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सीमा सुरक्षा बल मुस्तैद और बेमिसाल!

उपराष्ट्रपति का बीएसएफ के प्रहरी सम्मेलन में संबोधन

बीएसएफ जवानों के अनुकरणीय पुरुषार्थ की सराहना

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 14 June 2024 03:55:59 PM

vice president in bsf sentinel conference

जैसलमेर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जैसलमेर में 'सीमा सुरक्षा बल प्रहरी सम्मेलन' में बीएसएफ जवानों की कर्तव्यनिष्ठा की प्रशंसा की और कहाकि वे उनसे मिलकर अभिभूत हैं। उन्होंने कहाकि देश की प्रथम रक्षापंक्ति में सीमा सुरक्षा बल उत्कृष्ट रूपसे कर्तव्य निर्वहन कर रहा है, जो अत्यंत प्रशंसनीय और वंदनीय है। उपराष्ट्रपति ने जैसलमेर में बीएसएफ की बावलियांवाला सीमा चौकी का भी दौरा किया और वहां तैनात जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने देश की सीमाओं की सुरक्षा केलिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीद सैनिकों को 'तनोट विजय स्तंभ' पर जाकर कृतज्ञ राष्ट्र की ओरसे श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने तपती धूप जैसे वातावरण एवं कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ जवानों के अनुकरणीय पुरुषार्थ की सराहना की। उन्होंने कहाकि हिमालय की ऊंची पहाड़ियां, थार का तपता हुआ रेगिस्तान, पूर्वोत्तर के घने जंगल, दल-दल से भरे रण क्रीक में बीएसएफ जवानों की मुस्तैदी बेमिसाल है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि सीमा सुरक्षा बल के जवान हर पल अपने आदर्श वाक्य 'जीवन पर्यंत कर्तव्य' को चरितार्थ कर रहें हैं। उपराष्ट्रपति ने बीएसएफ के परिवारजनों को नमन किया, उन माताओं को नमन किया, जिन्होंने वीर सुपुत्र एवं वीरांगनाओं को राष्ट्र की सेवा केलिए समर्पित कर दिया है। सुरक्षाबलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत की यह बदलती हुई तस्वीर गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर देखी है। राष्ट्र की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान करने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि वे उन प्रहरियों को नमन करते हैं, जो मां भारती की सुरक्षा सेवा में अपना जीवन न्योछावर कर अमर हो गए, उनके परिजनों को भी विनयपूर्वक नमस्कार! उपराष्ट्रपति ने रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता पर कहाकि एक ज़माना था, जब कील तक बाहर से आती थी, लेकिन अब हम रक्षा उपकरणों का निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि अब विमानवाहक पोत विक्रांत, फ्रिगेट, तेजस, मिसाइलें बनीं और बन रहे हैं एवं यह मुमकिन इसलिए हुआ, क्योंकि सीमाओं पर अमन चैन कायम है। उन्होंने बीएसएफ जवानों से कहाकि आप शांतिदूत हैं, आपकी वजह से भारत दुनिया में शांति का दूत कहलाता है और हम गौरवांवित हैंकि सीमा सुरक्षा बल विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है।
उपराष्ट्रपति ने देश के विकास में बीएसएफ जवानों की उल्लेखनीय भूमिका बतलाते हुए कहाकि वे यहां सीमा पर तैनात हैं, इसी कारण देशवासी सुरक्षित वातावरण में सो पाते हैं और यह उनके धैर्य और पराक्रम का ही परिणाम हैकि प्रत्येक देशवासी निर्भय और निश्चिंत होकर देश के सर्वांगीण विकास के काम में निरंतर गतिशील है। उपराष्ट्रपति ने देश के दुश्मनों द्वारा घुसपैठ, तस्करी आदि अपराधों के जरिये सीमावर्ती इलाकों में अस्थिरता लाने के प्रयासों को सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रभावी रूपसे निष्फल करने की प्रशंसा की। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने में आधुनिक तकनीक के प्रयोग का भी आह्वान किया। उन्होंने बीएसएफ जवानों से कहाकि वे उनके बीच में आकर नई ऊर्जा का एहसास करते हैं और ये पल उनके लिए सदा यादगार रहेंगे। अपने छात्र जीवन को याद करते हुए उन्होंने कहाकि वे सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के छात्र रहे हैं, उन्होंने कक्षा 5 में वर्दी पहनी थी, वर्दी की ताकत, वर्दी की अहमियत उन्हें पता है और वर्दी उनको राष्ट्रसेवा केलिए किस रूपमें अचानक परिवर्तित कर देती है यह उन्होंने देखा है। बीएसएफ प्रहरी सम्मेलन में बीएसएफ के महानिदेशक डॉ नितिन अग्रवाल, बीएसएफ की पश्चिमी कमांड के एसडीजी वाईबी खुरानिया, जैसलमेर बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक विक्रम कुंवर और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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