स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 25 June 2024 04:41:55 PM
लेह। लद्दाख को 97 प्रतिशत से अधिक साक्षरता प्राप्त करने पर पूर्ण कार्याशील साक्षरता प्राप्त करनेवाली प्रशासनिक इकाई घोषित किया गया है। केंद्रशासित राज्य लद्दाख के उपराज्यपाल डॉ बीडी मिश्रा ने सिंधु सांस्कृतिक केंद्र लेह में आयोजित 'उल्लास'-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम' में यह जानकारी दी। उन्होंने कहाकि यह उपलब्धि लद्दाख की आधारभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान तथा सभी केलिए महत्वपूर्ण जीवनकौशल के माध्यम से अपने नागरिकों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता प्रकट करती है। उपराज्यपाल ने शिक्षार्थियों और स्वयंसेवियों को आजीवन सीखने के मार्ग पर चलते रहने केलिए प्रेरित किया। उन्होंने कहाकि अपने बच्चों को स्कूल भेजना माता-पिता की जिम्मेदारी है। उन्होंने छात्रों से न केवल रोज़गार की तलाश करने, बल्कि रोज़गार के अवसर पैदा करने केबारे में भी सोचने का आह्वान किया। नई शिक्षा नीति-2020 प्रस्तुत करने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहाकि यह नीति देश के भविष्य के विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी, एलएएचडीसी करगिल के अध्यक्ष डॉ मोहम्मद जाफर अखून की उपस्थिति में लद्दाख को पूर्ण कार्याशील साक्षरता प्राप्त करनेवाली प्रशासनिक इकाई की घोषणा की गई। संजय कुमार ने इस उपलब्धि पर लद्दाख के लोगों को बधाई दी और उन्हें आश्वस्त कियाकि शिक्षा मंत्रालय लद्दाख की स्कूली शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने केलिए हर संभव समर्थन देगा। उन्होंने कहाकि शिक्षा में दुनिया को बदलने की शक्ति है और जैसाकि नाम से ही इंगित होता है, यह नए शिक्षार्थियों केलिए अपार प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने इस बातपर भी प्रकाश डालाकि 'उल्लास' मॉडल स्वयंसेवा पर आधारित है, जिसमें स्वयंसेवी किसी पुरस्कार की आशा किए बिना उल्लास मोबाइल ऐप के माध्यम से पंजीकरण करते हैं और केवल गैरसाक्षरों को पढ़ाते हैं, जो इस कार्यक्रम का वास्तविक सौंदर्य है। संजय कुमार ने दृढ़ता की प्रेरक कहानियों का भी उल्लेख किया जैसे-बर्फीली परिस्थितियों में परीक्षा देना, जो साक्षरता केलिए लद्दाख के जुनून को रेखांकित करता है। संजय कुमार ने कहाकि यह उपलब्धि लद्दाख में स्थायी सकारात्मक बदलाव और अंतहीन अवसरों केलिए मंच तैयार करती है।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहाकि यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की सिफारिशों के अनुरूप है और इसका उद्देश्य सभी पृष्ठभूमि से 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को सशक्त बनाना है, जो उचित स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके। उन्होंने कहाकि इसका उद्देश्य उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना है, ताकि वे देश की विकासगाथा में अधिक योगदान दे सकें। योजना में पांच घटक शामिल हैं, मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा। 'उल्लास' योजना का उद्देश्य भारत-जन-जन साक्षर बनाना है और यह कर्तव्यबोध की भावना पर आधारित है। इसे स्वेच्छा के आधार पर लागू किया जा रहा है। इस योजना से अबतक देशभर में 77 लाख से अधिक लोग लाभांवित हुए हैं। 'उल्लास' मोबाइल ऐप में 1.29 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 35 लाख स्वयंसेवी शिक्षक हैं। इस अवसर पर लद्दाख के स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजीव खिरवार और 500 से अधिक नव साक्षर एवं स्वयंसेवी उपस्थित थे। समारोह में नव साक्षर और स्वयंसेवी शिक्षकों का अभिनंदन और स्कूल विभाग की वार्षिक उपलब्धि रिपोर्ट 2023 का विमोचन भी किया गया। गणमान्य व्यक्तियों ने उल्लास मेले का अवलोकन किया।