स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 21 May 2024 02:43:29 PM
बेलगावी (कर्नाटक)। भारतीय रक्षा प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा हैकि अग्निवीर केवल सैनिक नहीं, बल्कि प्रेरक अन्वेषक और देश की संप्रभुता के रक्षक भी हैं। सीडीएस ने मराठा रेजिमेंटल सेंटर और एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल बेलगावी में प्रशिक्षण ले रहे अग्निवीरों से बातचीत के दौरान उनका उत्साहवर्धन करते हुए उद्गार व्यक्त किए। सैन्य सेवा के श्रेष्ठ उद्देश्य और सैन्य ढांचे के अंतर्गत इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने मराठा रेजिमेंटल सेंटर में भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने केलिए अग्निवीरों की सराहना की। उन्होंने कहाकि यह राष्ट्र केप्रति उनके असाधारण कर्तव्य का प्रमाण है। सैनिकों और उनके परिवारों के सामने आनेवाली व्यक्तिगत चुनौतियों और चुनौतीपूर्ण वातावरण में काम करते समय आनेवाली बाधाओं को स्वीकार करते हुए जनरल अनिल चौहान ने आश्वासन दियाकि विभिन्न कठिनाइयों के बावजूद अग्निवीरों को सैन्य सेवा बेहद हितकारी लगेगी और उनका हर कदम उनका व्यक्तिगत का विकास करेगा एवं उन्हें राष्ट्र सेवा में गर्व की अनुभूति होगी।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहाकि युद्ध की उभरती प्रकृति के बारेमें कहाकि साइबर युद्ध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और असीमित खतरों ने भविष्य में संघर्ष की जटिलता एवं अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न कर दी है और अब ये तत्व युद्ध के मैदान के अभिन्न अंग बन गए हैं। उन्होंने प्रौद्योगिकी एकीकरण और निरंतर सीखने के बारेमें भी बात की तथा उल्लेख कियाकि नवीनतम प्रगति के अनुरूप कार्य करने केलिए युद्ध केप्रति नवीन दृष्टिकोण प्रदर्शित करने की भी आवश्यकता है। एटीएस बेलगावी की अपनी यात्रा के दौरान सेना प्रमुख ने भारतीय वायुसेना के अग्निवीरवायु प्रशिक्षण की गतिविधियों के बारेमें जानकारी हासिल करने केलिए प्रशिक्षण संस्थान का दौरा किया। उन्होंने 2022 में रक्षा मंत्रालय की संशोधित प्रक्रिया के अनुरूप प्रशिक्षण ले रहे अग्निवीरवायु प्रशिक्षुओं के तीसरे बैच केसाथ बातचीत की। उन्होंने प्रशिक्षुओं को युद्ध की चुनौतियों का सामना करने, तकनीकी रूपसे कुशल सैनिक बनने के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने केलिए प्रोत्साहित किया।
जनरल अनिल चौहान ने कहाकि सीखना एक आजीवन प्रक्रिया है, यह विशेष रूपसे युद्ध के निरंतर विकसित और गतिशील क्षेत्र में कौशल उन्नयन की जिम्मेदारी की गहन भावना को शामिल करता है। उन्होंने अग्निवीर प्रशिक्षुओं को सलाह दीकि वे पेशेवर उत्कृष्टता की खोज में सर्वदा ईमानदारी, शारीरिक फिटनेस, अनुशासन और दल भावना के मूल्यों को बढ़ावा देने की सलाह दी। प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए रक्षा प्रमुख ने एटीएस के प्रशिक्षण संकाय और मराठा रेजिमेंटल सेंटर के किए गए प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने राष्ट्र की परिचालन शक्ति को बढ़ावा देने केलिए उत्कृष्ट प्रयास करते रहने का आग्रह किया।