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Tuesday 18 June 2024 02:49:12 PM
शाहजहांपुर। शिक्षकों पर विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण का दायित्व होता है, अतः यह आवश्यकता हैकि शिक्षक इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने कौशल और दक्षता में निरंतर वृद्धि करते रहें। स्वामी शुकदेवानंद कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ अवनीश कुमार मिश्र ने एसएस कालेज के इग्नू अध्ययन केंद्र पर इग्नू बीएड की द्वितीय वर्ष की बारह दिवसीय कार्यशाला के समापन पर बोलते हुए यह बात कही। उन्होंने कहाकि शिक्षक को विद्यालय में परामर्शदाता, नेतृत्वकर्ता, ज्ञानप्रदाता, सुलभकर्ता, अभिभावक जैसी अनेक भूमिका का निर्वहन करना पड़ता है, जिससे चरित्र निर्माण व्यक्तित्व विकास और कौशल का निर्माण होता है अतः इन दायित्वों के भलिप्रकार निर्वहन हेतु उन्हें विभिन्न कलाओं में पारंगत होने की आवश्यकता है, उन्हें निरंतर अध्ययनरत रहना चाहिए। डॉ अवनीश कुमार मिश्र ने कहाकि कार्यशाला विकास का बहुत ही प्रभावशाली माध्यम होती है, इस कार्यशाला से सभी में निश्चित ही सकारात्मक बदलाव हुआ है।
इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक डॉ प्रभात शुक्ल ने इस अवसर पर कहाकि कार्यशाला में परामर्शदाताओं ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षुओं को आवश्यक दक्षताओं की यथासम्भव जानकारी प्रदान की, जिससे आशा हैकि वे सभी इन कौशलों का प्रयोग करते हुए अपने शिक्षण को प्रभावशाली बनाने का प्रयास करते रहेंगे। परामर्शदाता डॉ अमित शर्मा ने कहाकि विद्यार्थी तथा समाज अपने शिक्षक को उनमें आशाभरी निगाहों से देखते हैं, उनकी आशाओं पर खरा उतरना शिक्षकों का मूल दायित्व है। उन्होंने कहाकि शिक्षण केवल एक व्यवसाय ही नहीं वरन एक नैतिक दायित्व है, जोकि पूर्ण मनोयोग से ही सम्भव है। परामर्शदाता डॉ राजीव सिंह ने कहाकि शिक्षक को नित प्रतिदिन विभिन्न शैक्षिक समस्याओं का सामना करना होता है, जिनका समाधान वह अपने शिक्षण कौशल और अनुभव से करता है, इन समस्याओं के समाधान केलिए कार्यशाला में आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए। परामर्शदाता अमित कुमार ने कहाकि विकास की निरंतरता केलिए जीवन में किसी प्रेरक का होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहाकि प्रशिक्षु अपने जीवन में किसी आदर्श तथा प्रेरक का चुनाव करते हुए उसके मार्गदर्शन से अगर स्वयं तथा अपने शिक्षण के विकास पथ पर बढ़ेंगे तो निश्चित ही सफलता प्राप्त करेंगे।
इग्नू कार्यशाला कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया। प्रशिक्षु प्रेक्षा अवस्थी ने कुमकुम तिलक लगाकर और समन्वयक डॉ प्रभात शुक्ल ने अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट करके अतिथियों का स्वागत किया। प्रशिक्षु अमिता शुक्ला, सरस्वती वंदना तथा अद्वितीय श्रीवास्तव ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया, इसके पश्चात प्रत्येक ग्रुप के प्रशिक्षु ने कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रशिक्षुओं की स्वरचित कविता, कहानी पाठ किया गया तथा प्रशिक्षु विपिन मिश्रा, कुलदीप, नीरज बाजपेयी, कंचन चौरसिया, मधु आर्या, योगेश कुमार, शुभम यादव ने भी कार्यशाला में फीडबैक दिया। समन्वयक डॉ प्रभात शुक्ल ने स्वागत परिचय दिया तथा प्रशिक्षु अनम आफताब ने आभार व्यक्त किया। डॉ मनोज मिश्र, राहुल शुक्ल, अखिलेश तिवारी, राजीव यादव, अमित गुप्ता, रामअवतार, रोहित सिंह, संजय कुमार, सौरभ मिश्र, गौरव शर्मा, अभिषेक बाजपेई, शैलेंद्र मिश्र, प्रिया शर्मा, डॉ प्रियंका शर्मा, अरविंद शुक्ल की उपस्थिति उल्लेखनीय है।