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Saturday 15 June 2024 01:36:08 PM
विशाखापत्तनम। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दूसरे कार्यकाल का पहला दौरा पूर्वी नौसेना कमान का किया। राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहाकि पहला दौरा हमेशा विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह सरकार के भविष्य के दृष्टिकोण की पुष्टि करता है। उन्होंने कहाकि जून 2019 में उन्होंने रक्षामंत्री के अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत में विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर का दौरा किया था या फिर अप्रैल 2024 में विश्व के इस सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र का दौरा किया एवं अब भारतीय नौसेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा केलिए पूर्वी नौसेना कमान आना हुआ, जिसमें उन्होंने 'समुद्र में एक दिन' आईएनएस जलाश्व की सवारी की। रक्षामंत्री ने समुद्र में कमान के विभिन्न पोतों, पनडुब्बियों और विमानों के गतिशील परिचालनों को देखा। इन परिचालनों में भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता और तैयारियों का शानदार प्रदर्शन किया गया। रक्षामंत्री केसाथ नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर भी थे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी बेड़े के सैनिक अधिकारियों और नाविकों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने नौसेना के परिचालन केलिए सदैव तैयार रहने एवं हिंद महासागर में सबसे पहले प्रतिक्रियादाता केलिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने कहाकि भारतीय नौसेना यह सुनिश्चित करती हैकि कोईभी राष्ट्र आर्थिक ताकत या सैन्यशक्ति के आधार पर हिंद प्रशांत क्षेत्र में किसी दूसरे देश का दमन न करे या उसकी सामरिक स्वायत्तता को खतरे में न डाले। उन्होंने कहाकि यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी केलिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें भारत के मित्र देश सुरक्षित रहेंगे और प्रगतिपथ पर साथ-साथ आगे बढ़ेंगे। रक्षामंत्री ने देशके विकास और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश का मान बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने केलिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने मार्च 2024 में अरब सागर में नौसेना के साहसिक बचाव अभियान का विशेष रूपसे उल्लेख किया। इस अभियान में नौसेना ने 23 पाकिस्तानी नागरिकों को सोमाली के समुद्री डाकुओं से मुक्त कराया था।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि अरब सागर में नौसेना का साहसिक बचाव अभियान मानवता के साथ-साथ नौसेना कर्मियों में निहित मूल्यों का भी उत्कृष्ट प्रदर्शन है, जो राष्ट्रीयता की चिंता किए बिना सभी की सहायता केलिए आगे आते हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि यह गर्व की बात हैकि भारत की नौसेना हिंद महासागर में सुरक्षित व्यापार सुनिश्चित करा रही है, जोकि शांति एवं समृद्धि केलिए जरूरी है। उन्होंने कहाकि मुक्त पोत परिवहन, नियम आधारित विश्व व्यवस्था, समुद्री डकैती विरोधी और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करना नौसेना का सबसे बड़ा उद्देश्य है एवं नौसेना इन लक्ष्यों को पूरा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत अपनी बढ़ती ताकत केसाथ इस क्षेत्र सहित पूरे विश्व को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने केलिए प्रतिबद्ध है। रक्षामंत्री ने विस्तार से नौसेना की बढ़ती ताकत को रेखांकित किया, जो भारत की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित और सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने यह तथ्य भी रेखांकित कियाकि भारत के वाणिज्यिक हित हिंद महासागर से जुड़े हुए हैं और नौसेना व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करते हुए समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने का एक साधन है।
अरब सागर में नौसेना के साहसिक बचाव अभियान पर रक्षामंत्री ने कहाकि राष्ट्रीय हित सरकार केलिए सबसे ऊपर हैं। उन्होंने आश्वासन दियाकि समुद्री सीमाओं की सुरक्षा केलिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत का उद्देश्य उत्तरी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है, चाहे वह बुनियादी ढांचे का विकास हो या सुदूर क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना हो या सीमाओं पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना हो, हमने इन सभी उद्देश्यों को प्राप्त किया है। राजनाथ सिंह ने कहाकि इसका मतलब यह नहीं है कि हमने अपने पिछले कार्यकाल में आईओआर पर ध्यान नहीं दिया, हमने अपनी नौसेना और समुद्री सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया है। रक्षामंत्री ने इस बात पर जोर दियाकि उनके दूसरे कार्यकाल में समुद्री सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने व हिंद महासागर में भारत की नौसैनिक शक्ति की मौजूदगी को और भी अधिक प्रभावी एवं सुदृढ़ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहाकि बढ़ते औद्योगिक बुनियादी ढांचे के कारण भारतीय नौसेना लगातार मजबूत होती जा रही है। उन्होंने कहाकि हमारे शिपयार्डों का विस्तार हो रहा है, विमानवाहक पोतों की संख्या बढ़ रही है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि हमारी नौसेना एक नई शक्ति के रूपमें उभर रही है, हम अपने प्रयासों को गति दे रहे हैं। उन्होंने कहाकि हिमालय हो या हिंद महासागर, सीमाओं पर सुरक्षा को लगातार मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है। राजनाथ सिंह ने कहाकि सरकार का भूमि सीमा और समुद्री सुरक्षा पर ध्यान देना एक व्यापक दृष्टिकोण-राष्ट्र के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को एक सूत्र में बांधना है। गौरतलब हैकि भारतीय नौसेना समुद्र में अपनी जांबाज़ी केलिए विख्यात है, त्वरित कार्रवाई और अभियान दूसरे देशों की नौसेनाओं से कहीं बहुत आगे है। भारतीय नौसेना ने कई बचाव अभियानों में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का विशाखापत्तनम के आईएनएस डेगा पहुंचने पर 50 जवानों की सलामी गारद केसाथ औपचारिक स्वागत किया गया। ‘समुद्र में एक दिन’ का समापन सनराइज बेड़े के चालक दल केसाथ पारंपरिक ‘बाराखाना’ केसाथ हुआ।