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साहसी लक्ष्यों केलिए पर्वतारोहण जरूरी-शाह

गृहमंत्री ने एनडीआरएफ के पर्वतारोहियों को किया सम्मानित

'विजय का जुनून ही महान साहसी और बलवान बनाता है'

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Saturday 29 June 2024 05:10:35 PM

home minister honored the mountaineers of ndrf

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एनडीआरएफ के दूसरे पर्वतारोहण अभियान 'विजय' के 21625 फुट ऊंचे माउंट मणिरंग पर सफल पर्वतारोहण से लौटने पर आज नई दिल्ली में सम्मान किया। इस अवसर पर अमित शाह ने कहाकि अदम्य साहस केसाथ इतनी ऊंचाई पर जाने वाले जवानों के कठिन अभियानों से जवान और उसके आत्मबल में शक्ति की वृद्धि होती है। उन्होंने कहाकि ऐसे कठिन अभियानों से लक्ष्य सिद्ध करने, विजय प्राप्त करने और अकल्पनीय कठिनाइयों को पार करने की आदत पड़ती है। उन्होंने कहाकि विजय का जुनून ही महान साहसी और बलवान बनाता है और ये जीवन में सत्मार्ग पर चलने, विजयी बनने और विश्वास में वृद्धि का सबसे बड़ा स्रोत है। गृहमंत्री ने कहाकि आज पर्वतारोहण अभियान 'विजय' में कुछ जवानों ने सफलता प्राप्त की है, लेकिन सही मायनों में यह पूरे एनडीआरएफ की सफलता है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि एनडीआरएफ के जवानों ने सिर्फ मणिरंग पर्वत की ऊंचाई पर विजय प्राप्त नहीं की है, बल्कि पूरे एनडीआरएफ का हौसला बढ़ाने का काम किया है। गृहमंत्री ने कहाकि पर्वतारोहण सिर्फ एक स्किल नहीं है, बल्कि जीवन जीनेकी कला है और इस कला को सिद्धहस्त करना पूरे जीवन केलिए एक शिक्षा बनता है। गृहमंत्री ने अभियान विजय में सफलता प्राप्त करने वाले 35 जवानों और एनडीआरएफ के महानिदेशक को इस शानदार उपलब्धि केलिए बधाई दी। अमित शाह ने कहाकि एनडीआरएफ के जवानों का 21600 फुट से अधिक की ऊंचाई पर तिरंगा फहराना पूरे बल केलिए बहुत बड़ी सिद्धि है। उन्होंने कहाकि एक ज़माने में भारत में आपदा को लेकर हमारा दृष्टिकोण सिर्फ राहत केंद्रित था, लेकिन अब आपदा प्रबंधन केलिए राहत केंद्रित अप्रोच नहीं, बल्कि ज़ीरो कैजुअल्टी अप्रोच को अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि आपदा से निपटने की अप्रोच हमारी बहुत बड़ी यात्रा है। उन्होंने कहाकि आपदा से निपटने केलिए भारत ने पिछले 10 साल में दुनियाभर की बेस्ट प्रैक्टिसिस को ज़मीन पर उतारा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि इन 10 साल में उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देकर एनडीआरएफ बल का हौसला बढ़ाने, बल की पर्याप्त संख्या, देश में हर जगह बल के जवानों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, आपदा के आंकलन केलिए अग्रिम सूचना से एनडीआरएफ और एनडीएमए का एक विजयी गठजोड़ बनाने का काम हुआ है। उन्होंने कहाकि आज देश या दुनिया में कहीं भी कोई आपदा आती है तो सभी लोग एनडीआरएफ की तरफ देखते हैं। अमित शाह ने कहाकि एनडीआरएफ के जवानों को देखकर आपदा में फंसे लोगों का हौंसला कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहाकि जिस प्रकार इस पर्वतारोहण अभियान में सफलता प्राप्त करने केलिए एनडीआरएफ के 35 जवानों ने पल-पल की जागरुकता केसाथ अपने आपको लक्ष्य से जोड़ा है, उसी प्रकार एनडीआरएफ को ज़ीरो कैजुअल्टी के लक्ष्य केसाथ स्वयं को जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहाकि उपलब्धि कभी संतुष्टि का कारण नहीं बनना चाहिए, बल्कि इसे और कठिन लक्ष्य तय करने का कारण बनना चाहिए।
