित ईआरओ फॉर्म-एम में विवरण सत्यापित करने केबाद इसे स्कैन और अपलोड करेगा, ताकि इसे आगे की कार्रवाई केलिए दिल्ली, जम्मू और उधमपुर में एआरओ-विस्थापित को इलेक्ट्रॉनिक रूपसे प्रेषित किया जा सके।