अमित शाह ने कहाकि तुर्की हो या सीरिया, बिपॉरजॉय हो या मिचुआंग, रोपवे की घटना या पर्वतारोहियों को बचाना, उत्तरकाशी में सुरंग फंसे श्रमिकों को बचाने की साहसिक उपलब्धि हो, जापान का ट्रिपल डिज़ास्टर हो या नेपाल का भूकंप, जहां भी एनडीआरएफ के जवान गए हैं, वहां अपना लक्ष्य प्राप्त करके ही वापस लौटे हैं। गृहमंत्री ने कहाकि भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण सभी जगह हिमस्खलन, भूस्खलन, बाढ़ और तूफान जैसे खतरे बढ़ने वाले हैं और इन्हें ध्यान में रखते हुए हमें विज्ञान का सहारा लेकर ज़ीरो कैज़ुअल्टी के लक्ष्य की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहाकि हमें अभीभी जंगल में लगने वाली आग जैसे कई क्षेत्रों में अपनी कार्यकुशलता बढ़ाने केसाथ ही परिणाम भी लाने हैं। गृहमंत्री ने कहाकि जंगल की आग के समय सिर्फ मानव जीवन और वन्य प्राणियों का जीवन बचाना तो हमारा उद्देश्य है ही, जंगलों का बचाव कैसे हो और हम ऐसा क्या कर सकते हैंकि आग लगे ही नहीं, जिससे दोनों का जीवन और वन सम्पदा का संरक्षण हो सके, इसके लिए दुनियाभर में होने वाले प्रयोगों को ज़मीन पर उतारना पड़ेगा। अमित शाह ने कहा कि बादल फटने से आनेवाली बाढ़ केलिए हमें अपने आपको और अधिक तैयार करने की ज़रूरत है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार ने एनडीआरएफ के विकास, ट्रेनिंग और बल को आधुनिक संसाधन मुहैया कराने केलिए लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है, इसके लिए कभी बजट की ओर नहीं देखा गया है। उन्होंने कहाकि हमें भारत में एक ऐसा बल बनाना चाहिए जो पूरे देश में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सर्वप्रथम हो। अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आपदा प्रबंधन केप्रति बहुत चिंतित और सजग रहते हैं और इस क्षेत्रमें भारत द्वारा प्राप्त की गई कामयाबी इसीका परिणाम है। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 10 साल में आपदा राहत के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को मिलाकर कुल 66,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित हुआ था, जो 2014 से 2024 के 10 साल में बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपए हो गया है। उन्होंने कहाकि यही बताता हैकि आपदा को लेकर भारत सरकार की कितनी तैयारी है। अमित शाह ने कहाकि डायल 112 हो, मौसम, दामिनी, मेघदूत इस तरह की मोबाइल एप्लीकेशन हो या अर्ली वार्निंग का सिस्टम हो केंद्र सरकार हर तरह से एनडीआरएफ को वैज्ञानिक सहायता उपलब्ध करवा रही है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि बहुत समय से एनडीआरएफ कर्मियों केलिए जोखिम और कठिनाई भत्ते की मांग की जारही थी और कलही भारत सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है, अब एनडीआरएफ के 16000 कर्मियों को 40 प्रतिशत की दर से जोखिम और कठिनाई भत्ता मिलेगा। अमित शाह ने कहाकि सरकार ने ये भी निर्णय किया हैकि अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में सभी आउटडोर और इंडोर खेलों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की एक टीम हिस्सा लेगी, इसके लिए पूरा रोडमैप बन चुका है और इसके कर्यांवयन केलिए जल्ह ही सरकार एक मॉडल बनाकर देश के सामने लाएगी। उन्होंने कहाकि सरकार केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में खेलों को संस्कार के रूपमें स्थापित करना चाहती है। गृहमंत्री ने आपदा प्रबंधन उपकरण और फोटो प्रदर्शनी का भ्रमण भी किया। इसमें एनडीआरएफ कर्मियों के अभियानों में प्रयोग किए जानेवाले अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकों को दर्शाया गया है। भारत और तुर्की में आपदा प्रबंधन अभियानों में शामिल बचाव दलों के लीडर्स ने गृहमंत्री को प्रदर्शनी के बारे में बताया। गृहमंत्री ने बाढ़ के दौरान बचाव अभियान, भूस्खलन, ढांचों के मलबे में खोज व बचाव अभियान, कैमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर रिस्पॉंस मैकेनिज़्म, पर्वत बचाव अभियान, बोरवैल बचाव अभियान और तूफान प्रतिक्रिया आदि के बारेमें विस्तार से जाना। इस अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव और एनडीआरएफ के महानिदेशक भी उपस्थित थे।

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